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EXCLUSIVE INTERVIEW: Miss India 2018 अनुकृति लाना चाहती हैं दूसरों के चेहरों पर मुस्कान, पढ़िए बातचीत

मुंबई में आयोजित प्रतियोगिता में तमिलनाडु की अनुकृति दास ने मिस इंडिया का क्राउन जीता था। हरियाणा की मीनाक्षी चौधरी फ‌र्स्ट रनर-अप रही और दूसरी रनर-अप आंध्र प्रदेश की श्रेया राव रही थी।

By Rahul soniEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 03:31 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 07:53 AM (IST)
EXCLUSIVE INTERVIEW: Miss India 2018 अनुकृति लाना चाहती हैं दूसरों के चेहरों पर मुस्कान, पढ़िए बातचीत
EXCLUSIVE INTERVIEW: Miss India 2018 अनुकृति लाना चाहती हैं दूसरों के चेहरों पर मुस्कान, पढ़िए बातचीत

राहुल सोनी, मुंबई। पहले अॉडिशन से मिस इंडिया के ग्लैमरस स्टेज तक और फिर मिस इंडिया के क्राउन को पाने तक के सफर में हमेशा इस बात का ख्याल रखा है कि औरों के चेहरों पर मुस्कान रहे। इसके लिए हमेशा स्माइल करती हूं और अच्छा करने को कोशिश करती हूं। इससे सामने वाले के चेहरे पर स्माइल आ जाती है मुझे भी खुशी मिलती है। यह कहना है मिस इंडिया 2018 का क्राउन अपने नाम करने वाली अनुकृति दास का। जागरण डॉट कॉम से एक्सक्लूसिव बातचीत में अनुकृति ने पहले दिन से लेकर मिस इंडिया बनने तक के सफर के बारे में बिस्तार से बताया। मुंबई में आयोजित प्रतियोगिता में हरियाणा की मीनाक्षी चौधरी फ‌र्स्ट रनर-अप रही और दूसरी रनर-अप आंध्र प्रदेश की श्रेया राव रहीं जिन्होंने भी अपने दिलचस्प सफर को लेकर बातचीत की। तीनों का एक सुर में कहना था कि उनका सपना मिस इंडिया के स्टेज तक पहुंचना था और अब यह जिम्मेदारी है कि इंटरनेशनल लेवल पर भारत को रिप्रेजेंट करें। पढ़िए तीनों से पूरी बातचीत -

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मिस इंडिया 2018 का ताज पहनने वाली अनुकृति दास से खास बातचीत -

क्या फिल्मों को लेकर कोई टारगेट है?

अभी तो एेसा कुछ भी टारगेट नहीं रखा है कि फिल्में करना है। हां, अगर फिल्मों के अॉफर आते हैं तो मैं जरूर करूंगी। लेकिन शुरूआत से एेसा कभी नहीं प्लान किया था कि फिल्मों में काम करना है। पहला फोकस हमेशा से ही मिस इंडिया रहा है।

मिस इंडिया तक पहुंचने का सफर कब शुरू हुआ

मेरी एक दोस्त ने मुझे कहा कि अॉडिशन देना चाहिए। उस समय मैं टीवी में देखती थी। मिस इंडिया का क्राउन पहनते हुए प्रियंका चोपड़ा और सुष्मिता सेन को देखा है। तो मन में एेसा सपना तो था कि मेरे सिर पर भी कभी मिस इंडिया का क्राउन हो। यहीं से इस सपने को सच करने का सफर शुरू हो गया था। धीरे-धीरे आगे बढ़ी और मिस तमिलनाडु बनी तो कॉन्फीडेंस और बढ़ा। पर यह कभी नहीं सोचा कि मंजिल करीब है तो मेहनत कम कर दूं। पहले से ज्यादा मेहनत की और अपने आप पर काम किया और इम्प्रूव किया।

मां ने किस प्रकार सपोर्ट किया

मां का 99 फीसदी सपोर्ट रहा है और उनके कारण ही इस क्राउन को पहन पाई हूं। वो सिंगल मदर हैं तो पूरी परवरिश की जिम्मेदारी उनके ऊपर ही थी। समय-समय पर उन्होंने मेरी गल्तियों को सुधारा और आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया।

कोई इमोशनल मोमेंट जो हमेशा याद रहेगा

मैं मिस तमिलनाडु का खिताब अपने नाम कर चुकी थीं। इसके बाद तैयारियां मिस इंडिया 2018 को लेकर चल रही थी। लेकिन इस बीच एक समय आया जब मैं बहुत नेगेटिव सोच रही थी कि मैं कैसे यह सब करूंगी। इस दौरान मेरी मां ने मुझे याद दिलाया कि मैंने मिस तमिलनाडु कड़ी मेहनत से जीता था और मेरा सपना मिस इंडिया है। इसके बाद मैंने बहुत पॉजीटिवली काम करना शुरू किया और फोकस सिर्फ मिस इंडिया ही रखा।

जब क्राउन आपके नाम हुआ तब क्या फीलिंग थी

मुझे यह अच्छे से याद है कि मेरी जीत पर मिस केरल खुशी से रो रही थी। उस समय मुझे लगा कि मेरी जीत कितनी मायने रखती है और लोग मेरे बारे में कितना सोचते हैं। जब मिस इंडिया का फाइनल अनाउंसमेंट हुआ तब मां के चेहरे पर निगाह डाली तो उनकी भी आंखों में खुशी के आंसू थे।

अब आगे क्या टारगेट रहेगा

मिस इंडिया 2018 क्राउन पहनने के बाद जिम्मेदारी बढ़ गई है और इसे अच्छे से निभाना है। इसके साथ मिस वर्ल्ड का खिताब जो हमें 17 सालों बाद मिला है उसको भारत के पास ही फिर से लाने की कोशिश रहेगी। भारत ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर यह तो दिखा ही दिया है कि इंडियन ब्यूटी विद् ब्रेन है और इसे बरकरार रखना है।

हरियाणा की मीनाक्षी चौधरी फ‌र्स्ट रनर-अप रही हैं। मीनाक्षी का मानना है कि उनका सपना अब हकीकत में बदल चुका है। पढ़िए बातचीत - 

आर्मी परिवार से हैं तो क्या एक फाइटर वाली फीलिंग रही है

मुझे आर्मी परिवार से होने का यह फायदा मिला है कि मैं जिम्मेदारियों को बचपन से ही अच्छे से निभाती आई हूं। डिस्प्लिन में रही हूं और फोक्स्ड भी। हमेशा अपने काम को समय पर करना सीखा है। अब इतनी बढ़ी जिम्मेदारी मिली है कि मिस इंडिया 2018 फर्स्ट रनर-अप रही हूं, तो अब लगता है कि इस जिम्मेदारी को और बेहतर तरीके से निभाना है। यह ताज मिला है तो इसकी पूरी तरह से इज्जत हमेशा रहेगी। वो फाइटर वाली स्पिरिट अपने काम को लेकर हमेशा से रही है क्योंकि आर्मी परिवार से हूं। 

गर्ल्स की स्थिति को लेकर क्या कहना है आपका?

आज भारत हर क्षेत्र में आगे हैं और आगे बढ़ता ही जा रही है। बात करें गर्ल्स की तो ग्रोथ हो रही है। ब्यूटी पेजेंट्स की दुनिया में भी भारत आगे है। ब्यूटी विद् ब्रेन का कंसेप्ट यहां फिट बैठता है तब ही हमारी पूरी विश्व में इतनी कद्र है।

सबसे बड़ी खुशी क्या है?

आज जब मेरे मां-पिता के चेहरे पर मुस्कान देखती हूं तो मुझे खुशी मिलती है। एेसा सोचती हूं कि मैंने कुछ एेसा किया है जिससे उन्हें मुझपर गर्व होगा। यही हमेशा से मेरी कोशिश रही है।

दूसरी रनर-अप रही आंध्र प्रदेश की श्रेया राव का मानना है कि मिस इंडिया के स्टेज तक पहुंचने का सपना सच हो गया है। पढ़िए बातचीत -

सपना सच होने में कितना समय लगा

जब पिछले साल मानुषी छिल्लर को मिस वर्ल्ड का क्राउन पहननते हुए देखा तब से ही यह प्रोसेस के लिए काम करना और तेज कर दिया था कि मिस इंडिया फिनाले के स्टेज तक पहुंचना है। और मुझे इस बात की खुशी है कि यह सपना मेरा एक साल में ही पूरा हो गया है।

बैकस्टेज माइंड में क्या चल रहा था

जब फाइनल अनाउंसमेंट होने जा रहा था तब मैं सिर्फ यही सोच रही थी कि, जो भी बेस्ट डिजर्विंग कैंडिडेट हो उसे ही यह मिस इंडिया का क्राउन मिलना चाहिए। मैं इस मौके पर बिल्कुल भी स्वार्थी नहीं हुई थी। मुझे यह पता था जो भी कुछ हो रहा है सबकी खुशी के लिए हो रहा है।

मिस इंडिया से जुड़ा इमोशनल मोमेंट जो हमेशा याद रहेगा

जब मुझे रनर अप का खिताब मिल रहा था तो मेरे पिता मेरा वीडियो बना रहे थे। और जब मैंने उन्हें देखा तो उनकी आंखों में आंसू थे। उस समय मुझे लगा कि मैंने कुछ तो अच्छा किया है जिस कारण इतना प्यार मुझे मिल रहा है।


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