Exclusive: 'दंगल' में रोल के लिए फ़ातिमा-सान्या ने इस शख़्स से लड़ी असली कुश्ती
नितेश बताते हैं कि इस फ़िल्म के लिए पहली जरूरत यह थी कि लड़कियों को एक्टिंग आनी चाहिए। क्योंकि फ़िल्म में इमोशन की सबसे अधिक अहमियत हैं।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। 'भूतनाथ रिटर्न्स' और 'चिल्लर पार्टी' जैसी फ़िल्मों के निर्देशन के बाद नितेश तिवारी 'दंगल' जैसी बड़ी फ़िल्म लेकर आये हैं। इस फ़िल्म की कास्टिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है।
वजह यह है कि चारों ही कलाकार बिल्कुल किरदार के लिए फिट नज़र आ रहे हैं। ये पूरी कास्टिंग यूं ही मुक्कमल नहीं हुई है। फ़िल्म के निर्देश नितेश तिवारी इस पर विस्तार से बातचीत करते हुए बताते हैं, कि उन्होंने इसके लिए कई पेरामीटर्स तय कर रखे थे और इस पेरामीटर पर खरा उतरना आसान नहीं था। नितेश बताते हैं कि इस फ़िल्म के लिए हमारा यह क्राइटेरिया तो बिल्कुल नहीं था कि आइडेंटिकल ट्विन्स होने चाहिए। पहली जरूरत यह थी कि लड़कियों को एक्टिंग आनी चाहिए। क्योंकि फ़िल्म में इमोशन की सबसे अधिक अहमियत हैं। इसके बाद दूसरा मापदंड यह था कि लड़कियों को फिजिकली फिट होना ही चाहिये। उनकी कोई भी मेडिकल हिस्ट्री ना हो।
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नितेश बताते हैं कि हमने डाइटीशियन को भी हायर किया जिन्होंने यह चेक किया कि लड़कियों का मेटाबॉलिज्म सही है या नहीं। क्योंकि ऑडिशन में सब स्लिम ही आती हैं और सबसे महत्वपूर्ण हमने इस बात पर ध्यान दिया कि कृपाशंकर के साथ उन्हें दस दिन कुश्ती करवाई। यह देखने के लिए कि लड़कियां कुश्ती लड़ पाएंगी कि नहीं। तब जाकर लड़कियों को फाइनल किया है। नितेश बताते हैं कि इस फ़िल्म के लिए आमिर के साथ इन चार लड़कियों ने भी काफी मेहनत की है।