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बर्थडे दिव्या दत्ता: 7 साल की उम्र में हट गया था पिता का साया, मां ने बनाया नेशनल अवॉर्ड विनर

दिव्या की निजी ज़िंदगी उनके फ़िल्मी किरदार की तरह ही चुनौती भरी रही है..

By Hirendra JEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 11:13 AM (IST)
बर्थडे दिव्या दत्ता: 7 साल की उम्र में हट गया था पिता का साया, मां ने बनाया नेशनल अवॉर्ड विनर
बर्थडे दिव्या दत्ता: 7 साल की उम्र में हट गया था पिता का साया, मां ने बनाया नेशनल अवॉर्ड विनर

 मुंबई। आज दिव्या दत्ता का बर्थडे है। 25 सितंबर 1977 को लुधियाना में जन्मीं दिव्या दत्ता एक ऐसी अदाकारा हैं, जिन्होंने हर तरह का रोल कर के अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया है। हिंदी हो या पंजाबी फ़िल्में, दोनों में ही उनकी अदाकारी की जम कर तारीफ हुई है।

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सौ से ज्यादा फ़िल्मों में अलग-अलग तरह की भूमिका करने वाली दिव्या दत्ता की आज एक अलग ही पहचान है! इतनी अलग-अलग भूमिकाओं के बारे में दिव्या कहती हैं कि- ‘करियर की शुरुआत से ही मैंने अलग-अलग तरह के किरदार निभाने की कोशिश की है। हमेशा कुछ नया और चैलेंजिंग करने की लालसा मन में रहती है। मैं हर तरह के दर्शकों के लिए काम करना चाहती हूं, चाहे वे युवा हों या बच्चे या फिर बुजुर्ग।’ दिव्या अपनी मां के काफी करीब थीं। हाल ही में जब फ़िल्म ‘इरादा’ के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला तो उन्होंने यह पुरस्कार अपनी मां को ही समर्पित किया। अपनी मां के ऊपर वो एक किताब भी लिख चुकी हैं। पंजाब के लुधियाना शहर में दिव्या का जन्म एक पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था। दिव्या जब 7 साल की थीं तो उनके पिता का निधन हो गया था। दिव्या दत्ता की मां डॉ. नलिनी दत्ता एक सरकारी अधिकारी थीं। सिंगल मदर रहकर नलिनी दत्ता ने ही दिव्या और उनके भाई की परवरिश की। शायद यही वजह थी कि दिव्या अपने मां के काफी करीब थीं। उन्होंने मां के ऊपर एक किताब भी लिखी ‘मी एंड मां’। दिव्या कहती हैं कि- ‘उनकी मॉम ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया और उनके आशीर्वाद से ही उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।’

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दिव्या दत्ता कहती हैं, मैं अपनी मां को परी संबोधित करती थी। पौराणिक कहानियों के मुताबिक परी आपकी सभी ख्वाहिशें पूरी करती हैं। मेरी मां भी बिना कुछ कहे मेरी हर इच्छा को भांप लेती थीं। लिहाजा वह मेरी लिए परी सरीखी थीं। मेरे लिए सुबह उनके मुहं से हैलो सुनना अहम होता था। मां से मिला जोश और हौसलाअफजाई आत्मविश्वास में इजाफा करता है। उनके शब्द मुझे ताकत देते थे। दुनिया को मैं आत्मविश्वास से परिपूर्ण नजर आती हूं। यह देन मेरी मां की है।

दिव्या बताती हैं- ‘मैंने अपनी पहली कमाई अपनी मां को ही भेंट की था। मुझे 175 रुपये का चेक मिला था। यह चेक मुझे स्कूली दिनों में टीवी पर एक शो में आने के सिलसिले में मिला था। उस चेक को मम्मा ने खर्च नहीं किया था। उन्होंने उसे सहेजकर रख लिया था। मां के साथ इतनी यादें जुड़ी हैं कि मुझे लगता है कि एक किताब उसे बयां करने के लिए नाकाफी है।’

42 साल की उम्र में भी अपनी खूबसूरती और फिटनेस को बरकरार रखने के सवाल पर वो कहती हैं कि- ‘जब तक दिल जवां है, बल्कि मैं तो कहूंगी कि नटखट बच्चों जैसा है और खूबसूरती बरकरार है तब तक उम्र का कोई असर नहीं होता। वैसे मेरा फिटनेस मंत्र है जूम्बा डांस और अपने घर के पास बीच पर जॉगिंग करना। संतुलित भोजन, जिसमें मैं सुबह का नाश्ता पूरे पंजाबी स्टाइल में राजाओं की तरह करती हूं। दोपहर को सादा और हल्का खाना और रात को केवल सूप या सलाद, यानी बिना कार्बोहाइड्रेट्स का भोजन करती हूं।’

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नीचे दी गयी लिंक पर आप जागरण डॉट कॉम के एंटरटेनमेंट एडिटर पराग छापेकर के शो 'लाइट्स कैमरा एक्शन' पर दिव्या दत्ता से उनकी सीधी बातचीत देख सकते हैं- 


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