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Exclusive: भंसाली की गुजारिश का वीर से ये कनेक्शन नहीं जानते होंगे आप

फिल्म पद्मावती 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। इसमें दीपिका पादुकोण पद्मावती की भूमिका निभा रही हैं।

By Rahul soniEdited By: Published: Mon, 13 Nov 2017 08:40 PM (IST)Updated: Mon, 13 Nov 2017 08:40 PM (IST)
Exclusive: भंसाली की गुजारिश का वीर से ये कनेक्शन नहीं जानते होंगे आप
Exclusive: भंसाली की गुजारिश का वीर से ये कनेक्शन नहीं जानते होंगे आप

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। संजय लीला भंसाली की नयी फिल्म पद्मवती अब जल्द ही रिलीज़ होने वाली है। भंसाली की फिल्मों का कैनवास जितना शानदार होता है। उनकी फिल्मों का गीत-संगीत भी पेंटिंग की तरह उतनी ही खूबसूरत होती है। और उनकी हर फिल्म के गाने की मेकिंग की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प होती है। 

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यह राज़ उनकी फिल्म के गीतकार तुराज़ ने खोला है। वह बताते हैं कि उनकी पहली मुलाकात भंसाली से सांवरिया के दौरान हुई थी। इस्माइल दरबार ने दोनों की मुलाक़ात करायी थी। गुजारिश का पहला गीत जिसमें तुराज़ के बोल थे, जो रिकॉर्ड हो पाया था वह था जाने किसके खवाब मैंने तकिये के नीचे दबा रखे हैं। तो संजय ने तुराज़ को शूटिंग पर बुलाया और कहा कि उस वक़्त वीर रिलीज हुई थी और गुलज़ार ने सुरीली अंखियों वाला गीत लिखा था। भंसाली के जहन में यह बात थी कि आंखें भी सुरीली होती हैं। कितना अच्छा थॉट है। कुछ ऐसा गाना लिखा जाए। तो तुराज़ ने उन्हें कहा कि उनके पास एक गीत लिख रखा है। पहले जब तुराज़ ने जिक्र इत्र वाला गाना सुनाया तो भंसाली ने उन्हें कहा कि इसे पूरा लिख कर लाओ। लेकिन जब भंसाली कम्पोज़ करने बैठे तो उन्होंने कहा कि गाना बहुत अच्छा है। लेकिन मेरी फिल्म से मैच नहीं कर रहा। तब तुराज़ ने कहा कि मैं अब ये पन्ना यही फाड़ कर फेंक देता हूं, चूंकि अब तक मैंने ये गाना इंडस्ट्री के सारे फिल्मकार को सुना दिया है और किसी को भी यह गाने के बोल नहीं लग रहे तो इसका अब रखने का मतलब नहीं। फिर भंसाली से उन्होंने कहा कि अगले दस साल में मैं ऐसा मुखड़ा कभी नहीं लिख पाऊंगा। यह सुन कर चौंके। फिर उन्होंने मेरे कॉन्फिडेंस को देखा और कहा कि फिर से लिख कर लाओ। फिर रितिक रोशन को भी यह गाना बहुत पसंद आया। उन्होंने फिर इसे कम्पोज़ किया।

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तुराज़ कहते हैं कि मेरे लिए यह गाना इश्क का सेलिब्रेशन है और मैं इसे इसी रूप में दर्शकों के सामने लाना चाहता था। तुराज़ ने भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी के लिए भी गाने लिखे हैं और पद्मवती में भी उनके गाने हैं।


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