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जा‍गरण फिल्म फेस्टिवल का दूसरा दिन भी रहा धमाकेदार

मुंबई में चल रहे जागरण फिल्म फेस्टिवल को दर्शकों, सिनेप्रेमियों और फिल्मकारों की जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। पहले दिन की ही तरह दूसरे दिन

By rohitEdited By: Published: Wed, 24 Sep 2014 01:03 PM (IST)Updated: Wed, 24 Sep 2014 01:12 PM (IST)
जा‍गरण फिल्म फेस्टिवल का दूसरा दिन भी रहा धमाकेदार

अमित कर्ण, मुंबई। मुंबई में चल रहे जागरण फिल्म फेस्टिवल को दर्शकों, सिनेप्रेमियों और फिल्मकारों की जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। पहले दिन की ही तरह दूसरे दिन भी दर्शकों और फिल्मकारों की भारी तादाद फिल्में देखने और सिनेमा पर केंद्रित विमर्श को सुनने और समझने जुटी।

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दूसरे दिन फिल्मों का आनंद लेने वालों में गैर हिंदी-भाषी दर्शक भी रहे क्योंकि ज्यादातर फिल्में सार्क और आसियान देशों की थीं। मलयाली और मराठी फिल्मों का मजा लेने के लिए भी भारी संख्या में दर्शकों ने मौजूदगी दर्ज कराई।

सिनेप्रेमियों के लिए फिल्मों के अलावा फिल्म निर्माण से संबंधित वर्कशॉप और कॉफी टेबल पैनल डिस्कशन सोने पे सुहागा रहे। विमर्श में सिनेजगत के जानकारों ने इच्छुक फिल्मकारों को फिल्म निर्माण की बारीकियों से अवगत कराया। दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण रहे दिबाकर बनर्जी ने फिल्म निर्माण के इच्छुक लोगों के बीच अपने विज्ञापन के दिनों से लेकर फिल्म निर्माण के दिनों तक के अनुभव साझा किए। साइप्रस के फिल्म प्रतिनिधिमंडल ने सब्सिडी वाले शूटिंग लोकेशन और प्रशासन की ओर से मिलने वाली सुविधाओं और रियायतों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्मकार आएं और दोनों देशों के बीच के रिश्ते को और मजबूत करें तथा दोनों देशों के बीच फिल्म टूरिज्म को रवानगी प्रदान करें।

दोपहर बाद कॉफी टेबल पैनल डिस्कशन का आयोजन हुआ, जिसे फिल्म एक्टिविस्ट अविनाश दास ने संचालित किया। इस सत्र में उन्होंने कमर्शियल सिनेमा में किस्सागोई की बेचैनी को पूरा करने की गुंजाइश का मुद्दा उठाया। इस पर जानकारों ने कहा कि आज के दौर में अलहदा किस्म की कहानियां लिखने वालों की मांग सबसे ज्यादा है। सिर्फ मसाला फिल्में लिखने वालों के लिए ज्यादा गुंजाइश नहीं है। लीक से हटकर कहानी लिखने वाले फिल्मकारों के लिए बॉलीवुड पलक पांवड़े बिछाए रहता है। पैनल में दिबाकर बनर्जी के अलावा मशहूर सिनेमेटोग्राफर मधु अंबट, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक कविता लंकेश और ऑस्ट्रिया की फिल्म 'द वुड्स आर स्टिल ग्रीन' के कलाकार मिखाइल क्रिस्टॉफ मौजूद थे। परिचर्चा के दौरान साइरस दस्तूर, गोवा के शॉर्ट फिल्म सेंटर के संस्थापक मनोज श्रीवास्तव, पॉकेट फिल्म्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर मोदी की उपस्थिति भी रही।
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