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इलियाना डिक्रूज़ ऐसे बनीं देश की सबसे बड़ी ‘सनसनी’

इन नामों को हैकर्स इसलिए इंटरनेट पर इस्तेमाल करते हैं ताकि लोग बदनाम या गलत कारणों के लिए बनाई गई वेबसाइट्स की तरफ़ आकर्षित हो सकें।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 09:44 AM (IST)
इलियाना डिक्रूज़ ऐसे बनीं देश की सबसे बड़ी ‘सनसनी’
इलियाना डिक्रूज़ ऐसे बनीं देश की सबसे बड़ी ‘सनसनी’

मुंबई। कपिल शर्मा के अभी अच्छे दिन नहीं आये हैं। एक समय था जब वो टीवी से लेकर बड़े परदे तक हिट थे। सुपरस्टार्स की जमात में शामिल थे लेकिन सेहत बिगड़ी और शो गया तो अब तक संघर्ष कर रहे हैं। पिछले साल मोस्ट सेंसेशनल सेलेब्रिटी थे लेकिन इस बार इलियाना डिक्रूज़ ने उन्हें हरा दिया है।

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दरअसल मैक्फी मोस्ट सेंसेशनल सेलेब्रिटी सर्वे के 12 वें एडिशन का ऐलान किया गया है जिसमें इलियाना डिक्रूज़ नंबर वन पर हैं। पिछली बार ये जगह कपिल शर्मा के नाम थी। आपको बता दें कि ये सर्वे उन लोगों को ध्यान में रख कर किया गया है जिनके नामों को हैकर्स इसलिए इंटरनेट पर इस्तेमाल करते हैं ताकि लोग बदनाम या गलत कारणों के लिए बनाई गई वेबसाइट्स की तरफ़ आकर्षित हो सकें। हैकर्स की तरफ़ से इस बार जिस नाम का सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया वो ग्लैमर गर्ल इलियाना रहीं। उनके बाद प्रियंका चोपड़ा दूसरे और दीपिका पादुकोण तीसरे नंबर पर रहीं। इस लिस्ट में प्रीति जिंटा, तब्बू, कृति सनोन, अक्षय कुमार, ऋषि कपूर, परिणीति चोपड़ा और गोविंदा का नाम भी शामिल है।

मैक्फी के 11वें संस्करण में सलमान खान (नंबर दो) और आमिर खान (नंबर तीन) भी थे और प्रियंका चोपड़ा, अनुष्का शर्मा, सनी लियोन, कंगना रनौत, रणवीर सिंह, शाहिद कपूर और टाइगर श्राफ के नाम भी शामिल रहा। दरअसल होता क्या है है कि इंटरनेट के इस बूम दौर में फैन्स अपने स्टार के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते हैं और इस बात का ध्यान नहीं रखते कि वो जिसके बारे में सर्च कर रहे हैं वो जगह सुरक्षित है या नहीं। इसी कारण हैकर्स फ़ायदा उठाते हैं और नेटीजन्स के लिए कुछ ऐसे लिंक्स भेजते हैं जिसके जाल में फंस कर लोग उन साइट्स पर सर्फिंग शुरू कर देते हैं। इसी का फ़ायदा उठा कर बाद में लोगों के कम्प्युटर और मोबाइल से डाटा चुरा लिया जाता है और लाखों की चपत भी लग जाती है।

मैक्फी ने बताया कि सेलेब्रिटी संस्कृति के जरिये साइबर अपराधी लगातार इंटरनेट उपभोक्ताओं को अपने जाल में फंसाने में कामयाब हो रहे हैं। ऐसा करने के पीछे उनकी मंशा इंटरनेट यूजरों को मैलिशियस वेबसाइट्स पर विजिट कराने की होती है। साइबर अपराधी मैलिशियस वेबसाइट्स का इसलिए प्रयोग करते हैं, ताकि वे मैलवेयर को इंस्टाल कर इंटरनेट यूजरों की निजी सूचनाएं और यहां तक कि पासवर्ड भी चुरा सकें।

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