बॉलीवुड की इन फ़िल्मों दिख जाएंगे 'आसाराम', कारनामे देख मुंह से निकलेगा Oh My God!
आसाराम और गुरमीत राम रहीम जैसे फ़र्ज़ी गॉडमैन यानि बाबाओं के किरदार हिंदी फ़िल्मों में अक्सर नज़र आते रहे हैं, जो किसी ना किसी बाबा का प्रतिरूप महसूस होते हैं।
मुंबई। जोधपुर की अदालत ने धार्मिक गुरु आसाराम को अपने आश्रम में दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार दिया है। नाबालिग से दुष्कर्म के इस मामले में अदालत ने उन्हें उम्र क़ैद की सज़ा का एलान किया है।
ऐसे धर्मगुरुओं को सलाख़ों के पीछे देखकर वो फ़िल्में याद आ जाती हैं, जिनमें धर्म की आड़ लेकर पाखंडी गुरु या गॉडमैन लोगों का शोषण करते हैं। आसाराम और गुरमीत राम रहीम जैसे फ़र्ज़ी गॉडमैन यानि बाबाओं के किरदार हिंदी फ़िल्मों में अक्सर नज़र आते रहे हैं, जो किसी ना किसी बाबा का प्रतिरूप महसूस होते हैं। मिलिए, ऐसे ही बाबाओं से, जो असलियत के बेहद क़रीब हैं-
धर्मसंकट फ़िल्म में नसीरुद्दीन शाह ने गॉडमैन नील आनंद बाबा का किरदार निभाया था। परेश रावल ने फ़िल्म में लीड रोल प्ले किया था, जबकि अन्नू कपूर एक ख़ास रोल में दिखे थे। परेश का किरदार फ़िल्म में अपनी धार्मिक पहचान जानने के लिए निकलता है और इसी दौरान उसकी मुलाक़ात ढोंगी नील आनंद बाबा से होती है, जो अपनी शिष्याओं पर बुरी नज़र रखता है।
आमिर ख़ान की फ़िल्म पीके में भी धार्मिक अंधविश्वासों पर चोट की गयी थी। इस फ़िल्म में सौरभ शुक्ला ने एक बेहद ताक़तवर बाबा तपस्वी महाराज का किरदार निभाया था, जिसे आमिर का किरदार एक्सपोज़ करता है।
अजय देवगन की फ़िल्म सिंघम रिटर्न्स की कहानी एक ढोंगी बाबा के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके आश्रम में ब्लैक मनी समेत तमाम ग़ैरक़ानूनी काम होते हैं। इस बाबा की टक्कर जब सिंघम से होती है तो उसकी फ़र्ज़ी आध्यात्मिक दुनिया का भंडाफोड़ होता है। सत्यराज बाबा के किरदार को अमोल गुप्ते ने प्ले किया था।
अक्षय कुमार की फ़िल्म ओएमजी- ओह माय गॉड ऐसे ही पाखंडी धर्मगुरुओं का पर्दाफ़ाश करती है। फ़िल्म में मिथुन चक्रवर्ती ने लीलाधर स्वामी, गोविंद नामदेव ने सिद्धेश्वर महाराज और पूनम झावर ने गोपी मां का किरदार निभाया था। ये तीनों ही रियल लाइफ़ के धर्म गुरुओं से प्रेरित किरदार थे।
2015 की फ़िल्म ग्लोबल बाबा में अभिमन्यु सिंह ने भी एक भ्रष्ट धर्मगुरु का रोल निभाया था। इस फ़िल्म में संदीपा धर, रवि किशन, संजय मिश्रा और पंकज त्रिपाठी अहम किरदारों में दिखायी दिये थे।
1992 की फ़िल्म ज़ुल्म की हुकूमत में परेश रावल फ़र्ज़ी बाबा स्वामी के रोल में दिखे थे, जो एक गैंगस्टर होता है, मगर बाबा के भेष में रहता है। फ़िल्म में धर्मेंद्र और गोविंदा ने लीड रोल्स निभाये थे।
1989 की फ़िल्म जादूगर में अमराश पुरी एक चमत्कारिक गॉडमैन के रोल में दिखायी दिये थे। उनके किरदार का नाम महाप्रभु जगतसागर चिंतामणि था। ये धर्मगुरु हाथ की सफ़ाई दिखाकर भोले-भाले लोगों को अपना मुरीद बनाता था। फ़िल्म में जादूगर बने अमिताभ बच्चन का किरदार इसे एक्सपोज़ करता है।