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केदारनाथ सिंह को इस तरह याद कर रहे हैं गीतकार इरशाद कामिल

इरशाद कहते हैं कि अज्ञेय हिंदी के बड़े कवि रहे। अज्ञेय ने कुछ सप्तक प्रस्तुत किये थे, उनका तीसरा सप्तक डॉ. केदारनाथ द्वारा लिखा हमेशा पसंद किया जाता रहा।

By Rahul soniEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 07:55 PM (IST)
केदारनाथ सिंह को इस तरह याद कर रहे हैं गीतकार इरशाद कामिल
केदारनाथ सिंह को इस तरह याद कर रहे हैं गीतकार इरशाद कामिल

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मशहूर कवि और साहित्यकार डॉ. केदारनाथ सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। सोमवार को उनके निधन के बाद साहित्य की दुनिया में शोक का माहौल है। ऐसे में मशहूर गीतकार इरशाद कामिल ने उन्हें याद किया है।

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इरशाद कहते हैं कि उन पर केदारनाथ की कविताओं और रचनाओं का गहरा असर रहा है। इरशाद बताते हैं कि उनसे उनकी मुलाकातें खास रही हैं। वह अब तक उनसे तीन बार मिल चुके हैं। लेकिन वह कहते हैं कि उनकी रचनाओं ने उन्हें प्रभावित किया है और वह उनसे हमेशा ही इंस्पायर होते रहे हैं। वह कहते हैं कि उन्होंने उनकी सारी रचनाएं पढ़ी हैं। केदारनाथ की रचना अकाल में दूब उनकी पसंदीदा रचना रही है। इरशाद कहते हैं कि अज्ञेय हिंदी के बड़े कवि रहे। अज्ञेय ने कुछ सप्तक प्रस्तुत किये थे, उनका तीसरा सप्तक डॉ. केदारनाथ द्वारा लिखा हमेशा पसंद किया जाता रहा। उन्होंने जो कुछ लिखा हुआ है, वह समकालीन हिंदी कविता के लिए एक दिशा दी है।

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इसके अलावा उन्होंने रोजमर्रा की जिंदगी में एक अलग टच जो उनकी लिखावट में नजर आती है और वह जो एक टच होता है, वह कहीं और दिखाई नहीं देता है। इरशाद कहते हैं कि केदारनाथ का सबके बड़ा योगदान यही है कि वह समकालीन हिंदी कविता के मूर्धन्य कवि रहे। उनकी कविता उसका हाथ मैंने अपने हाथ में लिया... मुझे हमेशा प्रिय रही है। उनकी जूते कविता भी मुझे बेहद पसंद है, जिसमें वह कहते हैं कि सभा खत्म हो गई और दो जोड़ी जूते रह जाती है। इस कविता का सार ही यही था कि दुनिया में जो कुछ भी कहा गया है, किया गया है, उसकी औकात जूतों से अधिक नहीं हैं।

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बता दें कि इरशाद कामिल हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री के उन गीतकारों में से एक माने जाते हैं, जिन्होंने अब भी पोएट्री को ज़िंदा रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उनकी रचनाओं में हमेशा पोएट्री नजर आती है। खास बात यह है कि अंतर्राष्ट्रीय पोएट्री दिवस पर इरशाद ने पोएट्री को लेकर एक अनोखा प्रयोग किया है, जिसे उन्होंने पोएट्री बैंड का नाम दिया है। इंक बैंड के रूप में इरशाद ने कुछ ऐसे सिंगर्स की टीम बनाई है, जिसमें वह पोएट्री के साथ म्यूजिक के समावेश को एक नया रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। इरशाद ने इस बैंड के लिए पोएट्री खुद लिखी है और अब तक वह इस टीम के साथ कई शोज कर चुके हैं। 21 मार्च से उनके यूट्यूब चैनल पर हर हफ्ते एक नयी पोएट्री और म्यूजिक के तालमेल के साथ उनकी टीम रूबरू होगी।


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