बचपन में इन्हें आइकन मानते थे वरुण धवन
एक्टर वरुण धवन का कहना है कि दर्शकों को वास्तविकता से प्रेरित सिनेमा चाहिए, न कि फैंटेसी वाली। वरुण ने हाल ही में 'बदलापुर' में एक अलग तरह का किरदार निभाया था। वरुण कहते हैं कि, 'बॉलीवुड आमतौर पर फैंटेसी वाली फिल्मों के लिए जाना जाता है मगर अब मुझे
मुंबई। एक्टर वरुण धवन का कहना है कि दर्शकों को वास्तविकता से प्रेरित सिनेमा चाहिए, न कि फैंटेसी वाली। वरुण ने हाल ही में 'बदलापुर' में एक अलग तरह का किरदार निभाया था। वरुण कहते हैं कि, 'बॉलीवुड आमतौर पर फैंटेसी वाली फिल्मों के लिए जाना जाता है मगर अब मुझे ऐसा लगता है कि दर्शक अब दूसरे प्रकार का सिनेमा चाहते हैं। वो सिनेमा जिसमें थोड़ा थ्रिल हो, जो वास्तविकता के करीब हो।'
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वरुण का मानना है कि, 'इंडस्ट्री में होना एक शानदार अनुभव के बराबर है। हम पांच साल पहले की बात कर रहे हैं। अब वो समय आ गया है जब हिन्दी सिनेमा में कुछ नया किया जाए। आज के युवा नए आइडिए को स्वीकार कर रहे हैं। नई बात को पसंद कर रहे हैं। उनकी सोच का दायरा बढ़ गया है।'
वरुण इस बात को युवाओं से जोड़ते हुए कहते हैं कि मुझे नहीं लगता है कि, 'मैं जो काम कर रहा हूं उससे मैं एक यूथ आइकॉन हूं। मगर मैं कहना चाहता हूं कि जब मैं अपनी फिल्म प्रमोट कर रहा होता हूं तो मैं कोशिश करता हूं कि इस बात से युवाओं को जोड़ सकूं।'
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वो कहते हैं, 'मुझे वाकई नहीं पता कि मैं कोई यूथ आइकॉन हूं। अगर ऐसा है तो मैं युवाओं से कहना चाहूंगा कि कृपया विराट कोहली, सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल को चुनें। इनसे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। मैं जब बड़ा हो रहा था तो मेरे यूथ आइकॉन सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली हुआ करते थे। मैंने खेल के सितारों को चुना अपने आइकॉन के रुप में क्योंकि इनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।'
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