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INTERVIEW: अभिनेता, गीतकार, गायक स्वानंद किरकिरे अब करने जा रहे हैं यह नया काम

फिल्म दास देव ने 27 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। इस फिल्म को सुधीर मिश्रा ने डायेक्ट किया है।

By Rahul soniEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 01:38 PM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 11:33 AM (IST)
INTERVIEW: अभिनेता, गीतकार, गायक स्वानंद किरकिरे अब करने जा रहे हैं यह नया काम
INTERVIEW: अभिनेता, गीतकार, गायक स्वानंद किरकिरे अब करने जा रहे हैं यह नया काम

राहुल सोनी, मुंबई। फिल्म इंडस्ट्री में स्वानंद किरकिरे जाना पहचाना नाम हैं। बात अभिनय की हो, गीत लिखने की हो, गीतों को आवाज देने की हो या फिर फिल्म स्क्रिप्ट लिखने की, इन सभी विधाओं में स्वानंद ने खूब नाम कमाया है और सिनेमा की दुनिया में अब एक प्रसिद्ध नाम हैं। और अब वे एक बार फिर आ रहे हैं एक नए गीत के साथ जिसे उन्होंने अपनी आवाज दी है। फिल्मकार सुधीर मिश्रा की फिल्म दासदेव का एक बेहतरीन गीत उन्होंने गाया है। इसको लेकर और अपने सिनेमा के सफर को लेकर जागरण डॉट कॉम से खास बातचीत की। 

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गीतकार ने गीतकार के गीत को दी आवाज

फिल्म दास देव में का गीत आजाद कर को गाने वाले स्वानंद किरकिरे कहते हैं कि, यह गाना मेरे लिए ही बना था। मुझे पूरी तरह से लगा कि हां इसे मैं ही गा सकूंगा। फिल्म में जैसा कि दिखाया गया है कि दास से देव का सफर है तो यह गाना उसी पर आधारित है। आजाद रहे जो ख्याल है वह यहां पर बहुत जरूरी था। खास बात यह भी है कि, गीत को गौरव सोलंकी ने लिखा है और इसे बेहतरीन तरीके से लिखा गया है। स्वानंद ने एक और बात का जिक्र किया कि, एेसा बहुत कम होता है कि जब कोई गीतकार दूसरे गीतकार के गीत को आवाज देता है। एेसा इस फिल्म में हुआ है। इस गीत की कहानी कुछ इस प्रकार ही है। 

मानते हैं खुशनसीब

स्वानंद अपने सफल फिल्मी करियर को लेकर कहते हैं कि, मैं खुशनसीब हूं, इंदौर जैसे शहर में पला और बड़ा हुआ। बहुत शुक्रगुजार हूं देवास और भोपाल का जहां पर शास्त्रीय संगीत की तालीम मिली। साथ ही कुमार गंधर्व के घर में कविता, नाटक, पेंटिंग सीखने का मौका मिला। इसके बाद थिएटर की तरफ रुख किया। कई सारी चीजे और थिएटर करते हुए, अपनी तरह से कोशिश करना शुरू की। हर बार जरूरी नहीं हैं कि, थिएटर के दौरान यह सभी चीज होने लगे। कभी सोचा नहीं था कि गीतकार बनूंगा। जिंदगी जिस तरफ ले गई वहां चलता गया। अभिनय का भी मौका मिला। डायरेक्ट कर रहे हैं शॉर्ट फिल्म स्वानंद ने आगे बताया कि वो एक शॉर्ट फिल्म डायरेक्ट कर रहे हैं। स्वानंद कहते हैं कि, मैं कुछ डायरेक्ट करना चाहता हूं इसलिए यह पहल कर रहा हूं।

एेसे बना बावरा मन देखने चला एक सपना गीत

स्वानंद ने अपने मशहूर गीत बावरा मन देखने चला एक सपना के पीछे की कहानी बताते हुए कहा कि, जब मैं स्कूल में था तब एेसे ही लिखा था कि छोटा बच्चा बावला है बावले की बात का क्या बुरा मानना, बावलों की दुनिया में बावले ही हंसते हैं। किसी जमाने में यह मजाकिया तौर पर लिखा था जिसका परिष्कृत रूप यह गीत बावरा मन देखने चला एक सपना है। जब भी गीत या कहानी लिखते तो इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि अंदाज ए बया का नजरिया नया हो। क्योंकि कहानियां तो वहीं होंगी लेकिन उसको कहने का तरीका जितना अलग होगा उतना लोगों को पसंद आएगा। 

श्रीदेवी थी महान अदाकारा

इस साल फरवरी में बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा श्रीदेवी ने दुनिया को अलविदा कहा जिसके कारण पूरा बॉलीवुड शोकाकुल था। श्रीदेवी के साथ इंग्लिश विंग्लिश में काम कर चुके स्वानंद कहते हैं कि, श्रीदेवी महान अदाकारा थी। मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। यही कहना चाहूंगा कि, कुछ लोग होते हैं जिनके साथ आपको नहीं पता होता कि आपका कोई एसोसिएशन बन पाएगा लेकिन मेरी उनसे बॉन्डिंग अच्छी रही। फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में वे मेरा गाना गाती हैं जो मेरे लिए बड़ी बात है।


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