Move to Jagran APP

इस हीरोइन की वजह से फ्लॉप हुई थी डेब्यू फ़िल्म, धर्मेंद्र ने 58 साल बाद खोला राज़

इस फ़िल्म में धर्मेंद्र ने रास्तों पर सिगरेट बेचने वाले का किरदार निभाया था, जो बाद में बॉक्सर बन जाता है, जबकि कुमकुम एक बड़े घर की नौकरानी के रोल में थीं।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Sat, 07 Jul 2018 11:07 AM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 10:56 AM (IST)
इस हीरोइन की वजह से फ्लॉप हुई थी डेब्यू फ़िल्म, धर्मेंद्र ने 58 साल बाद खोला राज़
इस हीरोइन की वजह से फ्लॉप हुई थी डेब्यू फ़िल्म, धर्मेंद्र ने 58 साल बाद खोला राज़

मुंबई। हिंदी सिनेमा के सबसे हैंडसम एक्टर्स में शुमार धर्मेंद्र ने 1960 में 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से फ़िल्मी करियर शुरू किया था, मगर यह फ़िल्म फ्लॉप रही थी। अब 58 साल बाद धर्मेंद्र ने अपनी लीड हीरोइन कुमकुम को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। 

loksabha election banner

धर्मेंद्र ने फ़िल्म से अपना और कुमकुम का फोटो शेयर करते हुए एक दिलचस्प ट्वीट किया है, जिसमें बॉलीवुड के ही-मैन ने लिखा है- मेरी मुख़्तसर सी प्यारी सी हीरोइन कुमकुम अपनी पहली ही फ़िल्म में इनसे कह बैठा ''दिल भी तेरा हम भी तेरे'' इनसे कुबूल ना हुआ, फ़िल्म फ्लॉप हो गयी। इस ट्वीट से आप समझ गये होंगे कि पर्दे पर अपने एक्शन से दहलाने वाले धर्मेंद्र का सेंस ऑफ़ ह्यूमर भी ग़ज़ब का है। धर्मेंद्र जब से सोशल मीडिया में आये हैं, फैंस के लिए कभी अपनी शायरी तो कभी थ्रोबैक तस्वीरों के ज़रिए इंटरेक्ट करते रहते हैं। 

बताते चलें कि 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' को अर्जुन हिंगोरानी ने डायरेक्ट किया था। इस रोमांटिक ड्रामा में धर्मेंद्र और कुमकुम के साथ उस दौर के आला अदाकार बलराज साहनी भी मुख्य किरदारों में शामिल थे। इस फ़िल्म में धर्मेंद्र ने रास्तों पर सिगरेट बेचने वाले का किरदार निभाया था, जो बाद में बॉक्सर बन जाता है, जबकि कुमकुम एक बड़े घर की नौकरानी के रोल में थीं। बॉलीवुड में कुमकुम धर्मेंद्र से काफ़ी सीनियर थीं। उन्हें गुरुदत्त ने अपनी 1954 की फ़िल्म 'आर पार' के गाने कभी आर कभी पार लागा तीरे नज़र के लिए खोजा था। बाद में उन्होंने गुरुदत्त की फ़िल्म 'मिस्टर एंड मिसेज 55' और 'प्यासा' में भी एक रोल किया था। किशोर कुमार के साथ 1964 में आयी 'मिस्टर एक्स इन बॉम्बे' के लिए दर्शक उन्हें बख़ूबी पहचानते हैं। किशोर और कुमकुम पर फ़िल्माया गया गाना 'मेरे महबूब क़यामत होगी', आज भी सुनने वालों की लिस्ट में शामिल रहता है। 

वहीं फ़िल्मफेयर मैगज़ीन का न्यू टैलेंट अवॉर्ड जीतने के बाद धर्मेंद्र फ़िल्मों में किस्मत आज़माने मुंबई आ गये थे। 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' फ्लॉप रही, लेकिन धर्मेंद्र के गुड लुक्स और एक्टिंग स्किल्स को नोटिस किया गया। उन्हें रोमांटिक फ़िल्मों में काम मिलने लगा। साठ के दशक की शुरुआत में उन्होंने शोला और शबनम, सूरत और सीरत, अनपढ़ और बंदिनी जैसी फ़िल्मों में काम किया। दिलचस्प बात यह है कि उस वक़्त क्रेडिट रोल्स में धर्मेंद्र के नाम की स्पेलिंग अलग-अलग रहती थी। कभी Dharminder तो कभी Dharmindera लिखा जाता था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.