Move to Jagran APP

'इससे अच्छा पैसा तो टीवी में मिलता है', तंगी के दौर में जब गोविंदा को सुनने पड़े ऐसे ताने

गोविंदा की बहुत सारी उम्मीदें आ गया हीरो पर टिकी हैं। टाइटल की तरह वो लोगों का बता देना चाहते हैं कि उनका वक़्त अभी गुज़रा नहीं है।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Published: Fri, 03 Mar 2017 11:45 AM (IST)Updated: Fri, 03 Mar 2017 01:18 PM (IST)
'इससे अच्छा पैसा तो टीवी में मिलता है', तंगी के दौर में जब गोविंदा को सुनने पड़े ऐसे ताने
'इससे अच्छा पैसा तो टीवी में मिलता है', तंगी के दौर में जब गोविंदा को सुनने पड़े ऐसे ताने

मुंबई। गोविंदा  की फ़िल्म आ गया हीरो रिलीज़ होने वाली है। इस फ़िल्म के ज़रिए वो एक बार फिर बॉलीवुड में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं। गोविंदा के करियर में एक दौर ऐसा भी आया, जब उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। उस दौर में उनकी इंस्पिरेश बने बड़े मियां यानि अमिताभ बच्चन। 

loksabha election banner

गोविंदा की बहुत सारी उम्मीदें आ गया हीरो पर टिकी हैं। इस फ़िल्म को उन्होंने लिखा है और प्रोड्यूस किया है। ख़ुद हीरो भी हैं और टाइटल की तरह वो लोगों का बता देना चाहते हैं कि उनका वक़्त अभी गुज़रा नहीं है। समय के साथ कदमताल करते हुए ची-ची आ गया हीरो के प्रमोशन में जी-जान से जुटे हुए हैं। इसी सिलसिले में पीटीआई से हुई बातचीत में गोविंदा ने गुज़रे हुए दौर को याद करते हुए कहा- ''मैंने बहुत संघर्ष किया है। ये काफी मुश्किल था। जब मैं संघर्ष कर रहा था, तो लोगों ने मेरे लिए मुश्किल बढ़ा दी थीं। मैंने सुना था और देखा था कि बच्चन सर के साथ क्या हुआ था, लेकिन ये अंदाज़ा नहीं था कि ये मेरे साथ भी होगा। वो इससे उबरे, ये प्रेरणादायी था।''

इसे भी पढ़ें- गोविंदा मैदान से हटे, इस शुक्रवार अरबाज़ के मुक़ाबले कमांडो

गोविंदा आर्थिक तंगी के उस दौर से काफी व्यथित दिखते हैं। उनका कहना है कि आर्थिक संघर्ष काफी थकाने वाला होता है। लोग आपके साथ बुरा बर्ताव करने लगते हैं। वो आपके लिए ठीक से (फ़िल्म) लिखते भी नहीं और बार-बार पैसा मांगते हैं, ये कहते हुए कि इससे अच्छा तो टीवी के लिए लिखने में मिलता है। 

इसे भी पढ़ें- सलमान ख़ान पर अब साधा इस पाकिस्तानी एक्ट्रेस ने निशाना

गोविंदा हमेशा से कहते रहे हैं कि वो बॉलीवुड में किसी कैंप का हिस्सा नहीं रहे, लेकिन अब इसे करियर की एक ग़लत चाल मानते हैं, ''बॉलीवुड में बड़े-बड़े कैंप्स हैं। मैं किसी कैंप का हिस्सा नहीं रहा, लेकिन मैं सोचता हूं ये ग़लत चाल थी। मुझे कैंप का हिस्सा रहना चाहिए था। इससे आपके करियर पर असर पड़ता है। ये एक बड़े परिवार की तरह है। इस बड़ी फ़ैमिली में अगर आप संबंध बनाकर रखते हैं, तो ये काम करता है। अगर आप इसका हिस्सा हो, तो आप अच्छा करोगे।''


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.