Coronavirus Effect On Bollywood: आपका मनोरंजन करने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट, जानें पूरा मामला
Coronavirus Effect On Bollywood कोरोना वायरस की असर फ़िल्म इंडस्ट्री की हालात काफी खराब है। आइए जानते हैं कैसा फंसा है मामला...
नई दिल्ली (रजत सिंह)। Coronavirus Effect On Bollywood: कोरोना अपने साथ सिर्फ लॉक डाउन ही नहीं, बल्कि रोजगार संकट जैसी समस्याएं भी लेकर आया है। इसका सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी पर काम करने वाले वर्कर्स पर पड़ रहा है। मुंबई की फ़िल्म इंडस्ट्री में ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक है, जो डेली वेज वर्कर हैं।
कोरोना वायरस के आउटब्रेक के बाद सबसे पहले सिनेमाघरों को बंद किया गया। इसके बाद प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने 19 मार्च से टीवी,फ़िल्म और ओटीटी की शूटिंग को बंद करने का फैसला लिया। इसके कुछ दिनों बाद ही मुंबई को लॉक डाउन कर दिया गया। अब हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में इस सपनों की नगरी के लोग सब कुछ वापस सामान्य होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
क्या सैलरी वाले लोग कर सकते हैं सरवाइव
फ़िल्म इंडस्ट्री में दो किस्म के लोग काम करते हैं। एक इन हाउस काम करने वाले कर्मचारी, जिन्हें सैलरी मिलती है। वहीं, दूसरे हैं डेली वेज़ वर्कर्स। इन हाउस प्रोडक्शन में काम कर रहे लाइन प्रोड्यूसर सुदर्शन सिंह कहते हैं, 'सबसे ज्य़ादा नुकसान रोजमर्रा के हिसाब से काम करने वाले लोगों का है। वहीं, सैलरी वालों को अगर 15 दिन का पैसा नहीं भी मिलता है, तो वह जीवन-यापन कर सकते हैं। हालांकि, सवाल टीवी में काम कर रहे लोगों का भी है। वहां,पूरे महीने काम होता है। अगर प्रोड्यूसर काम नहीं कर पाएगें, तो सैलरी कहां से देगें।'
प्रोड्यूसर एसोसिएशन ने इस हालात को लेकर मदद की घोषणा की है। इस मदद को लेकर सुर्दशन कहते हैं, 'इससे मदद की उम्मीद है। हालांकि, इसके लिए क्या प्रॉसेस है यह अभी लोगों को नहीं पता। इसके इतर यह कहा गया है कि सैलरी पर काम करने वालों की मार्च में कोई कौटती नहीं की जाएगी। इस महीने उन्हें पूरी सैलरी मिलेगी। टीवी में भी जो मासिक वेतन पर हैं, उनकी सैलरी में कटौती ना हो।'
सुदर्शन आगे बताते हैं, 'बीच में लोगों को राशन बांटने की बात सामने आए थी। 22 मार्च का समय भी तय किया गया था। हालांकि, इस दिन जनता कर्फ्यू का एलान होने से इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि इस विषय पर क्या काम हुआ है।'
डेली वेज़ वर्कर की क्या है कमाई
सुर्दशन सिंह बताते हैं कि रोजमर्रा के हिसाब से काम करने वालों को अलग-अलग प्रोडक्शन हाउस में अलग-अलग वेजे़स मिलते हैं। हालांकि, एसोसिएशन ने एक दिन का कम से कम 1800 रुपये निर्धारित किया है।
फ्रीलांसर की हालात सबसे ख़राब
मुंबई फ़िल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले फ्रीलांसर के सामने भी काफी समस्या है। फ्रीलांस प्रोडक्शन असिस्टेंट विवेक का कहना है कि सबसे ज्यादा मार फ्रीलांसर्स पर पड़ी है। काम बिलकुल बंद है। वहीं, लोगों के फंसे पैसे भी नहीं मिल रहे हैं, क्योंकि अकाउंट डिपार्टमेंट भी बंद है। कुछ लोग अपने घर लौट गए हैं। हालांकि, सब कुछ बंद होने के बाद अब लोग फंस गए हैं। ऐसे में लोग अपनी बचत के सहारे ही सरवाइव कर रहे हैं।
वहीं, प्रोड्यूसर एसोसिएशन से मिलने वाली मदद पर विवेक बताते हैं, 'कोई किसी को पकड़कर मदद देने वाला नहीं है। अधिकतम उन्हीं लोगों को मदद मिलेगी, जो प्रोडक्शन हाउस के साथ जुड़े हैं। फ्रीलांसर को यह मदद शायद ही मिले। वहीं, मुंबई फ़िल्म इंडस्ट्री में फ्रीलांस काम करने वालों की संख्या 50 फीसदी से अधिक है।'