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राजस्थान की इस कुप्रथा पर आधारित है सीमा कपूर की अगली फिल्म हाट द वीकली बाजार

इस फिल्म में दिव्या दत्ता, अर्चना पूरन सिंह, यशपाल शर्मा की अहम भूमिका है। फिल्म अगले वर्ष रिलीज़ होगी।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 03:46 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 03:46 PM (IST)
राजस्थान की इस कुप्रथा पर आधारित है सीमा कपूर की अगली फिल्म हाट द वीकली बाजार
राजस्थान की इस कुप्रथा पर आधारित है सीमा कपूर की अगली फिल्म हाट द वीकली बाजार

मुंबई। दिवंगत फिल्म अभिनेता ओम पुरी की पत्नी सीमा कपूर, उनकी आगामी फिल्म हाट द वीकली बाजार को लेकर तैयार है। इस फिल्म को लेकर हुई जागरण डॉट कॉम से बातचीत में उन्होंने बताया कि यह फिल्म राजस्थान से जुड़ी एक कुप्रथा पर आधारित है।

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उन्होंने बताया कि हाट-द बाज़ार उस कुप्रथा पर आधारित है, जिसमें महिलाओं को कुछ रुपयों के लिए पति बेच देता है जिसके बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरा और यह क्रम लगातार चलते रहता है। इतना ही नहीं महिलाओं को इससे बचने के अवसर भी दिए जाते हैं लेकिन उन्हें कम वक्त में इतना ज्यादा पैसा लाने के लिए कहा जाता है जोकि उनके लिए संभव नहीं हो पाता। जिसके चलते यह कुचक्र चलते ही रहता है। इस बारे में आगे बताते हुए सीमा कपूर ने यह भी कहा कि इस कुप्रथा के बारे में उन्हें उनकी नौकरानी से पता चला था। इसके बाद उन्होंने इस पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया। इस फिल्म में दिव्या दत्ता, अर्चना पूरन सिंह, यशपाल शर्मा की अहम भूमिका है। फिल्म अगले वर्ष रिलीज़ होगी। इस मौके पर सीमा कपूर ने यह भी बताया कि फिल्म को कई को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया और इसे कई फिल्म फेस्टिवल में भी भेजा गया है। इसके अलावा यह फिल्म दर्शकों को अधिक भायेगी ऐसा उन्हें लगता है।

सीमा कपूर मी टू अभियान को लेकर कहती हैं कि, इस कैंपेन की मैं तारीफ करती हूं और साधूवाद देती हूं। महिलाएं मुखर हो गई हैं। आज महिलाओं में इतनी हिम्मत आ गई है। आज से अगर 30-40 साल पहले की बात करें तो यौन उत्पीड़न तो होता ही था लेकिन अगर किसी लड़की की सगाई भी टूट जाती थी तो उसकी जिंदगी खराब हो जाती थी। आज समाज कितना खुल गया है। अगर महिलाओं के साथ 20 साल पहले ज्यादती या यौन उत्पीड़न हुआ है तो उसके बारे में कहने और उसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत आई है। तो हमें इसका स्वागत करना चाहिए। क्योंकि अगर किसी के साथ गलत हुआ है और आवाज उठाई जा रही है तो वो आगे कई औरों के लिए प्रेरणा है, कि उसी समय आवाज उठाई जाए और एक्शन लिया जाए। लेकिन महिलाओं के साथ ज्यादती बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

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