दिलजीत को फिल्म देखने के बाद संदीप सिंह से मिलने वाला है एक स्पेशल गिफ्ट
दिलजीत आगे कहते हैं कि उन्होंने कहा है तो वह देंगे ही. मैं सामने से मांगने नहीं जा रहा. अच्छा नहीं लगता.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। हॉकी लीजेंड 'फ्लिकर किंग' संदीप सिंह के जीवन पर बन रही फिल्म सूरमा काफी चर्चा में है. चर्चाओं की वजह यह रही है कि संदीप सिंह की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है कि किस तरह वह पैरेलाइज्ड होने के बाद दोबारा अपने पैरों पर खड़े हुए और भारत देश के लिए इतने सारे सम्मान हासिल किये.
इस फिल्म में संदीप सिंह के उसी जज़्बे को सलाम करते हुए कहानी कहने की कोशिश की है निर्देशक शाद अली ने. दिलजीत दोसांझ फिल्म में अहम किरदार निभा रहे हैं. जागरण डॉट कॉम से बातचीत में दिलजीत से जब हमने यह पूछा कि क्या उन्हें संदीप सिंह से कोई खास रिवार्ड मिला है इस फिल्म को करने के लिए. दिलजीत बताते हैं कि उन्हें संदीप भाई ने कहा कि जिस स्टिक से उन्होंने सबसे ज्यादा गोल किये हैं, वह उन्हें उपहार में देंगे. शायद फिल्म देखने के बाद दें. दिलजीत आगे कहते हैं कि उन्होंने कहा है तो वह देंगे ही. मैं सामने से मांगने नहीं जा रहा. अच्छा नहीं लगता.
दिलजीत ने बताया कि इस फिल्म की तैयारी में उन्हें कितनी दिक्कतें हुईं चूंकि वह बचपन में भी कोई गेम खेलना पसंद नहीं करते थे. वह कहते हैं कि उन्होंने कभी हॉकी स्टीक पकड़ी भी नहीं थी. हर प्लेयर्स की एक अगल बॉडी लैंग्वेज होती है. ऐसे में स्टांस पकड़ना सबसे टफ था. चूंकि बंदा जब भाग रहा है तो लगना चाहिए कि हॉकी का प्लेयर भाग रहा है. क्रिकेट और हॉकी का शॉट अलग होता है. अगर आप सीधे होकर शॉट लगा रहे हैं तो ऐसा लगेगा कि आप क्रिकेट खेल रहे हैं. हॉकी स्ट्रोक्स ठीक से खेलना थोड़ा मुश्किल है. यहां आपको पंजे पर ज्यादा भागना होता है.शॉट झुक कर मारना होता है.
ऐसे में दिलजीत ने बताया कि उन्हें सिर्फ स्ट्रोक्स को ठीक करने में 15-20 दिन लग गये थे. तीन चार महीने सिर्फ हॉकी ही हॉकी खेली. फिर जब फिल्म शुरू हुई तो हर रोज प्रैक्टिस के लिए जाते थे. हॉकी पर फिल्म है तो सारा दिन हम ग्राउंड पर ही होते थे. शूटिंग के बाद संदीप सिंह और उनके बड़े भाई के साथ फिर से हॉकी खेलते थे. उसके बाद बातें भी हॉकी पर ही होती थी. सूरमा में तापसी पन्नू भी हैं और ये फिल्म 13 जुलाई को रिलीज़ हो रही है।
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