Move to Jagran APP

Happy Birthday Yash Chopra: बॉलीवुड के 'किंग ऑफ रोमांस' थे यश चोपड़ा, फिल्मों में किए थे कई एक्सपेरिमेंट

Happy Birthday Yash Chopra बॉलीवुड के किंग ऑफ रोमांस के नाम से मशहूर यश चोपड़ा का आज जन्मदिन है। उन्हें फिल्मों में एक्सपेरिमेंट के लिए जाना जाता है।

By Mohit PareekEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 05:26 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 08:03 AM (IST)
Happy Birthday Yash Chopra: बॉलीवुड के 'किंग ऑफ रोमांस' थे यश चोपड़ा, फिल्मों में किए थे कई एक्सपेरिमेंट
Happy Birthday Yash Chopra: बॉलीवुड के 'किंग ऑफ रोमांस' थे यश चोपड़ा, फिल्मों में किए थे कई एक्सपेरिमेंट

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के 'किंग ऑफ रोमांस' के नाम से मशहूर यश चोपड़ा ने रोमांटिक फिल्मों से भारतीय सिनेमा में खास जगह बनाई है। उनकी कहानियों में इतने गहरे इमोशन होते थे कि दर्शक उसकी जादू में बंध से जाते थे और उनकी कहानियां दिल को छू जाती है। 27 सितंबर 1932 को जन्में यश चोपड़ा ने 21 अक्टूबर 2012 को दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। जितना भी उनका फिल्मी करियर रहा, उसमें उन्होंने कई ऐसे एक्सपेरिमेंट किए, जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।

loksabha election banner

पंजाब के लाहौर में जन्में यश चोपड़ा के भाई बीआर चोपड़ा इंडस्ट्री के जाने-माने फिल्म मेकर थे। बतौर निर्देशक यश चोपड़ा ने अपने सिने करियर की शुरूआत साल 1959 में अपने भाई के बैनर तले बनी फिल्म 'धूल का फूल' से की। साल 1961 में यश चोपड़ा को एक बार फिर से अपने भाई के बैनर तले बनी फिल्म 'धर्म पुत्र' को निर्देशित करने का मौका मिला। इस फिल्म से ही बतौर अभिनेता शशि कपूर ने अपने सिने करियर की शुरूआत की थी।

किए कई एक्सपेरिमेंट

बॉलीवुड की पहली मल्टीस्टारर फिल्म कही जाने वाली फिल्म वक्त का निर्देशन भी यश चोपड़ा ने ही किया था। उसके बाद जिस वक्त गाने से फिल्में चलती थीं, तब 1969 में यश चोपड़ा ने फिल्म इत्तेफाक बनाई। दिलचस्प बात है कि राजेश खन्ना और नंदा की जोड़ी वाली संस्पेंस थ्रिलर इस फिल्म में कोई गीत नहीं था, बावजूद इसके फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया और उसे सुपरहिट बना दिया। माना जाता है कि यश चोपड़ा ने अमिताभ बच्चन के जरिये गीतकार साहिर लुधियानवी की जिंदगी से जुड़े पहलुओं को रूपहले पर्दे पर पेश किया था।

उनकी नाखुदा, सवाल, फासले, मशाल, विजय जैसी कई फिल्में बॉक्स आफिस पर असफल हो गईं। हालांकि1989 में श्रीदेवी और ऋषि कपूर अभिनीत फिल्म चांदनी की कामयाबी के साथ यश चोपड़ा एक बार फिर से शोहरत की बुंलदियो पर जा पहुंचें। उसके साथ ही उन्होंने भारतीय सिनेमा को दाग, दीवार, कभी-कभी, सिलसिला, चांदनी, लम्हें, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिल तो पागल है, वीर जारी आदि शामिल है।

यश चोपड़ा की आखिरी फिल्म 'जब तक है जान' साल 2012 में प्रदर्शित हुई। अपनी निर्मित फिल्मों के जरिए दर्शकों को रूमानियत का अहसास कराने वाले यश चोपड़ा 21 अक्टूबर 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह गए। उन्हें पद्म पुरस्कार से लेकर दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.