Coronavirus Crisis के बीच बिगड़ते माहौल में जावेद अख्त़र की मुसलमानों से ख़ास अपील, पढे़ं पूरा बयान
Coronavirus Crisis लेखक और फ़िल्ममेकर जावदे अख्त़र ने भी एक वीडियो के जरिए लोगों को यही संदेश देने की कोशिश की है। उन्होंने एकता बनाने की अपील की।
नई दिल्ली,जेएनएन। Coronavirus Crisis: कोरोना वायरस की वजह से देश में हालात खराब हैं। कई मोर्चे पर चुनौतियां खड़ी हैं। एक ओर जहां लोग बीमारी से बचने के लिए घरों में बंद हैं, तो वहीं दूसरी ओर सबकुछ बंद होने की वजह से आर्थिक हालात भी खराब हैं। इन सबके इतर कुछ मामले में आपसी भाईचारा भी खराब हो रहा है। डॉक्टर्स पर हमला, पुलिस पर हमला और दुकानदारों पर हमले के कारण माहौल और बिगड़ रहा है। इस बिगड़ते माहौल पर बॉलीवुड सेलेब्स लगातार लोगों से भाईचार बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
लेखक और फ़िल्ममेकर जावेद अख्त़र ने भी एक वीडियो के जरिए लोगों को यही संदेश देने की कोशिश की है। दरअसल, उनकी पत्नी शबाना आज़मी ने अपने ऑफ़िशियल ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें जावेद लोगों से एकजुट रहने की अपील कर रहे हैं।
जावेद अख़्तर ने क्या कहा
जावेद ने इस वीडियो में कहा- 'दोस्तों, देश इस वक्त बड़े संकट से गुजर रहा है। इस संकट से लड़ने के लिए, जिसका नाम कोरोना है, जरूरी है कि हम सब पूरे के पूरे एक हों। हम अगर एक दूसरे पर शक करने लगेंगे और एक दूसरे की नीयत को नहीं समझेंगे, तो जब एकता ही नहीं होगी, तो लड़ेंगे कैसे? एकता की बहुत जरूरत है। आए दिन मैं बहुत अज़ीब-अज़ीब बातें सुनता हूं। सलाम करिए उन डॉक्टरों का, जो अपनी जान हथेली पर लेकर आपका टेस्ट लेने आ रहे हैं। टेस्ट से ही तो मालूम होगा कि आपको बीमारी है या नहीं। टेस्ट में मालूम होगा आपको बीमारी है, तो आपका इलाज़ कराया जाएगा। यह बहुत नासमझी की बात है कि कई जगह उन डॉक्टरों के ऊपर पत्थर फेंका गया है। यह तो बहुत बेवकूफी का काम है, यह नहीं होना चाहिए।'
जावेद ने आगे कहा- 'दूसरी तरफ सुनने को मिलता है कि एक वर्ग की दुकाने बंद करा दी। ठेला उलट दिया। उसे मारकर भगा दिया। ऐसे थोड़े ही एकता होती है। हम एक दूसरे पर पूरी तरह से विश्वास रखना होगा। हम सब देशवासी हैं।'
#StopThisNow. pic.twitter.com/oryXdZX4HL— Azmi Shabana (@AzmiShabana) April 19, 2020
घर में नमाज़ पढ़ने की अपील
जावेद अख़्तर ने मुस्लिम समाज से विशेष अपील की। उन्होंने कहा- 'मैं रिक्वेस्ट करूंगा, खासतौर से अपने देश के मुसलमान भाइयों से। आपका रमजान आ रहा है। आप ज़रूर इबादत करिए। इबादत का अपना फर्ज़ समझते हैं। लेकिन इसमें याद रखिए कि दूसरों को प्रॉब्लम ना हो। बल्कि आपके अपने लोगों को भी प्रॉब्लम ना हो। वो सारी इबादत जो आप मस्जिद में जाकर करते थे, वह आप घर पर कर सकते हैं। ख्याल रखिए कि आपकी बातों, नारों और बातचीत से दूसरों के दिलों में तरह-तरह के संदेह पैदा ना हो।'