Cinema Halls Re-open: ठंडा रहा सिनेमाघरों का पहला दिन, मगर बेहतर वीकेंड की उम्मीद कायम
Cinema Halls Re-open मल्टीप्लेक्स ओनर्स ने पहले ही ऐसी फ़िल्मों को सिनेमाघरों में लगाने से मना कर दिया है जो पैनडेमिक में तालाबंदी के दौरान ओटीटी पर आ चुकी हैं। सिनेमाघर संचालकों को उम्मीद है कि 30 अक्टूबर के बाद से नई फ़िल्में आनी शुरू हो जाएंगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस पैनडेमिक के बाद 16 अक्टूबर से केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत कुछ राज्यों में सिनेमाघर शुरू हो गये। हालांकि, पहले दिन शुक्रवार को दर्शकों की संख्या बेहद कम रही। कोविड-19 के रिस्क को देखते हुए अभी लोग सिनेमाघरों तक जाने में कतरा रहे हैं। सिनेमाघर संचालकों को उम्मीद है कि वीकेंड में हालात बेहतर होंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 50 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दी है, यानि किसी सिनेमा हॉल में जितनी सीटें हैं, उससे आधी ही टिकटें बिकेंगी। दिल्ली के डिलाइट सिनेमाघर में हाउसफुल 4 लगी है। यहां के महाप्रबंधक राज कुमार मल्होत्रा ने आईएएनएस को बताया- हम पहले दिन से हाउसफुल की उम्मीद नहीं कर रहे। हम तो यह भी मानकर नहीं चल रहे कि 50 फीसदी लोग आएंगे। दोपहर 12 बजे के शो में 50-60 से लोग ही पहुंचे। लेकिन, हम ख़ुश हैं कि चीजें शुरू हो गयी हैं। आज जो 50-60 लोग बैठे हैं, वो अपने परिवारों को बताएंगे कि थिएटर में जाकर फ़िल्म देखना सुरक्षित है तो और लोग आने शुरू होंगे।
कार्निवाल सिनेमाज़ के वाइस प्रेसीडेंट, ऑपरेशंस, कुणाल साहनी ने कहा- दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और गुजरात में सिनेमाघर खुले हैं। सुबह 11 बजे के शो में 25-30 लोग आये। जैसे-जैसे बात फैलेगी, और लोग आएंगे। कार्निवाल सिनेमाज़ में सेक्शन 375, वॉर, मलंग और क्वीन लगायी गयी हैं। पंजाब, गुजरात और बंगाल में वहां की भाषाओं की फ़िल्में चल ही हैं।
वेब सिनेमाज़ के निदेशक योगेश रायज़ादा ने कहा कि नवरात्रि और दिवाली से पहले वैसे भी बिज़नेस ठंडा रहता है। सात महीने का गैप और नया कंटेंट ना होने की वजह से इस वक़्त ऑक्युपेंसी की बात करना ठीक नहीं। ज़रूरी है कि दर्शकों का भरोसा कायम किया जाए, जिससे वो लौटकर सिनेमाघरों तक आएं। ओटीटी पर रिलीज़ हो चुकी फ़िल्मों को थिएटर में लगाने के सवाल पर रायज़ादा ने कहा कि इससे एक ग़लत परम्परा बन जाएगी। हर कोई फ़िल्मों को ओटीटी के साथ थिएटर में रिलीज़ करना चाहेगा, जिससे सिनेमाघरों का आकर्षण कम होगा। कोई भी फ़िल्म सिनेमाघर में रिलीज़ होने के आठ हफ़्ते बाद टीवी या ओटीटी पर जाती है, जिससे फ़िल्म को बड़ी स्क्रीन पर चलने का मौक़ा मिल जाता है।
बताते चलें कि मल्टीप्लेक्स ओनर्स ने पहले ही ऐसी फ़िल्मों को सिनेमाघरों में लगाने से मना कर दिया है, जो पैनडेमिक में तालाबंदी के दौरान ओटीटी पर आ चुकी हैं। सिनेमाघर संचालकों को उम्मीद है कि 30 अक्टूबर के बाद से नई फ़िल्में आनी शुरू हो जाएंगी। इनमें हॉलीवुड फ़िल्में भी शामिल हैं।