1984 Riots: अंगद बेदी की दंगों से जुड़ी दर्दनाक कहानी, कहा, 'दिल्ली और जरूरत पड़ने पर देश छोड़ने के लिए कहा गया था'
1984 Riots क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी के बेटे और अभिनेता अंगद बेदी ने 1984 के दंगों के दौरान की कठिन परिस्थियों के बारे में बात की है।
नई दिल्ली, जेएनएनl फिल्म अभिनेता अंगद बेदी ने 1984 के दंगों के दौरान की कठिनाइयों का सामना करने पर अपनी बात रखी हैंl हालांकि वे इस बात पर जोर देते है कि वह अपने संघर्षों के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं। अभिनेता अंगद बेदी ने अपने क्रिकेटर पिता बिशन सिंह बेदी के साथ 1984 के दंगों के दौरान की कठिन समय के बारे में बात की है।
अंगद ने एक साक्षात्कार में बताया, 'हमारे पास रहने के लिए घर नहीं था। हम अपने दोस्तों के गेस्ट हाउस और घरों में रहे। मैंने स्पोर्ट्स में बहुत कठिनाइयों का सामना किया है और क्योंकि मैं पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान का बेटा था। मेरी समीक्षा की गई है, मुझे पता है कि मेरे पिताजी पर क्या बीत रही थी। यह आसान नहीं था। यहां तक कि हमें अगर जरूरत हो तोदिल्ली और देश छोड़ने के लिए कहा गया था। यह सब खुले में किया गया है। एक समय था जब हम पिता के कार्यालय (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, सेल) में सोते थे।'
अंगद ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि 84 दंगों के दौरान हम दिल्ली में एक छोटे से फ्लैट में रहते थे और मुझे लगता है कि यह राजीव गांधी की हत्या के आसपास था। सिखों को फिर से निशाना बनाया गया और हम खतरे में थे लेकिन मेरे पिता ने कहा कि कुछ नहीं करने वाले हैं, उन्होंने आगे कहा कि हम भारतीय होने के लिए पैदा हुए हैं, हम यहां रह रहे हैं। अगर वे आना चाहते हैं और हमें मारना चाहते हैं, तो वे हमें मार सकते हैं .. वह बहुत ईमानदार आदमी रहे है।'
अंगद आगे कहते है, 'मैं उस तरह का आदमी नहीं हूं जो अपने संघर्षों या अपने परिवार के संघर्षों के बारे में बात करना पसंद करता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि काम का महत्व अधिक होना चाहिए। व्यक्तित्व का निर्माण होना चाहिए ताकि लोग आपके काम से जुड़ें। मैं जीवन में किसी असहाय व्यक्ति के रूप में नहीं दिखना चाहता।' अंगद की हालिया रिलीज फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल है, जिसमें जान्हवी कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई हैं और यह भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलट की कहानी हैं।