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Chehre के निर्देशक रूमी जाफरी ने बताया किस्सा, 'पोलैंड जाने से पहले ऋषि कपूर ने कहा था ख़ुदकुशी करने जा रहे हो'

कोरोना की दूसरी लहर के बाद थिएटर में रिलीज होने वाली दूसरी फिल्म रूमी जाफरी निर्देशित ‘चेहरे’ है। फिल्म में अमिताभ बच्चन इमरान हाशमी रघुबीर यादव रिया चक्रवर्ती सहित कई कलाकार हैं।रोमांटिक और कॉमेडी फिल्में लिखने वाले रूमी जाफरी इस बार थ्रिलर फिल्म लेकर आ रहे हैं।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 07:20 PM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 06:48 AM (IST)
Chehre के निर्देशक रूमी जाफरी ने बताया किस्सा, 'पोलैंड जाने से पहले ऋषि कपूर ने कहा था ख़ुदकुशी करने जा रहे हो'
Photo Credit - rishikapoor_original and rumijaffery Insta Account

प्रियंका सिंह, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर के बाद थिएटर में रिलीज होने वाली दूसरी फिल्म रूमी जाफरी निर्देशित ‘चेहरे’ है। फिल्म में अमिताभ बच्चन, इमरान हाशमी, रघुबीर यादव, रिया चक्रवर्ती सहित कई कलाकार हैं। फिल्म के निर्देशक रूमी जाफरी कहते हैं कि पिछले साल अप्रैल में यह फिल्म रिलीज होने वाली थी, आखिरकार इंतजार अब खत्म हो गया है। बड़ी फिल्में इस वक्त थिएटर के लिए बहुत जरूरी हैं...

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रोमांटिक और कॉमेडी फिल्में लिखने वाले रूमी जाफरी इस बार थ्रिलर फिल्म लेकर आ रहे हैं। इस संबंध में वह कहते हैं, ‘मैंने 25-26 साल कॉमेडी फिल्में लिखी हैं। मेकर्स मुझसे ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘बीवी नंबर 1’ जैसी फिल्में लिखने की उम्मीद करते हैं। मैं भी जिद पर अड़ा था कि इस बार कुछ अलग करना है।

इसमें अमिताभ बच्चन साहब ने मेरा साथ दिया। थ्रिलर फिल्मों में निर्देशक को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। यह जॉनर बतौर लेखक भी मेरे लिए चुनौतीपूर्ण रहा। कॉमेडी जॉनर में निर्देशक के पास बहुत ज्यादा काम नहीं होता है, क्योंकि ज्यादातर चीजें लेखन और कलाकार की कॉमिक टाइमिंग पर निर्भर करती हैं। थ्रिलर फिल्मों में पहले ही सीन से संवाद, लाइटिंग और साउंड से सीन जमना शुरू हो जाता है। इनका खयाल निर्देशक को रखना पड़ता है।

मैंने इस कहानी को बच्चन साहब को दिमाग में रखकर ही लिखा था। मैं खुशनसीब हूं कि उनके साथ दो बार बतौर लेखक, दो बार बतौर निर्देशक यानी कुल चार बार काम करने का मौका मिला। फिल्म की काफी शूटिंग पोलैंड में की गई है। रूमी कहते हैं, ‘वहां हमने माइनस 14 डिग्री सेल्सियस तापमान में शूटिंग की थी। मैंने अमिताभ बच्चन से ज्यादा समर्पित कलाकार आज तक नहीं देखा। जब यह फिल्म शूट हुई थी, तब ऋषि कपूर साहब हमारे बीच थे। एक दिन मेरे पास उनका फोन कॉल आया। उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि तुम अमिताभ बच्चन को लेकर पोलैंड शूटिंग करने जा रहे हो। मैंने कहां हां, तो उन्होंने कहा पहले कभी गए हो? मैंने कहा नहीं।

उन्होंने पूछा दिसंबर में जा रहे हो? मैंने कहा हां। फिर उन्होंने कहा कि खुदखुशी करने जा रहे हो, मैंने ‘फना’ की शूटिंग वहां की है, इतनी ठंड होती है कि हालत खराब हो जाती है। फिर मैंने ऋषि साहब से कहा कि आप तो डरा रहे हैं। जब हम वहां पहुंचे, तो ऋषि जी की बात याद आई। वाकई बहुत ठंड थी। जब बच्चन साहब को शॉट देना होता था तो उन्हें उन कपड़ों में आना पड़ता था, जो मुंबई के शेड्यूल की कंटीन्यूटी में थे। गर्म कपड़े वह सीन में नहीं पहन सकते थे। जब बच्चन साहब शॉट देते थे तो पूरी यूनिट को प्रेरणा मिलती थी।’

निर्देशन की चुनौतियों को लेकर रूमी कहते हैं, ‘इस पेशे में प्रतियोगिता बढ़ गई है, जो अच्छी बात है। इससे इंसान सजग होकर अच्छा काम कर पाता है। दर्शकों का टेस्ट बदल गया है। उन्हें नए तरह का सिनेमा देना होगा। यही वजह है कि मैंने थ्रिलर जॉनर चुना है। आगे अगर कॉमेडी फिल्में लिखूंगा या बनाऊंगा तो उनमें भी कुछ अलग करने की कोशिश होगी।’

फिल्म ‘चेहरे’ में रिया चक्रवर्ती हैं। मेकर्स ने रिया को फिलहाल प्रमोशन या फिल्म के पोस्टर से दूर रखा है। रूमी कहते हैं, ‘रिया को फिल्म के प्रमोशन के लिए इस्तेमाल करना, हमें गलत लगता है। वह फिल्म का हिस्सा हैं, लेकिन प्रमोशन फिल्म के मुताबिक होना चाहिए। हम बेवजह की पब्लिसिटी करके दर्शकों को धोखा नहीं देना

चाहते हैं।’

आपके कितने चेहरे हैं? इसके जवाब में रूमी हंसते हुए कहते हैं, ‘मैं दुनिया के सामने दो ही चेहरे दिखाना चाहता हूं, एक अच्छे फिल्ममेकर का और दूसरा अच्छे लेखक का'। चेहरे’ में अमिताभ बच्चन के लुक को लेकर रूमी कहते हैं, ‘बच्चन साहब ने इतने लुक निभाए हैं कि उन्हें एक नया लुक देना मुश्किल काम था। उनके लुक के लिए मैंने उनकी पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से लेकर अब तक की सभी फिल्मों के फोटो निकलवाए और दीवारों पर लगा दिए। उन तस्वीरों को मैं देखता और सोचता था कि इसमें से कौन सा नया लुक सामने आएगा।

चेहरे में बदलाव नहीं लाना था, इसलिए मैंने उनकी दाढ़ी में एक गांठ बांध दी और रशियन टोपी पहना दी। मैं उनके पास बस यही एक लुक लेकर गया था। उन्होंने लुक ट्राई किया और ओके कर दिया। ‘चेहरे’ टाइटल का आइडिया भी उसी तस्वीरों वाली दीवार से आया, जिस पर बच्चन साहब की तस्वीरें लगाई थीं। फिल्म की कहानी में इंसान का जो चेहरा नजर आता है, वह असलियत में होता नहीं है।’


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