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'बॉर्डर' की रिलीज के बाद जेपी दत्ता को मिली थी जान से मारने की धमकी, 2 बॉडीगार्ड 24 घंटे रहते थे साथ

दत्ता ने एलओसी कारगिल बनाने का फैसला किया जबकि उनका परिवार इसके खिलाफ था। उन्होंने कारगिल युद्ध के शहीदों का नाम लेते हुए कहामैंने अपने परिवार के साथ यह कहते हुए बहस की कि हम सभी को किसी न किसी तरह से मरना है।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Published: Sun, 15 Aug 2021 09:01 AM (IST)Updated: Sun, 15 Aug 2021 09:01 AM (IST)
'बॉर्डर' की रिलीज के बाद जेपी दत्ता को मिली थी जान से मारने की धमकी, 2 बॉडीगार्ड 24 घंटे रहते थे साथ
Image Source: J P dutta Film Poster

नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म निर्माता जेपी दत्ता, जिनकी फिल्म बॉर्डर को भारत-पाकिस्तान युद्ध पर बनी सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक माना है, उन्होंने इस फिल्म को जान खतरें में डालकर रिलीज किया था। जेपी दत्ता के परिवार ने उन्हें ऐसा एक और फिल्म एलओसी: कारगिल बनाने से रोका था। लेकिन जेपी दत्ता ने किसी भी दबाव में आकर फिल्म रोकने से साफ इनकार कर दिया था।

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भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम इस घटना को याद कर रहे हैं। फोर्ब्स के लिए एक कॉलम में, दत्ता ने बॉर्डर की रिलीज के बाद लिखा कर उन्हें सरकार ने दो सशस्त्र अंगरक्षकों दिए थे क्योंकि उनका जीवन खतरे में था। उन्होंने कहा कि वो उनकी 'छाया' की तरह थे और लगातार तीन या चार महीने तक उनके साथ रहे। निर्माता ने बताया कि धमकी देने वालों का मकसद उन्हें सबक सीखाने का था।

दत्ता ने एलओसी कारगिल बनाने का फैसला किया, जबकि उनका परिवार इसके खिलाफ था। उन्होंने कारगिल युद्ध के शहीदों का नाम लेते हुए कहा,'मैंने अपने परिवार के साथ यह कहते हुए बहस की कि हम सभी को किसी न किसी तरह से मरना है। अगर वह (एक सैनिक) वहां खड़ा हो सकता है और मेरे लिए मर सकता है, तो मैं उसके लिए क्यों नहीं मर सकता? मैं अपनी पूंछ को अपने पैरों के बीच रखकर दौड़ने वाला नहीं हूं। मैं वहां जाऊंगा और इतिहास दर्ज करूंगा, चाहे वह (लेफ्टिनेंट) मनोज पांडे हो, या (कप्तान) विक्रम बत्रा, या (लेफ्टिनेंट सौरभ) कालिया'।

उन्होंने आगे कहा,'मैंने व्यावसायिक कारणों से या बॉक्स ऑफिस के लिए फिल्म नहीं की। मैंने फिल्म को तीन घंटे या ढाई घंटे तक कम करके नहीं किया। यह चार घंटे की फिल्म थी, और मैंने उस लंबाई को बरकरार रखा क्योंकि मैं अधिकारियों और पुरुषों के परिवारों से मिला था, मैंने उनके बच्चों के बारे में बात की थी, वे कैसे बड़े हुए, वे कैसे लड़े। अगर मैंने फिल्म काट दी होती तो मुझे फिल्म से उनके जीवन और उनकी कहानियों को हटाना पड़ता। और मैं उन परिवारों का फिर कभी सामना नहीं कर पाता'

दत्ता ने कहा कि एलओसी कारगिल के बाद धमकियां थम गईं। 1999 के कारगिल युद्ध की घटनाओं को दर्शाने वाली इस फिल्म में अजय देवगन, संजय दत्त, अभिषेक बच्चन, सुनील शेट्टी, सैफ अली खान, मनोज वाजपेयी, अक्षय खन्ना, करीना कपूर, रानी मुखर्जी, रवीना टंडन और ईशा देओल।


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