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Happy Birthday Amitabh Bachchan: जब मौत के मुंह से वापस लौटे थे अमिताभ, डॉक्टरों ने मान लिया था डेड

Happy Birthday Amitabh Bachchan कुली 1983 में रिलीज हुई और सुपर हिट रही। जिस सीन के दौरान यह हादसा हुआ था कुछ देर के लिए फ़िल्म में उसे फ्रीज कर दिया गया था। (Photo- Instagram)

By Manoj VashisthEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 03:39 PM (IST)
Happy Birthday Amitabh Bachchan: जब मौत के मुंह से वापस लौटे थे अमिताभ, डॉक्टरों ने मान लिया था डेड
Happy Birthday Amitabh Bachchan: जब मौत के मुंह से वापस लौटे थे अमिताभ, डॉक्टरों ने मान लिया था डेड

नई दिल्ली, जेएनएन। 11 अक्टूबर ऐसी तारीख़ है, जिसे हिंदी सिनेमा का कोई फैन शायद ही भूल सकेगा। सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन का जन्मदिन इसी तारीख़ को होता है। लेकिन एक ऐसी भी तारीख़ है, जिसे ख़ुद अमिताभ बच्चन और उनके फैंस कभी नहीं भुला सकेंगे। यह तारीख़ है 2 अगस्त, जिसे उनके फैंस बॉलीवुड के शहंशाह के दूसरे जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। आइए जानते हैं कि अमिताभ के जीवन में आख़िर क्यों ख़ास है यह तारीख़...

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2 अगस्त वो तारीख़ है, जब ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे अमिताभ बच्चन को जीवनदान मिला था। कुली फ़िल्म की शूटिंग के दौरान हुए एक जानलेवा हादसे में बिग बी की जान जाते-जाते बची थी। बात 26 जुलाई 1982 की है। बैंगलोर यूनिवर्सिटी के कैंपस में अमिताभ बच्चन सह-अभिनेता पुनीत इस्सर के साथ एक एक्शन सीन की शूटिंग कर रहे थे। यह फाइट सीन था। इस सीन के लिए अमिताभ ने किसी बॉडी डबल का इस्तेमाल नहीं किया था। दृश्य की मांग के मुताबिक़, पुनीत इस्सर का घूंसा खाते ही अमिताभ बच्चन को पहले पास रखी एक मेज गिरना था और फिर ज़मीन पर। दोनों कलाकार इस सीन को अंजाम देते हुए इतना खो गये कि सेट पर गंभीर हादसा हो गया। 

पुनीत ने अमिताभ के पेट में घूंसा मारने की एक्टिंग की और ग़लत अंदाज़े की वजह से अमिताभ असंतुलित अंदाज़ में मेज पर गिरे। मेज का कोना उनके के पेट में घुस गया। हादसे में अमिताभ गंभीर रूप से घायल हो गये। उनके पेट में गहरी चोट पहुंची थी और ख़ून का आंतरिक रिसाव होने लगा था। जख्मी अमिताभ को प्लेन के जरिए मुंबई लाया गया, और ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इस हादसे को याद करते हुए अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि डॉक्टरों ने कुछ मिनटों के लिए क्लीनिकली डेड घोषित कर दिया था। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। क़रीब एक हफ़्ते तक अमिताभ पर कोई इलाज काम नहीं आया। 

डॉक्टरों ने बिग बी की सर्जरी की, मगर सेहत में सुधार नहीं हुआ और वो मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए। उन्हें ख़ून की 60 बोतल चढ़ाई गयी थीं। स्थिति तब और बिगड़ गयी, जब उन्हें हेपेटाइटिस बी हो गया। बिग बी ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि उस दौरान कई लोगों ने उन्हें अपना ख़ून दिया था। किसी एक डोनर के रक्त में हेपेटाइटिस बी वायरस था।   

2 अगस्त को आखिरकार अमिताभ के हार्ट में सीधे एड्रेनेलाइन इंजेक्ट किया गया, जिसके बाद उनके शरीर में हरकत हुई। ये उनके लिए दूसरा जन्म था। इस दौरान देशभर में अमिताभ की सेहत के लिए मंदिरों में दुआएं मांगी जाती रहीं। अस्पताल के बाहर फैंस की लंबी-लंबी लाइन लगी थी। सेहत सुधरने के बाद अमिताभ ने फिल्म की शूटिंग शुरू की। 'कुली' 1983 में रिलीज हुई, और सुपर हिट रही। जिस सीन के दौरान यह हादसा हुआ था, कुछ देर के लिए फ़िल्म में उसे फ्रीज कर दिया गया था। अमिताभ बच्चन हर साल 2 अगस्त को सोशल मीडिया के ज़रिए अपने फैंस का शुक्रिया अदा करते हैं।


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