लोग पार्टियों और अवॉर्ड शो में नहीं बुलाते थे, मलिक होने के फायदे नहीं नुकसान ही हुए: अरमान-अमाल
टी सीरीज के नए सिंगल घर से निकलते ही को लेकर अरमान और अमाल मलिक खूब चर्चा में हैं।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। अरमान मलिक और अमाल मलिक दोनों ही भाइयों ने इंडस्ट्री में एक बड़ी पहचान हासिल कर ली है। वह इंडस्ट्री में कई बड़ी फिल्मों का हिस्सा बन चुके हैं और आने वाले समय में उन्हें और भी कई अच्छी फिल्में मिल रही हैं। जहां अमाल मलिक अपने संगीत से दर्शकों को हैरान कर रहे हैं वहीं छोटे भाई अरमान अपनी गायकी से दर्शकों का दिल जीत रहे हैं।
हाल ही में टी सीरीज के नए सिंगल घर से निकलते ही को लेकर भी वह खूब चर्चा में हैं। इसी गाने की लांचिंग के दौरान दोनों भाइयों ने जागरण डॉट कॉम से विशेष बातचीत की और अपने अबतक के सफर को लेकर कई दिलचस्प बातें शेयर की। बता दें कि ये दोनों ही भाई मशहूर म्यूजिक निर्देशक सरदार मलिक के पोते भी हैं। ऐसे दौर में जहां नेपोटिज्म का मतलब यह मान लिया गया कि जो भी इंडस्ट्री सन रहे हैं, उनके लिए जर्नी आसान हो जाती है। मगर ये कहानी अरमान और अमाल पर लागू नहीं हुई। दोनों भाई के लिए मलिक परिवार से होना, बाकी स्टार किड्स की तरह कोई लग्जरी साबित नहीं हुआ, बल्कि उसके उलट मुसीबत बन बैठा। वजह निर्देशकों को लगता कि अगर इनके साथ म्यूजिक शेयर किया तो वह जाकर कहीं डब्बू मलिक और अनु मलिक, जो रिश्ते में इनके चाचा लगते हैं, उन्हें न दे आयें। ऐसे में किस तरह उन्होंने मलिक होते हुए, मलिक सरनेम का सहारा न लेते हुए अपने लिए रास्ते तलाशे और आज बड़े नाम बन गए। इस सफर के पीछे एक लम्बी कहानी है, संघर्ष है।
ये दोनों ही भाई इस बात को लेकर सजग रहते हैं कि जो सपना उनके पिता डब्बू मलिक ने देखा लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाए, वह म्यूजिक इंडस्ट्री में एक बड़ी पहचान बना पाने में असफल रहे। लेकिन बेटों को इस बात का इल्म है और वह अपने पापा को वही सम्मान दिलाने में जी जान से जुटे रहते हैं और उनकी हर ख्वाहिश को पूरा करने की कोशिश करते रहते हैं। दोनों कहते हैं कि हमारे पापा का म्यूजिक हमारे दिल के हमेशा करीब रहेगा, क्या हुआ जो लोगों ने उन्हें नहीं समझा। दोनों ने पापा के लिए अपनी कमाई से जब उनकी पसंदीदा कार खरीद कर दी, उस दिन जो ख़ुशी अपने पापा की आंखों में देखी तो लगा कि अवॉर्ड मिल गया। दोनों भाई के लिए मलिक परिवार से होना, बाकी स्टार किड्स की तरह कोई लग्जरी साबित नहीं हुआ, बल्कि उसके उलट मुसीबत बन बैठा. वजह निर्देशकों को लगता कि अगर इनके साथ म्यूजिक शेयर किया तो वह जाकर कहीं डब्बू मलिक और अनु मलिक, जो रिश्ते में इनके चाचा लगते हैं, उन्हें न दे आयें। ऐसे में किस तरह उन्होंने मलिक होते हुए, मलिक सरनेम का सहारा न लेते हुए अपने लिए रास्ते तलाशें और आज बड़े नाम. इस सफर के पीछे एक लम्बी कहानी है, संघर्ष है।
दस साल की उम्र से काम शुरू
अरमान बताते हैं कि मैंने 10 साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया था। शुरू में वह विज्ञापन के लिए जिंगल्स गाया करते थे। उस वक़्त उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मराठी, गुजराती और कई अन्य लैंग्वेज के लिए जिंगल्स गाये। चूंकि उनकी नानी हैदराबाद से थीं, अरमान को भी छोटी उम्र से ही तेलुगु समझ आने लगी थी। उस वक़्त से ही वह उस भाषा में फ़्लूएंट हो गए थे। चूंकि उनकी मॉम से भी उन्हें इस भाषा में काफी मदद मिलती थी।
घर पर है भाइयों की टीम, होती खूब लड़ाई
अरमान आगे अपने बड़े भाई अमाल की बात करते हैं और कहते हैं कि अमाल हमेशा से काफी लेजी हैं। यही वजह है कि हम दोनों में कई बार खूब लड़ाई भी होती है। घर पर हम दोनों की टीम है। पापा अमाल की टीम में हैं और मां मेरी टीम में हैं। सो, जब भी हम दोनों के बीच कुछ डिस्कशन होता है तो मेरी मॉम और मैं एक पार्टी में होते हैं। मजाक की बात से ऊपर अरमान बताते हैं कि बाहर वह टीम की तरह ही काम करते हैं। हम दोनों काफी लड़ाई वहां भी करते हैं। अगर एक दूसरे से पूरी तरह सहमत नहीं होते हैं, हमारे बीच क्रिएटिव लड़ाई होती है। हम अपने प्रोजेक्ट को बेस्ट करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ते हैं।
सलमान का लेसन पुराना करके जीतने से अच्छा, नया प्रयोग करके फ्लॉप हो जाये
अमाल बताते हैं कि उनकी जिंदगी में सलमान की अहमियत हमेशा खास रहेगी। इसकी वजह वह यह मानते हैं कि उन्हें लगता है कि सलमान को टैलेंट पहचानना अच्छी तरह से आता है। उन्होंने सलमान से काफी कुछ सीखा है। अमाल बताते हैं कि सलमान हमेशा यह समझाते आये हैं कि म्यूजिक की दुनिया में जब तक कुछ नया एक्सपेरिमेंट नहीं करोगे, टिकोगे नहीं। इसलिए बहुत जरूरी है कि नया करो, फिर चाहे वह फ्लॉप हो जाये। आगे के लिए काम मिलता रहेगा। अमाल बताते हैं कि जय हो के वक़्त सलमान ने उन्हें मौक़ा दिया और उसके बाद उन्होंने यही कहा था कि अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ती है। तुम भी लड़ो। जाहिर है कि वह यही चाहते थे कि हम खुद को प्रूव करें। यह सच है कि उनके साथ हमारा पहला काम सफल नहीं हुआ, लेकिन इससे हमलोग अपने काम को लेकर और अधिक सीरियस हो गये थे। अरमान इसी बीच हंसते हुए बताते हैं कि अमाल से सलमान की अधिक बांडिंग है। वह तो केवल उन्हें जन्मदिन पर ही मैसेज करते हैं। अमाल के मैसेज का वह अधिक जवाब देते हैं। दोनों ही इस बात को भी स्वीकारते हैं कि पहला ब्रेक हर किसी के लिए अहम् होता है। इसके बाद ही आपको अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिलता है। यही वजह है कि हमने खुद को तैयार किया कि हम भाई को हमेशा प्राउड फील कराएंगे।
छोटे ने छोटी उम्र से घर की जिम्मेदारियां
संभाली अमाल बताते हैं कि बड़े भाई होने के बावजूद मैं इस बात को स्वीकारना चाहूंगा कि छोटे ने छोटी उम्र से ही मुझसे भी पहले घर की सारी जिम्मेदारी उठा ली थी। मैं यह बात जानता हूं कि मुझे जब भी जरूरत होगी अरमान हमेशा मेरे लिए खड़ा रहेगा। छोटे ने दो साल की उम्र से कमाना शुरू कर दिया। उस वक़्त मुझे याद है कि उसने दस लाख रुपये कमाए थे। जो कि उस हम सबके लिए काफी महत्वपूर्ण थे। उस वक़्त हमने उस पैसे से अपने पूरे लोन को क्लियर किया था। उस वक़्त मुझे बुरा भी लगता था कि मैं छोटे भाई के पैसे ले रहा हूं। लेकिन फिर मैंने तय किया कि मैं खूब काम करूंगा और काम करना शुरू भी कर दिया। चूंकि मुझे मेरे पापा के सम्मान को वापस दिलाना था। पिता डब्बू मलिक मेरे पिताजी ने जो भी अपनी जिंदगी में बनने की कोशिश की, वह उसमें असफल ही रहे। उन्होंने बैंकिंग की नौकरी तक की, क्योंकि वह चाहते थे कि हम लोगों को कम्फर्ट मिले। मेरी मां झांसी की रानी बन कर रही उन मुश्किल दौर में भी ताकि हम अच्छा कर पाएं। मेरे पापा वह नहीं कर पाए जो वह करना चाहते थे, क्योंकि अगर वह वैसा करते तो परिवार का गुजारा मुश्किल होता। यही वजह है कि हमने री पे करने के बारे में सोचा। इसके बावजूद इस बात की टीस अरमान और अमाल को है कि उनके पापा ने इतने ग्रेट सॉन्ग नम्बर्स दिए। लेकिन कभी भी उनके लक ने उन्हें सपोर्ट नहीं किया। मुझे याद है कि उनके पास उस वक़्त हजार रूपये बचे थे और वह मार्केट गए थे ताकि मेरे म्यूजिकल अम्युनिएशन खरीद पाएं। अमाल बताते हैं कि उनका सपना हमेशा था कि वह एक मर्सिडीज खरीद पाएं। लेकिन वह कभी उसे अफोर्ड नहीं कर पाए। हाल में हमने उन्हें यह गिफ्ट दिया, जब हम दोनों को पहला अवार्ड मिला था। हमने उन्हें स्टेज पर बुलाया। हम अपने सारे अवॉर्ड उनके रूम में रखते हैं, ताकि उन्हें ख़ुशी मिल पाए और तसल्ली मिल पाए।
इंडस्ट्री करती थी इग्नोर
अरमान और अमाल कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं है कि अनु मलिक एक अच्छे म्यूजिशियन हैं और उन्होंने इंडस्ट्री को बहुत कुछ दिया है और आज भी वह बेहतरीन आम कर रहे हैं। मैं तो शायद उनकी उम्र तक पहुंचू तो थक जाऊंगा, अपने पापा और अनु मलिक के रिश्ते के बारे में वह कहते हैं कि उन्हें खास जानकारी नहीं, लेकिन हम उनकी इज्जत करते हैं और करते रहेंगे। लेकिन यह भी सच है कि बचपन में उनके बच्चों से हमारी खास बनी नहीं, क्योंकि कभी वह वाली फीलिंग आयी नहीं। सच कहूं तो हमारे बीच कोई स्मूथ रिलेशनशिप नहीं है। हाल ही में अनु अंकल ने ट्विटर पर फाईट भी किया था। जबकि मैं उन्हें वह सॉन्ग ट्रिब्यूट में दे रहा था। मैंने कभी कहा ही नहीं कि वह मेरा सॉन्ग है। न ही मैं उनके नाम की क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहा था। मैंने अपने पिता का संघर्ष देखा है। हमने किसी से भी कभी कोई सपोर्ट हासिल नहीं किया है। हम दोनों भाई चाहते थे और चाहते हैं कि हम सबको साबित करें कि हम डब्बू मलिक के प्रोडक्ट हैं। दोनों उस दौर की बातें करते हुए कहते हैं कि लोग हमें पार्टियों में नहीं बुलाते थे, बुलाते भी थे तो कुछ तवज्जो नहीं देते थे। हमें अवॉर्ड्स शो में नहीं बुलाते थे, लेकिन इन सबके लिए हमने मेहनत की है और सम्मान खुद हासिल किया है।
हां मैं मुंह फट हूं : अमाल
अमाल हमेशा ही अपने विचारों को लेकर बेबाक रहे हैं। वह अवॉर्ड्स वापसी से लेकर कई मुद्दों पर खुल कर सामने आये हैं। वह कहते हैं कि मुझे ख़ुशी है कि मैंने अवॉर्ड्स को लेकर अपना मत रखा था, जो कि जेनविन अवॉर्ड नहीं था। उस वक्त भी मैंने कोई एक अवॉर्ड के बारे में मेंशन नहीं किया था। लेकिन उस वक़्त जो अवॉर्ड्स शो होने वाला था, लोगों ने उस बात से इसे जोड़ लिया था। मैं यह बात मानता हूं कि अगर मैं आज नहीं बोला और आज से चालीस साल बाद उस बात का अफसोस भी किया तो इसके क्या फायदा। मैं आउट स्पोकन हूं और रहूंगा। अमाल मानते हैं कि इसकी वजह से उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स भी खोये हैं। लेकिन फिर भी उन्हें इस बात से खास फर्क नहीं पड़ता। वह साफ कहते हैं कि मैं विदेश में जाकर पिज्जा बॉय बन जाऊंगा। लेकिन जहां बोलना होगा वहां बोलूंगा। चुप नहीं रह सकता।
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अपने भाई अमाल की तरह अरमान क्यों अपने विचार खुल के नहीं रखते? इस पर अमाल अपनी बात खत्म करते हुए कहते हैं कि वह नहीं चाहते कि उनकी तरह भाई अरमान भी किसी भी विवाद में फंसे। मैं चाहता हूं कि वह अपने काम पर फोकस करे और मैं अकेला ही काफी हूं।
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अरमान और अमाल कहते हैं कि यह आसान नहीं था हमारे लिए। लोगों को लगता था कि हम कुछ भी शेयर कर देंगे। चूंकी हम मलिक्स हैं, प्रोड्यूसर्स हमसे शेयर करने में घबराते थे। लेकिन सलमान खान का शुक्रिया उन्होंने कहा कि नया म्यूजिक बनाओ और लोगों की नजर में खुद बनो और अब तो उम्मीद है कि फ्रेश काम करके आने वाले तीस सालों तक काम करते रहेंगे।