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Gunjan Saxena Controversy: गुंजन की बैचमेट महिला पायलट ने क्लाइमैक्स को लेकर किया चौंकाने वाला खुलासा, पढ़ें पूरी स्टोरी

Gunjan Saxena Controversy श्रीविद्या ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान वो और गुंजन साथ थे। 1996 में उधमपुर में दोनों साथ में पोस्टेड थ। गुंजन अकेली नहीं थीं।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 01:38 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 06:47 PM (IST)
Gunjan Saxena Controversy: गुंजन की बैचमेट महिला पायलट ने क्लाइमैक्स को लेकर किया चौंकाने वाला खुलासा, पढ़ें पूरी स्टोरी
Gunjan Saxena Controversy: गुंजन की बैचमेट महिला पायलट ने क्लाइमैक्स को लेकर किया चौंकाने वाला खुलासा, पढ़ें पूरी स्टोरी

 नई दिल्ली, जेएनएन। नेटफ्लिक्स पर 14 अगस्त को रिलीज़ हुई गुंजन सक्सेना इन दिनों विवादों में है। फ़िल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले को लेकर भारतीय वायु सेना द्वारा विरोध जताने के बाद अब गुंजन की साथी अफ़सरों ने भी इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं। ऐसी ही एक महिला ऑफ़िसर फ्लाइट लेफ्टिनेंट (सेवा.) श्रीविद्या राजन के दावों को अगर सही मानें तो गुंजन सक्सेना फ़िल्म का स्क्रीनप्ले पूरी तरह झूठ की बुनियाद पर गढ़ा गया है।

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श्रीविद्या ने फेसबुक पर एक लम्बी-सी पोस्ट लिखकर दावा किया है कि कारगिल युद्ध के दौरान गुंजन सक्सेना बेस पर अकेली महिला ऑफ़िसर नहीं थीं और ना ही वो ऑपरेशन के लिए जाने वाली पहली महिला ऑफ़िसर थीं। हालांकि श्रीविद्या ने कहानी और स्क्रीनप्ले में ट्विस्ट के लिए मेकर्स को ज़िम्मेदार ठहराया है। 

इस पोस्ट में श्रीविद्या ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान वो और गुंजन साथ थे। 1996 में उधमपुर में दोनों साथ में पोस्टेड थे, जबकि मूवी में दिखाया गया है कि यूनिट में गुंजन अकेली महिला पायलट थीं। श्रीविद्या ने अपनी पोस्ट में स्वीकार किया है कि पहली महिला ऑफ़िसर्स होने के नाते उन्हें कुछ साथियों के पूर्वाग्रहों का सामना करना पड़ा था, मगर सपोर्ट करने वाले अफ़सरों की भी कमी नहीं थी। 

श्रीविद्या ने पंजा लड़ाने वाले दृश्य को भी ग़लत बताया। उन्होंने लिखा है कि कभी हम लोगों को शर्मिंदा करने वाली कोई बात नहीं की गयी थी। श्रीविद्या ने यह दावा भी किया कि फ़िल्म में गुंजन सक्सेना को कारगिल ऑपरेशंस में जाने वाली पहल महिला पायलट के तौर पर दिखाया गया है, जो ग़लत है। हम ऊधमपुर में साथ में तैनात थे और जब कारगिल युद्ध शुरू हुआ तो श्रीविद्या पुरुष अफ़सरों के साथ भेजी जाने वाली पहली महिला अफ़सर थीं।

ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद, गुंजन सक्सेना दूसरे क्रू मेंबर्स के साथ श्रीनगर आयी थीं। हमने सभी ऑपरेशंस में सक्रियता से भाग लिया था, जिनमें इवैक्यूएशन, सप्लाई ड्रॉप, कम्यूनिकेशन सॉर्टीज़ आदि शामिल थे। क्लाइमैक्स में नायिका का जो हीरोइक एक्ट दिखाया गया है, वो दरअसल कभी हुआ ही नहीं। इसे शायद सिनेमैटिक आज़ादी के तौर पर दिखाया गया है। 

श्रीविद्या ने यह भी दावा किया है कि फ़िल्ममेकर्स ने पब्लिसिटी के लिए गुंजन के दिये गये तथ्यों को तोड़-मरोड़ दिया है। आईएएफ ऑफ़िसर की पूरी पोस्ट आप नीचे पढ़ सकते हैं- 

इससे पहले सेवानिवृत्त विंग कमांडर नमृता चंडी ने भी भारतीय वायु सेना के अफ़सरों के फ़िल्मी चित्रण पर एतराज जताया था। उन्होंने ख़ुद इस बात की तस्दीक की कि कारगिल से पहली उड़ान भरने वाली महिला पायलट गुंजन नहीं, श्रीविद्या थीं।

बता दें कि गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल में जाह्वनी कपूर ने शीर्षक रोल निभाया है, जबकि फ़िल्म का निर्माण करण जौहर ने किया है और निर्देशन शरण शर्मा का है। फ़िल्म पहले सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली थी, मगर लॉकडाउन में सिनेमाघर बंद होने की वजह से इसे नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ किया गया है।


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