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Amitabh Bachchan Birthday: रेडियो में अपनी आवाज की वजह रिजेक्ट हो गए थी बिग बी, पहली फिल्म से की थी इतनी कमाई

हिंदी सिनेमा के मेगास्टार अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को मशहूर कवि और लेखक डॉ. हरिवंश राय बच्चन के घर में हुआ था। अमिताभ बच्चन आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनके चाहने वाले केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में हैं।

By Anand KashyapEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 04:40 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 06:32 AM (IST)
Amitabh Bachchan Birthday: रेडियो में अपनी आवाज की वजह रिजेक्ट हो गए थी बिग बी, पहली फिल्म से की थी इतनी कमाई
हिंदी सिनेमा के मेगास्टार अमिताभ बच्चन, तस्वीर, Instagram: amitabhbachchan

नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा के मेगास्टार अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को मशहूर कवि और लेखक डॉ. हरिवंश राय बच्चन के घर में हुआ था। अमिताभ बच्चन आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनके चाहने वाले केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में हैं। अमिताभ बच्चन के अभिनय का हर उम्र के लोग कायल हैं, लेकिन हिंदी सिनेमा में कदम रखने और अपने पहचान बनाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था।

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शुरुआती करियर में अमिताभ बच्चन ने मेडिकल रिप्रेजेंटिटिव की नौकरी की, लेकिन नौकरी उनके बस की बात नहीं थी। इसके बाद बचपन से ही थियेटर का शौक रखने वाले अमिताभ बच्चन ने रेडियो में काम करने का फैसला किया, लेकिन आज से समय में पूरी दुनिया में मशहूर अमिताभ बच्चन की आवाज को रिजेक्ट कर दिया गया। उन्होंने पहले रेडियो के अंग्रेजी प्रोग्राम के लिए टेस्ट दिया, जिसमें उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। फिर बाद में हिंदी टेस्ट में भी उनके साथ यही हुआ।

साठ के दशक में जब अमीन सयानी रेडियो पर ' सितारों की जवानियां ' नाम का शो करते थे तब अमिताभ कई बार स्टूडियो गए लेकिन सयानी ने अमिताभ से मिलने का भी समय नहीं निकाला, लेकिन अमिताभ बच्चन की मंजिल सिर्फ सिनेमा की एक सतरंगी दुनिया थी, जिसका पहला कदम 16 फरवरी 1969 को मुंबई में पड़ा। फिल्मकार ख्वाजा अहमद अब्बास फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' की कास्टिंग कर रहे थे। उस समय उन्हें इस फिल्म के छह फुट लंबे, दुबले-पलते कलाकार की जरूरत थी। फिल्म से इस कमी को अमिताभ बच्चन ने पूरा किया।

फिल्म सात हिन्दुस्तानी में काम के लिए अमिताभ बच्चन को पांच हजार रुपये मिले थे और जलाल आगा की कंपनी भी आवाज देने के बदले 50 रूपये हर दिन के देती थी। संघर्ष के दिनों का गुजारा हो जाता था। कभी छत नसीब होती कभी मुंबई की गिरगांव चौपाटी का एक बेंच। दरअसल ये मां तेजी बच्चन का ही एक सपना था जो अमिताभ को कला की दुनिया का चमकता सितारा बना देखना चाहती थीं। और जब पहली बार 'दीवार' में अमिताभ की मौत को पर्दे पर देखा था फूट-फूट कर रो भी पड़ी थी।

खुद रंगमंच की कलाकार थीं पर शायद बेटे के अभिनय को भी सच मान बैठीं। वो आमतौर पर बच्चन की शूटिंग का हिस्सा कभी नहीं होती थीं, हालांकि यश चोपड़ा की रिक्वेस्ट के बाद 'कभी कभी' की शूटिंग देखने कश्मीर जरूर गईं। वैसे अमिताभ बच्चन का नाम बचपन में ' इंकलाब ' ही रखा गया था। बाद में जाने माने कवि सुमित्रानंदन पंत ने अमिताभ रखने दिया। अभिनय के अलावा अमिताभ बच्चन कई फिल्मों के गानों में भी अपनी आवाज दे चुके हैं।


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