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Panipat Controversy: स्क्रिप्ट चोरी को लेकर विवादों में 'पानीपत', लेखक ने कहा-'ग़लत हुआ तो सरेआम मागूंगा माफ़ी'

Panipat Controversy प्लॉट चोरी को लेकर अर्जुन कपूर और संजय दत्त की फ़िल्म विवादों में घिर गई है। अब प्लॉट चोरी का आरोप लगा है।

By Rajat SinghEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 03:46 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 03:56 PM (IST)
Panipat Controversy: स्क्रिप्ट चोरी को लेकर विवादों में 'पानीपत', लेखक ने कहा-'ग़लत हुआ तो सरेआम मागूंगा माफ़ी'
Panipat Controversy: स्क्रिप्ट चोरी को लेकर विवादों में 'पानीपत', लेखक ने कहा-'ग़लत हुआ तो सरेआम मागूंगा माफ़ी'

नई दिल्ली, जेएनएन। Panipat Controversy: अर्जुन कपूर, कृति सनोन और सजंय दत्त स्टारर फ़िल्म 'पानीपत' छह दिसंबर को रिलीज़ होने वाली है। रिलीज़ से पहले फ़िल्म एक के बाद एक विवादों में घिरती नजर आ रही है। ट्रेलर के दौरान अफ़गानिस्तान के लोगों ने 'अहमद शाह अब्दाली' को लेकर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद अब इसके मेकर्स के ऊपर प्लॉट चोरी करने आरोप भी लग गया है। लेख़क विश्वास पाटिल ने आरोप लगाया है कि फ़िल्म की कहानी उनके नॉवेल 'पानीपत' से प्रेरित है।

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मराठी उपन्यासकार विश्वास पाटिल ने कहा, अगर उन्हें ग़लत साबित कर दिया गया, तो वह पानीपत के मेकर्स से सार्वजनिक रूप से मांफी मांगेंगे। हाल ही में प्लॉट चुराने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक केस भी दायर किया है। इसको लेकर पाटिल ने कहा, 'जिस वक्त मैंने ट्रेलर देखा, तभी मुझे विश्वास हो गया था कि उन्होंने (फ़िल्ममेकर्स)  मेरी किताब की आत्मा को चुराया है। इसके बाद कोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।'

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए पाटिल ने कहा, 'मैंने उन्हें स्क्रिप्ट और फ़िल्म दोनों दिखाने के लिए कहा है। अगर मैं ग़लत हुआ और उन्होंने मेरा प्लॉट नहीं चुराया, तो मैं सार्वजनिक रूप से माफ़ी मागूंगा। नहीं तो, उन्हें मुआवजा देना होगा।'  बता दें कि यह नॉवेल का 43वां एडिशन है। किताब की मराठी कॉपी की 2 लाख से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं। हाल ही वेस्टलैंड प्रकाशन ने इसकी अंग्रेजी में ट्रांस्लेटेड प्रति भी छापी है। वहीं, लेखक इस पर आधारित 'रणांगन' नाम से नाटक भी लिख रहे हैं।

बता दें कि अशुतोष गोवारिकर की फ़िल्म 'पानीपत' और 'नॉवेल' दोनों ही पानीपत के तीसरे युद्ध पर आधारित हैं। इस युद्ध में मराठाओं के सामने अफ़गानी सेना खड़ी थी। यह युद्ध 14 जनवरी, 1761 को लड़ा गया था। 60 वर्षीय लेखक पाटिल का कहना है कि युद्ध की कहानी पब्लिक डोमेन में है। ऐसे में इस पर किसी व्यक्ति विशेष का कॉपीराइट नहीं है। लेकिन उनका दावा है कि उनकी किताब में कहानी को कई नए आयाम और रंग दिए गए। यही आयाम और रंग फ़िल्ममेकर्स ने चुराये हैं।

(Inputs- PTI)

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