‘टोबा टेक सिंह’ से हो रही जागरण फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत
इस बार जागरण फिल्म फेस्टिवल का आयोजन नई दिल्ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में एक से पांच जुलाई तक होगा। फेस्टिवल में इस बार कुल 112 देशों से एंट्री आई हैं।
मुंबई। देश दुनिया की फिल्मों से रूबरू कराते जागरण फिल्म फेस्टिवल का शुक्रवार यानि आज से शुभारंभ हो रहा है। छह वषों में देश के इकलौते घुमंतू फेस्टिवल के रूप में इसकी पहचान बन चुकी है। इस बार जागरण फिल्म फेस्टिवल का आयोजन नई दिल्ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में एक से पांच जुलाई तक होगा। उसके बाद यह कारवां देश के 16 छोटे-बड़े शहरों में जाएगा। इसकी शुरुआत फिल्म ‘टोबा टेक सिंह’ से होगी।
जागरण फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली फिल्म ‘टोबा टेक सिंह’ सआदत हसन मंटो की लघुकथा पर आधारित है। यह देश विभाजन के समय लाहौर के पागलखाने में बंद पागलों पर है। फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन जाने माने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और फिल्मकार सुधीर मिश्र करेंगे।
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फेस्टिवल में इस बार कुल 112 देशों से एंट्री आई हैं। वर्ल्ड पैनोरमा सेक्शन के तहत फेस्टिवल में रशीद बौचरेब निर्देशित अल्जीरियन फिल्म ‘रोड टू इस्तांबुल’, ली तमहोरी की ‘द पैटिआर्क’, रॉबर्ट दोवेरिस की ‘द प्लांट्स’ समेत कई फिल्मों का समावेश किया गया है। फेस्टिवल की ज्यूरी हेड अभिनेत्री सारिका हैं। वहीं, तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी की अध्यक्षता पद्मभूषण जानू बरूआ करेंगे।
इस बार कंट्री फोकस क्यूबा होगा। क्यूबा के राजदूत जे. मार्टिनेज का कहना है, ‘हमारे लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है कि हम भारत के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल से जुड़ रहे हैं।’ जागरण फिल्म फेस्टिवल इस बार भी देश दुनिया की 50 शॉर्ट फिल्मों से गुलजार होगा। फेस्टिवल में इस बार कुछ नई श्रेणियां जोड़ी गई हैं। मसलन सिंगल प्रोग्राम और जागरण डिस्कवरी। ‘सिंगल प्रोग्राम’ के तहत भारतीय और पाकिस्तानी फिल्मकारों की 11 अनूठी फिल्में प्रदर्शित होंगी। इन्हें थिएटर रिलीज से पहले जागरण फेस्टिवल में दिखाया जाएगा। इस मौके पर सबीहा समर समेत कई पाक फिल्ममेकर मौजूद रहेंगे।
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‘जागरण डिस्कवरी’ के तहत उन फिल्मकारों की फिल्में प्रदर्शित होंगी जिन्हें पर्याप्त स्क्रीन नहीं मिल पाती। रेट्रोस्पेक्टिव कैटेगरी में नसीरुद्दीन शाह की फिल्में प्रदर्शित होंगी। हिंदी सिनेमा में कई नए आयाम जोड़ने वाले महान फिल्मकार वी. शांताराम को ट्रिब्यूट देने के लिए उनकी फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके तहत ‘दो आंखें बारह हाथ’, ‘गीत गाया पत्थरों ने’, ‘डॉ. कोटनिस की अमर कहानी’, ‘शकुंतला’, ‘झनक झनक पायल बाजे’ आदि का प्रदर्शन होगा। ‘द लिजेंसी ऑफ वी. शांताराम’ विषय पर एक घंटे का सेमिनार भी आयोजित होगा।