DDLJ: 1200 हफ़्ते से रोज़ देखी जा रही है, पूरे हुए 23 साल
ये फिल्म मुंबई के मराठा मंदिर में पिछले 1200 हफ़्ते से लगातार चल रही है। रोज़ फिल्म का एक शो होता है।
मुंबई। वैसे तो प्यार करने वाले दिलों के गणित के अलावा कुछ नहीं जानते लेकिन आज दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे के इस गणित पर चाहे तो इस सिनेमा के दीवाने गर्व कर सकते हैं। DDLJ यानि 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' ने शनिवार 20 अक्टूबर को 23 साल पूरे कर लिये।
ये फिल्म मुंबई के मराठा मंदिर में पिछले 1200 हफ़्ते से लगातार चल रही है। रोज़ फिल्म का एक शो होता है।
1200 weeks and still running! thank you all for all the love that you have been showering on #DDLJ for so many years! It was, it is and will always be an incredibly special film for all of us. @iamsrk @yrf #AdityaChopra — Kajol (@KajolAtUN) October 20, 2018
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, एक सिलसिला है। सिर्फ राज और सिमरन की लव स्टोरी का नहीं बल्कि उस असल जिंदगी के रिश्ते नातों और उन जज़्बातों का भी, जिसे जोड़ कर ये पूरा प्रेम ग्रंथ लिख डाला गया । 20 अक्तूबर 1995 को हिन्दी सिनेमा ने प्यार करने वालों को जो सौगात दी थी वो 23 साल का रूमानी इतिहास पूरा कर गई। यूं तो बॉलीवुड ने पिछले सौ सालों मे मदर इंडिया , मुगल ए आजम और शोले जैसी फिल्मे दी लेकिन दिलवाले दुलहनिया ले जायेंगे एक ऐसी फिल्म बन कर उभरी, जिसने प्यार की एक नई परिभाषा रची ।
दिलवाले ... सिर्फ राज और सिमरन की मोहब्बत , बाउजी के पत्थर दिल एहसास , देस परदेस के अलग अलग संस्कारों की हद में रह कर प्यार के लिए, हर हद पार करने के जुनून के कारण ही फेमस नहीं हुई । इसे भारतीय सिनेमा की वो कंप्लीट फिल्म कह सकते हैं जिसमे बहुतों को बहुत कुछ सीखा दिखा । सिनेमा पर ये मनोज कुमार की पूरब और पश्चिम के इफेक्ट से कुछ आगे की कहानी थी। करीब 190 मिनिट की इस प्रेम कहानी ने ना जाने कितनों को असल मे प्रेम करना सीखा दिया । कितने कड़क मिज़ाज बड़ों को अपने बच्चों के लिए ये कहने पर मजबूर कर दिया –'जा , जी ले अपनी जिंदगी'।
DDLJ की कहानी आदित्य चोपड़ा ने लिखी लेकिन अपने दिलवाले को ढूँढने मे उन्हे वक्त लग गया । आदित्य चोपड़ा ने राज के रोल ले लिए टॉम क्रूज को कास्ट करना फाइनल किया था । पर पापा नहीं माने । फिर सैफ अली खान का नाम सुझाया गया लेकिन बात नहीं बनी । शाहरुख खान उस समय बॉलीवुड में पैठ बना रहे थे । डर और बाजीगर में निगेटिव रोल कर हिट हो चुके किंग खान को प्यार की इस बरसात मे उतारना तब एक जिझक थी । चोपड़ाज़ के मन में नहीं शाहरुख के मन में । फिर भी यश से अपने रिश्तों की खातिर शाहरुख मान गए और काजोल को हाँ करने मे देर नहीं लगी ।
Gauri Khan from the sets of DDLJ #23YearsOfTimelessDDLJ pic.twitter.com/EbTjckb1tn — SHAH RUKH KHAN (@IamSRKsFanBoy) October 20, 2018
दिलवाले से सिर्फ आदित्य चोपड़ा के इंडिपेंडेट फिल्मी सफर की शुरुआत नहीं हुई थी बल्कि बॉलीवुड के आज के दौर के सबसे सुपरहिट फिल्मकार करन जौहर ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा । परमीत सेठी , मंदिरा बेदी और पूजा रूपरेल को पहली बार बड़े पर्दे का मुंह देखने मिला । यही नहीं यश चोपड़ा के छोटे बेटे उदय ने भी असिस्टेंट की कमान संभाल ली । फिल्म को दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का ये टाइटल किरण खेर ने दिया था ।
आनंद बक्शी के गीतों को जातिन ललित ने ऐसे सुरों मे ढाला की सात के सातों गाने आज 23 साल बाद भी मुंहलगे हैं। 'गूज़वर्म' लाने वाली लता मंगेशकर की दैवीय आवाज़ के साथ कुमार शानू और उदित नारायण के सुरों का जादू आज भी सिर चढ़ बोला। और हाँ बात घर की ही थी तो आदित्य चोपड़ा की मम्मी पामीला ने भी ' घर आजा परदेसी' गुनगुना ही दिया। डीडीएलजे को बॉलीवुड की ब्लॉक बस्टर फिल्मों मे गिना जाता है ।
चार करोड़ में बनी इस फिल्म ने भारत मे 106 करोड़ और विदेश मे 16 करोड़ का कारोबार किया।मुंबई के मराठा मंदिर में सबसे अधिक समय तक लगातार चलने का रिकॉर्ड भी इसी फिल्म ने अपने नाम दर्ज़ करवा लिया। फिल्म को 10 फिल्मफेयर अवार्ड मिले और बेस्ट एंटेरटेनमेंट फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी । डीडीएलजे को ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट की सूची में 11वे नंबर पर रखा गया है । मदर इंडिया और शोले के बाद रैंकिंग सूची मे इसका नंबर आता है।
सब बेस्ट ही था। मनीष मल्होत्रा के कपड़े और सरोज खान को कोरियोग्राफी (अनबन के बाद फराह खान ने एक गाना किया था) .डीडीएलजे बॉलीवुड की ऐसी पहली फिल्म थी जिसकी मेकिंग और उसकी डाक्यूमेंटरी ना सिर्फ बनाई गई बल्कि उसे फिल्म की रिलीज़ के दो दिन बाद दूरदर्शन पर दिखाया गया ।
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