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हंसल मेहता ने सेंसर बोर्ड पर लगाया भेदभाव का आरोप

लेखक-निर्देशक हंसल मेहता ने सेंसर बोर्ड पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म 'शाहिद' को ए सर्टिफिकेट दिया गया, जबकि किसिंग और हिंसक दृश्यों से भरपूर दो बड़ी फिल्में

By Edited By: Published: Wed, 22 Jan 2014 11:05 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2014 11:08 AM (IST)
हंसल मेहता ने सेंसर बोर्ड पर लगाया भेदभाव का आरोप

मुंबई। लेखक-निर्देशक हंसल मेहता ने सेंसर बोर्ड पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म 'शाहिद' को ए सर्टिफिकेट दिया गया, जबकि किसिंग और हिंसक दृश्यों से भरपूर दो बड़ी फिल्में जैसे 'रामलीला' और 'मद्रास कैफे' को यू/ए सर्टिफिकेट दिया गया है। इसे लेकर मेहता ने सेंट्रल बोर्ड से इन दो फिल्मों को रेटिंग देने से संबंधित जानकारी के लिए आरटीआई दायर की है।

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मेहता इन दोनों फिल्मों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से उनकी फिल्म के साथ भेदभाव हुआ है, उसे लेकर वे नाखुश हैं। जब शाहिद को जांच समिति को दिखाया गया तो उन्होंने ए सर्टिफिकेट तक देने से मना कर दिया था। समिति ने हंसल से फिल्म के एक डायलॉग से शिवाजी महाराज का नाम हटाने को कहा था, लेकिन उस डायलॉग में ऐसी आपत्तिजनक कोई चीज नहीं थी। मेहता ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।

ट्वीट में लिखा, 'मुझे उस लाइन को फिर लाने और ए सर्टिफिकेट पाने के लिए पुनरीक्षण समिति को अपील करनी पड़ी। मुझे यह महसूस हो रहा है कि मेरी फिल्म के साथ भेदभाव हुआ था और सेंसर बोर्ड बड़ी फिल्मों के प्रति अलग रवैया अपनाती है।'

निर्देशक ने दावा किया है कि वह 2013 में प्रमाणिक की गई फिल्मों पर आरटीआई दायर करेंगे, ताकि सेंसर बोर्ड के दोहरे मापदंडों को उजागर किया जा सके। उन्होंने आगे लिखा कि सेंसर बोर्ड अपने मापदंडों के अनुसार उदार या सख्त होने का नाटक नहीं कर सकता है। सेंसर बोर्ड के कारण उनकी फिल्म कमाई के मामले में पीछे रह गई। उन्होंने कहा कि, मेरी फिल्म शाहिद का एक संस्करण अभी भी समीक्षा का इंतजार कर रहा है लेकिन पिछले तीन महीनों से किसी को देखने का वक्त नहीं है।

शाहिद 18 अक्टूबर 2013 को रिलीज हुई थी। यह एक बायोग्राफिकल ड्रामा है, जो मारे गए मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील शाहिद आजमी की कहानी पर आधारित है। असल जिंदगी की सच्चाई को बयां करती इस फिल्म में राजकुमार राव ने मुख्य भूमिका निभाई थी। मेहता ऐसे पहले निर्देशक नहीं हैं जिन्होंने सेंसर बोर्ड के खिलाफ आवाज उठाई है बल्कि निर्देशक अनुराग कश्यप ने भी बॉम्बे हाई कोर्ट में बोर्ड के खिलाफ याचिका दायर की थी।

(नई दुनिया)

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