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साल 1973 के अमिताभ से लेकर 2018 के सैफ तक, जब बॉलीवुड पर्दे पर उतरा 'बाज़ार'

बिज़नस की सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए कैसी कैसी मुश्किलें आती हैं, मार्केट में पैसे, फेम, पॉवर का कैसे इस्तेमाल किया जाता है, इन सभी पहलुओं को फ़िल्मों के ज़रिये बेहतरीन ढंग से दिखाया गया है!

By Shikha SharmaEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 04:09 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 01:53 PM (IST)
साल 1973 के अमिताभ से लेकर 2018 के सैफ तक, जब बॉलीवुड पर्दे पर उतरा 'बाज़ार'
साल 1973 के अमिताभ से लेकर 2018 के सैफ तक, जब बॉलीवुड पर्दे पर उतरा 'बाज़ार'

मुंबई। बिज़नस टाइकून्स लोगों को बहुत इम्प्रेस करते हैं, आम इंसान से लेकर बिज़नस की दुनिया के दिग्गज बनने तक, इनकी जर्नी बहुत ही इंट्रेस्टिंग होती है और ये जर्नी ना जाने कितनों को प्रेरित करती है। बता दें कि इस जर्नी को दुनिया भर के कोने कोने तक पहुंचाने का काम अक्सर बॉलीवुड भी करती है। लेटेस्ट उदहारण है सैफ अली ख़ान की आने वाली फ़िल्म 'बाज़ार'!

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अपनी इस फ़िल्म में सैफ गुजराती बिज़नस मैन शकुन कोठारी का किरदार निभा रहे हैं जो कि स्टॉक मार्केट में डील करता है और इस दुनिया का एक पॉपुलर नाम है। गौरव के चावला द्वारा डायरेक्ट हुई इस बिज़नस क्राइम ड्रामा फ़िल्म को निखिल अडवानी प्रोड्यूस कर रहे हैं। बिज़नस की सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए कैसी कैसी मुश्किलें आती हैं, स्टॉक मार्केट में पैसे, फेम, पॉवर का कैसे इस्तेमाल किया जाता है, यही सब इस फ़िल्म में दिखाया गया है।

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वैसे, यह पहली बार नहीं हुआ है कि बॉलीवुड ने बिज़नस और कॉर्पोरेट वर्ल्ड को सिनेमा के ज़रिये लोगों के सामने पेश किया है। आपको साल 1973 में आई अमिताभ बच्चन, नूतन और पद्मा खन्ना किफ फ़िल्म 'सौदागर' तो याद ही होगी जिसमें अमिताभ अपने प्यार को पाने के लिए पैसे कमाना चाहते हैं और ऐसे में वो सहारा लेते हैं नूतन का। 

यही नहीं, इसके बाद साल 1981 में श्याम बेनेगल की फ़िल्म 'कलयुग' भी दो परिवार की कहानी है जो साथ में बिज़नस करते हैं और इनके बीच आए क्लैशेज़ इतने बढ़ जाते हैं कि यह कहानी मर्डर मिस्ट्री का मोड़ ले लेती है। बॉलीवुड की इस क्राइम ड्रामा फ़िल्म में शशि कपूर, रेखा और राज बब्बर थे।

जैकी श्रॉफ, अनुपम खेर, रवि किशन और डिंपल कपाड़िया भी एक साथ साल 1997 में फ़िल्म 'शेयर बाज़ार' में दिखाई दिए थे। यह फ़िल्म भी पूरी तरह शेयर बाज़ार के उतार चढ़ाव पर आधारित थी। इस फ़िल्म में दो भाई मिलकर लोगों के पैसे शेयर मार्केट में लगवाते थे और उन्हें लूटते थे। यह एक क्राइम ड्रामा फ़िल्म थी।

बिज़नस ड्रामा को पर्दे पर उतारने वालों की लिस्ट में डायरेक्टर मधुर भंडारकर भी हैं। साल 2006 में मधुर ने बिपाशा, के के मेनन और मिनिषा लाम्बा के साथ फ़िल्म बनाई थी, 'कॉर्पोरेट'! फ़िल्म के नाम से ही पता चलता है कि यह कहानी पूरी तरह बिज़नेस वर्ल्ड के बारे में हैं। फ़िल्म को लोगों ने बहुत पसंद किया और बिपाशा को अपने किरदार के लिए कई अवार्ड्स भी मिले।

अमिताभ बच्चन ने 'सौदागर' के अलावा कई फ़िल्मों में बिज़नस मैन का किरदार निभाया और ऐसा ही कुछ किया। यह बात अलग थी कि वो सभी फ़िल्में बिज़नस पर आधारित नहीं थी। वैसे, अमिताभ के बेटे अभिषेक बच्चन ने भी बॉलीवुड को एक बेहतरीन बिज़नस मैं की कहानी सुनाई थी। हम बात कर रहे हैं साल 2007 में आई मणिरत्नम की फ़िल्म 'गुरु' की जिसमें अभिषेक के साथ ऐश्वर्या राय बच्चन भी थी। अभिषेक ने इस फ़िल्म में एक साधारण परिवार के गुजराती लड़के का किरदार निभाया था जो अपने पिता को साबित करना चाहता था कि वो एक मेहनती इंसान है। ऐसे में वो चुनता है कपड़ों के ट्रेड का बिज़नस और फिर शुरू होती है उसकी इंस्पायरिंग जर्नी।

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साल 2010 में आई अनुष्का शर्मा और रणवीर सिंह की फ़िल्म 'बैंड बाजा बारात' ने भी यंग जनरेशन को बहुत इंस्पायर किया। अनुष्का का किरदार इस फ़िल्म में वेडिंग प्लानर का था और उनके इस बिज़नस में उनके साथ जुड़ते हैं रणवीर! दोनों के बीच प्यार होता है और फिर इनका बिज़नस टूट जाता है फिर दोनों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस फ़िल्म ने लोगों को सिखाया कि आखिर क्यों पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग अलग रखना चाहिए।


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