शर्म की बात है कि हम फौज़ियों पर फिल्में नहीं बनाते- गुरमीत चौधरी
पलटन के बारे में बात करते हुए वह कहते हैं कि पलटन एक ऐसे वॉर की कहानी है, जिसके बारे में कभी बताया ही नहीं गया.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. गुरमीत चौधरी इन दिनों फिल्म पलटन के कारण सुर्ख़ियों में हैं. वह कहते हैं कि जे पी दत्ता के वह फैन रहे हैं. गुरमीत का कहना है कि दस साल बाद पलटन के जरिए कोई फौज पर फिल्म बन रही है. ये बहुत शर्म की बात है.
गुरमीत कहते हैं कि हमारी इंडस्ट्री जो इतना कुछ सीखाती है. देश पर इतना कुछ बनता है, लेकिन हम फौज़ पर ज़्यादा फिल्म नहीं बना पाएं. जो बच्चा एक साल का था. वह दस साल का हो गया. उसे फौज के बारे में ज्यादा मालूम नहीं होगा. फौज को लेकर लोगों में एक जागरुकता होनी चाहिए. देश के साथ साथ अपने फौज के प्रति भी लोगों का प्यार बढेगा. गुरमीत कहते हैं कि अक्सर एक्टर एक बार किरदार निभा लेने के बाद दूसरी बार वो किरदार निभाना नहीं चाहता है लेकिन मैं आगे भी आर्मी की फिल्मों से जुड़ता रहूंगा. जैसे ही न्यूज पेपर में मैं पढ़ता हूं कि फलां निर्देशक भी आर्मी पर फिल्म बना रहा है तो मैं खुद अपने मैनेजर को कहता हूं कि आप मेरे लिए उस फिल्म में बात करें. मै सभी सुपरस्टार्स से ये गुजारिश करुंगा कि हर दो साल में तीन महीने ब्लॉक करके एक आर्मी पर फिल्म करना चाहिए.
वह आगे कहते हैं कि बॉर्डर फिल्म के बाद 50 प्रतिशत फौजी आर्मी में भर्ती हुए थे. बॉर्डर पर जो सैनिक खड़े हैं वो बॉलीवुड के फैन हैं. पलटन की शूटिंग के दौरान कई फौजी भाईयों के साथ बात करने का मौका मिला. किस एक्टर का किसके साथ अफेयर हैं. उन्हें सब पता है. वो फिल्मी गाने सुनकर सुबह जगते हैं. उन पर फिल्म बनाते रहने से उन्हें भी अच्छा महसूस होगा.
पलटन के बारे में बात करते हुए वह कहते हैं कि पलटन एक ऐसे वॉर की कहानी है, जिसके बारे में कभी बताया ही नहीं गया. सिक्किम का इतना बडा इतिहास है. उसमे उस वॉर का बहुत ही ज्यादा महत्व है. अगर वह वॉर न होता तो नाथू ला हमारे हाथ से चला जाता और हमारे देश का पूर्वी भाग बहुत कमजोर हो जाता था. इस वॉर में हमारे सैनिक शहीद हुए थे. उन्होंने साढे चार सौ से अधिक चीनियों का मारा था. ये बहुत बड़ी जीत थी. बता दें कि जे पी दत्ता की फिल्म पलटन 7 सितंबर को रिलीज़ होने जा रही है.
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