Move to Jagran APP

कोरोना ने तोड़ी इंडस्ट्री की कमर, इस साल पृथ्वीराज और लाल सिंह चड्ढा समेत इन फिल्मों पर टिकी उम्मीदें

निर्माताओं ने रिलीज के मुहाने पर खड़ी ‘जर्सी’ ‘आरआरआर’ ‘राधे श्याम’ और ‘पृथ्वीराज’ जैसी फिल्मों की रिलीज स्थगित कर दी है। अगर परिस्थितियां ऐसी ही बनी रहीं तो कुछ और फिल्मों की रिलीज स्थगित होने की संभावना है।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 03:12 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 03:12 PM (IST)
कोरोना ने तोड़ी इंडस्ट्री की कमर, इस साल पृथ्वीराज और लाल सिंह चड्ढा समेत इन फिल्मों पर टिकी उम्मीदें
Image Source: Prithviraj,& Lal Singh Chaddha poster

प्रियंका सिंह/दीपेश पांडेय, मुंबई। कोरोना वायरस की वजह से बीते दो साल सिनेमा जगत के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे। दूसरी लहर के बाद सिनेमा उद्योग धीरे-धीरे वापस खड़ा हो ही रहा था कि ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते मामलों ने खतरे की घंटी बजा दी। जिसकी वजह से ‘जर्सी’, ‘आरआरआर’, ‘पृथ्वीराज’ और ‘राधे श्याम’ फिल्मों की रिलीज स्थगित कर दी गई है। कोरोना काल में डिजिटल प्लेटफार्म पर फिल्मों को मंच मिला, लेकिन उसकी अपनी चुनौतियां व सीमाएं हैं। 

loksabha election banner

देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले और तीसरी लहर का डर फिल्मकारों के लिए इस साल की सबसे बड़ी चुनौती है। महाराष्ट्र में पहले से ही सिनेमाघरों को सिर्फ 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है, वहीं दिल्ली में सिनेमाघरों को पूरी तरह से बंद करा दिया गया है। इन दोनों ही राज्यों से हिंदी फिल्मों के बाक्स आफिस कलेक्शन का एक बड़ा हिस्सा आता है। ऐसे में निर्माताओं ने रिलीज के मुहाने पर खड़ी ‘जर्सी’, ‘आरआरआर’, ‘राधे श्याम’ और ‘पृथ्वीराज’ जैसी फिल्मों की रिलीज स्थगित कर दी है। अगर परिस्थितियां ऐसी ही बनी रहीं तो कुछ और फिल्मों की रिलीज स्थगित होने की संभावना है।

शूटिंग पर लगा विराम:

फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ के निर्देशक और निर्माता राज शांडिल्य कहते हैं, ‘हम सिनेमाघरों के पूरी तरह खुलने का इंतजार कर रहे हैं, उसी के अनुसार आगे की योजनाएं तैयार करेंगे। फिलहाल डिजिटल प्लेटफार्म पर ही फिल्मों की रिलीज और लेखन का काम जारी रखना संभव है। मेरी फिल्म ‘जनहित में जारी’ की शूटिंग पूरी हो चुकी है। परिस्थितियां न सुधरीं तो मार्च तक हम यह फिल्म डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज कर सकते हैं। हमारी एक अन्य वेब सीरीज की शूटिंग चल रही थी, पर महामारी के कारण उसे रोक दिया गया है। देश के सबसे बुजुर्ग धावक फौजा सिंह की बायोपिक का भी काम रुका हुआ है। कोरोना पर नियंत्रण के बाद ही र्शूंटग संभव हो सकेगी। हमारी फिल्म ज्यादा बड़े बजट की नहींहै। थिएट्रिकल रिलीज मिले या न मिले, हमारे पास डिजिटल राइट्स, सेटेलाइट राइट्स, म्यूजिक राइट्स जैसी तमाम चीजें हैं। जिनसे पैसा रिकवर हो जाता है। समस्या महंगी फिल्मों के लिए है। उन्हें सिनेमाघरों के खुलने तक इंतजार करना ही पड़ेगा।’

डिजिटल से आस:

साल 2020 में कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान निर्माताओं को डिजिटल प्लेटफार्म के रूप में नया मंच मिला। ‘गुलाबो सिताबो’, ‘लक्ष्मी’, ‘द बिग बुल’, ‘भुज- द प्राइड आफ इंडिया’, ‘शेरशाह’ समेत कई बड़े बजट की फिल्में डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज हुईं। खबरें हैं कि अब शाहिद कपूर अभिनीत फिल्म ‘जर्सी’ को डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज किया जा सकता है। फिल्म निर्माता और निर्देशक विपुल अमृतलाल शाह का कहना है, ‘जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और सिनेमाघरों पर पाबंदियां हैं, उससे लगता है कि डिजिटल प्लेटफार्म स्थायी तौर पर रहने वाला है। इसकी मौजूदगी में फिल्मों की कहानियों की गुणवत्ता बेहतर होगी। इस दौर को सकारात्मक तरीके से देखें, क्योंकि जब डिजिटल कंटेंट बढ़ेगा तो फिल्ममेकर्स को नए-नए आइडियाज आएंगे। डिजिटल पर रिलीज होने से फिल्मकारों को भी फायदा होगा, क्योंकि उनकी फिल्में दूसरे देशों तक भी पहुंच पाती हैं। सिनेमाघर और डिजिटल दोनों माध्यम एक-दूसरे को सपोर्ट करते हुए आगे बढ़ेंगे।’

सही प्लेटफार्म की पहचान जरूरी:

फिल्मोंं की रिलीज के लिए सही प्लेटफार्म का चयन भी नई चुनौती है। फिल्म ‘इंदु की जवानी’ के निर्देशक और फिल्म ‘मिसेज अंडरकवर’ के निर्माता अबीर सेनगुप्ता कहते हैं, ‘दर्शक कौन सी फिल्म सिनेमाघरों में देखेंगे और कौन सी फिल्म डिजिटल प्लेटफार्म पर देखना पसंद करेंगे, फिल्मकारों के लिए यह जानना जरूरी है। फिल्म को किस प्लेटफार्म पर रिलीज करना चाहिए, यह उसके आर्ट या कमर्शियल होने पर नहीं, बल्कि दर्शकों के देखने के पैटर्न पर निर्भर करता है। जैसे कि दर्शक कौन सी फिल्म घर बैठकर अपने मनमुताबिक रिवर्स या फारवर्ड करते हुए देखना चाहते हैं और कौन सी फिल्म ढेर सारे दर्शकों के बीच बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं। ‘बाहुबली’ जैसी लार्जर दैन लाइफ फिल्मों के लिए बड़ा पर्दा पहली पसंद रहेगा। डिजिटल प्लेटफार्म पर रिमोट या मोबाइल फोन दर्शकों के हाथों में ही होता है। कहानी धीमी पड़ने पर वह तुरंत बदल सकते हैं। बढ़ती तकनीक के साथ निर्माताओं के लिए भी उम्दा कंटेंट बनाने और उसे पेश करने की चुनौती बढ़ती जाएगी।’

टकराव के लिए तैयार बाक्स आफिस:

बीते दो वर्ष में ‘सूर्यवंशी’ और ‘83’ को छोड़कर रिलीज के लिए रुकी कोई भी बड़े बजट की फिल्म नहीं रिलीज हो पाई। ऐसे में रिलीज की कतार में पिछले वर्षों से रुकी फिल्मों के साथ ही नवनिर्मित फिल्में भी शामिल हो रही हैं। इस स्थिति में बाक्स आफिस पर टकराव बढ़ना स्वाभाविक है। सब कुछ ठीक रहा तो इस साल ईद के मौके पर अजय देवगन की ‘रनवे 34’ और टाइगर श्राफ की ‘हीरोपंती 2’, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अक्षय कुमार अभिनीत ‘रक्षा बंधन’ और प्रभास अभिनीत ‘आदि पुरुष’, क्रिसमस के मौके पर सलमान की ‘टाइगर 3’ और टाइगर श्राफ की ‘गणपत’ के बीच बाक्स आफिस पर टकराव दिखने की उम्मीदें हैं। हालांकि, कई फिल्मों के बीच स्क्रीन बंट जाने से फिल्मकारों को नुकसान ही होता है। इसे लेकर अभिनेता अक्षय कुमार कहते हैं, साल में 52 सप्ताह ही होते हैं, ऐसे में जो फिल्में बैकलाग में पड़ी हैं, उनका क्या। यह तो अच्छा है कि अभी तक दो-दो फिल्में ही एक साथ रिलीज हो रही थीं। अब आगे पांच-पांच भी एक साथ आ सकती हैं। इसका कोई भरोसा नहीं

है। कुछ भी हो सकता है।’

जारी रहेगा बदलाव:

कोरोना काल में फिल्मों की रिलीज के साथ ही प्रमोशन के तरीके भी बदले। प्लेटफार्म की विविधता और उपलब्धता का प्रभाव फिल्मों की कहानियों और लेखन शैली पर भी पड़ा। लेखकों ने वास्तविकता से जुड़े लेखन को प्राथमिकता दी। फिल्म लेखक और निर्देशक मोजेज सिंह का कहना है, ‘सिनेमा की यही खासियत रही है कि वह हर दौर के साथ बदलता रहा है। दक्षिण भारत की फिल्में अच्छी कमाई कर रही हैं या डिजिटल प्लेटफार्म सिनेमाघरों की जगह ले रहा है, इस तरह की बातों को हमें सिनेमा के विकास के तौर पर देखना चाहिए।’

कीमतों पर नियंत्रण:

कोरोना काल में सिनेमाघरों के दोबारा खुलने के बाद फिल्म की टिकटों की कीमतों में वृद्धि देखी गई। सिनेप्रेमी ‘सूर्यवंशी’ और ‘पुष्पा’ जैसी फिल्में देखने सिनेमाघरों तक गए, लेकिन टिकटों की कीमत को लेकर उनकी शिकायत काफी रही। इस बाबत फिल्म निर्माता और ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर का कहना है, ‘इस साल सिनेमा इंडस्ट्री के लिए टिकट की कीमतों पर नियंत्रण रखना बड़ी चुनौती है। महामारी की वजह से लोग डरे हुए हैं, ऊपर से अगर हम ऊंचे दामों पर टिकट बेचते हैं तो लोग सिनेमाघरों में जाने से कतराएंगे। सिनेमा जगत के सामने कंटेंट की गुणवत्ता बनाए रखने के साथ महामारी संबंधी सारे दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपने बिजनेस को फिर से

खड़ा करने की चुनौती है। इसके लिए उपयुक्त प्रमोशन, सही कीमत और अच्छे कंटेंट का होना बहुत जरूरी है। सिनेमा के वैश्वीकरण से भले ही हमारी फिल्मों को दूसरे कई देशों में भी दर्शक देख रहे हैं, लेकिन हमारे यहां भी

हालीवुड की फिल्में भारतीय भाषाओं में डब होकर रिलीज हो रही हैं। हमें अपने कंटेंट को लगातार बेहतर बनाना होगा।’

कायम हैं उम्मीदें:

पिछले करीब दो वर्ष भले ही सिनेमा उद्योग के लिए मुश्किल रहे हों, लेकिन बाक्स आफिस पर ‘सूर्यवंशी’, ‘83’ और ‘स्पाइडरमैन- नो वे होम’ जैसी फिल्मों ने अच्छी कमाई करते हुए फिल्म उद्योग की उम्मीदों को कायम रखा। निर्देशक अभिषेक दुधैया कहते हैं कि कुछ महीने पहले बिल्कुल उम्मीद नहीं की जा सकती थी कि सिनेमाघरों में कितने ज्यादा लोग आएंगे, लेकिन ‘सूर्यवंशी’ जैसी फिल्मों की बाक्स आफिस पर कमाई देखते हुए लग रहा है कि परिस्थितियां सामान्य होने के बाद फिर से बड़ी संख्या में लोग सिनेमाघरों में आएंगे।’

इन पर रहेगा बड़ा दांव

अक्षय कुमार: पृथ्वीराज, बच्चन पांडे, रक्षा बंधन, राम सेतु, मिशन

सिंड्रेला और ओह माइ गाड 2 ।

अजय देवगन : रनवे 34, मैदान और थैंक गाड।

आमिर खान: लाल सिंह चड्ढा

सलमान खान: टाइगर 3

कंगना रनोट: धाकड़, तेजस

प्रभास: राधे श्याम, आदि पुरुष

रितिक रोशन: विक्रम वेधा

रणवीर सिंह: जयेशभाई जोरदार, सर्कस

रणबीर कपूर: ब्रह्मास्त्र और लव रंजन की अनाम फिल्म

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.