Padmaavat को लेकर एस दुर्गा के निर्देशक ने कही बड़ी बात, नहीं आई थी पसंद
सनल कुमार शशिधरन द्वारा निर्देशित एस. दुर्गा फिल्मी केरल की पृष्ठ भूमि पर बनी है।
मुंबई। बॉलीवुड में पूरानी मलयालम फिल्मों का रीमेक अब बनाया जा रहा है। इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि प्रियदर्शन ने जो 25 सालों पहले मलयालम फिल्में बनाई थी उन्हीं फिल्मों का रीमेक अब वे खुद बना रहे हैं। मतलब 20 से 25 सालों के बाद भी हिंदी सिनेमा में बेहतरीन कहानी वाली मलयालम फिल्मों पर रीमेक नहीं बना। मलयालम फिल्मों की कहानियां रियल लाइफ से ज्यादा जुड़ी होती है जिसमें गरीबी से लेकर राजनीति और पारिवारिक रिश्तों को भी प्रमुखता से दिखाया जाता है। लेकिन 24 सालों तक वो जो कहानियां मलयालम सिनेमा में कही गई वो हिंदी सिनेमा में अब आ रही हैं। यह कहना है, मलयालम फिल्म एस. दुर्गा के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन का। उन्होंने 9वें जागरण फिल्म फेस्टिवल के दौरान दिल्ली में मलयालम और हिंदी सिनेमा को लेकर बातचीत की।
निर्देशक सनल कुमार शशिधरन कहते हैं कि, मलयालम सिनेमा में हम हर तरह की कहानियों को दर्शाने की कोशिश करते हैं। खास तौर से समाज में घटित होने वाले घटनाओं को कहानियों में शामिल किया जाता रहा है। बात चाहे गरीबी की हो या फिर राजनीति या पारिवारिक कहानियों की।
पद्मावत अच्छी फिल्म नहीं
सनल ने संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म पद्मावत को लेकर कहा कि, उन्हें यह फिल्म अच्छी नहीं लगी और यह उनकी व्यक्तिगत राय है। उनका कहना है कि, फिल्म का अप्रोच कहानी को लेकर अच्छा नहीं था। उन्होंने पसंदीदा फिल्म में पीपली लाइव का नाम लिया। वहीं, चहेते अभिनेता को लेकर उन्होंने मनोज बाजपेई और नसीरुद्दीन शाह का नाम लिया।
हर सिनेमा का अप्रोच अलग
सनल मानते हैं कि, इंडिपेंडेंट सिनेमा का अप्रोच अलग होता है। चाहे बात मलयालम की हो, तेलुगु की या फिर तमिल की। पहले इंडीपेंडेंट सिनेमा पर ज्यादा फोकस हुआ करता था। लेकिन अब अलग-अलग भाषाओं में फिल्में बनने लगी हैं। एक फिल्म अगर मलयालम में बनी है तो वो हिंदी और बाकी भाषा में भी रिलीज़ की जाती है। यूनिवर्सल सिनेमा वाला अप्रोच अब बढ़ रहा है।
हिंदी सिनेमा से एेसे अलग है इंडीपेंडेंट सिनेमा
सनल बताते हैं कि, हिंदी सिनेमा में ज्यादातर एेसे विषयों को लेकर फिल्में बनाई जाती हैं जिसे सब देखना पसंद करते हैं। वहीं, इंडीपेंडेंट सिनेमा में विषय यूनीक होता है जो कि उसकी खासियत भी होती है। लेकिन कई बार इंडीपेंडेंट सिनेमा में पैसे के लिए आइटेंटिटी के साथ कम्प्रोमाइज किया जाता है।
आपको बता दें कि, सनल कुमार शशिधरन द्वारा निर्देशित एस. दुर्गा फिल्मी केरल की पृष्ठ भूमि पर बनी है। दो महिलाओं के सफर को लेकर बनी यह फिल्म अपनी बोल्डनेस और टाइटल से जुड़े विवादों में काफी वक्त तक फंसी रही। निर्माताओं की ओर से जब अदालत का दरवाजा खटखटाया गया, तो फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ हो पाई थी।
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