Move to Jagran APP

संजय दत्त नई मुसीबत में

पुणे की जेल में बंद अभिनेता संजय दत्त नई मुसीबत में फंस गए हैं। महाराष्ट्र जेल प्रशासन ने एक जांच में पाया है कि दत्त ने अपने पिछले फरलो (अवकाश) के दौरान स्वीकृति से दो दिन अधिक रहकर नियमों की धज्जियां उड़ाई।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 12 Feb 2015 06:56 PM (IST)Updated: Thu, 12 Feb 2015 07:08 PM (IST)
संजय दत्त नई मुसीबत में

मुंबई। पुणे की जेल में बंद अभिनेता संजय दत्त नई मुसीबत में फंस गए हैं। महाराष्ट्र जेल प्रशासन ने एक जांच में पाया है कि दत्त ने अपने पिछले फरलो (अवकाश) के दौरान स्वीकृति से दो दिन अधिक रहकर नियमों की धज्जियां उड़ाई।

loksabha election banner

महाराष्ट्र के अपर पुलिस महानिदेशक (जेल) मीरान बोरवंकर ने राज्य के गृह विभाग को इस बारे में रिपोर्ट सौंपी है। इसमें यह भी कहा गया है कि जब संजय दत्त ने अपने खराब स्वास्थ्य के आधार पर फरलो की अवधि 14 दिन और बढ़ाने के लिए आवेदन दिया तो मुंबई पुलिस और जेल प्रशासन के बीच समन्वय का अभाव था। बोरवंकर ने कहा, मैंने तीन दिन पहले ही जांच रिपोर्ट गृह विभाग को सौंप दी है।

दत्त का फरलो से दो दिन अधिक रहना नियमों का उल्लंघन है। कोई भी यदि नियमों की अवहेलना करता है तो उसे कार्रवाई का सामना करना होगा। उन्होंने यह भी संकेत में कहा कि दत्त को तभी जेल लौट आना चाहिए था जब उनकी छुट्टी बढ़ाने के आवेदन पर विचार किया जा रहा था। एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि जेल नियमावली के अनुसार, दत्त के शेष बचे अवकाश के दिनों में से 10 दिन काट लिए जाएंगे।

एक दिन अधिक रहने के स्थिति मुजरिम का आगे के दिनों में मिलने वाले फरलो में पांच दिन काट लिए जाते हैं। अवैध रूप से एके-56 रखने के जुर्म में पांच साल कैद की सजा काट रहे है। दत्त से बरामद हथियार उस हथियारों के जखीरे का हिस्सा था जिसे 1993 में मुंबई सिलसिलेवार धमाके के समय इस्तेमाल किया जाना था।

अभिनेता दत्त पिछले साल दिसंबर में पुणे की यरवदा जेल से 14 दिनों के फरलो पर छुटे थे उन्हें इस साल आठ जनवरी को जेल लौट आना था। 27 दिसंबर को अभिनेता ने अपने स्वास्थ्य का आधार बाना कर फरलो की अवधि बढ़ाने के लिए आवदेन दिया लेकिन अवकाश के आखिरी दिन तक आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया।

आठ जनवरी को दत्त ने समर्पण करने के लिए मुंबई आवास छोड़ा लेकिन जेल अधिकारियों ने उनके आवेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया और वह लौट गए। 10 जनवरी को जब जेल प्रशासन ने संजय दत्त का आवेदन अस्वीकार कर दिया तब उन्होंने समर्पण किया। मीडिया की खबरों में कहा गया था कि बार-बार फरलो देकर दत्त के साथ पक्षपात हो रहा है क्योंकि दूसरे कैदियों के साथ ऐसा नहीं किया जाता।

पढ़ेंः शुद्धि में विलेन बनेंगे संजय दत्त

पढ़ेंः बेटी के कहने पर टॉपलेस हुईं पूजा बेदी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.