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Interview: तमिल और हिंदी फिल्मों में काम पर बोलीं अदिति राव हैदरी, 'बहुत लोगों को मौका नहीं मिलता, मुझे मिला है'

Aditi Rao Hydari Interview अदिति राव हैदरी ने हिंदी और तमिल फिल्मों में एक साथ काम करने को लेकर कहा है कि यह मौका बहुत कम लोगों को मिलता है।

By Mohit PareekEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 02:51 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 02:51 PM (IST)
Interview: तमिल और हिंदी फिल्मों में काम पर बोलीं अदिति राव हैदरी, 'बहुत लोगों को मौका नहीं मिलता, मुझे मिला है'
Interview: तमिल और हिंदी फिल्मों में काम पर बोलीं अदिति राव हैदरी, 'बहुत लोगों को मौका नहीं मिलता, मुझे मिला है'

स्मिता श्रीवास्तव, नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी की तमिल फिल्म वी हाल ही में अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई। इसके साथ ही एक्ट्रेस के पास और भी कई प्रोजेक्ट हैं। इससे पहले एक्ट्रेस ने लॉकडाउन से पहले 'द गर्ल इन द ट्रेन' की शूटिंग पूरी कर चुकी थीं। यह ओटीटी पर रिलीज होने वाली पहली तमिल फिल्म है। ऐसे में जानते हैं अदिति राव हैदरी से इस फिल्म और उनके करियर से जुड़ी खास बातें..

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आपने इंस्टाग्राम पर लिखा रिफंड 2020। इसके बारे में कुछ बताइए?

- जिंदगी का रिफंड चाहिए। बहरहाल, यह मिलेगा नहीं, लेकिन आने वाले समय को अपने और दूसरों के लिए बेहतरीन बनाने का प्रयास करना होगा। कोरोना संकट के दौर में कर्मवीर योद्धाओं ने जिस तत्परता से काम किया, वह सराहनीय है। उन्होंने इस बीमारी से लड़ने में उल्लेखनीय योगदान दिया। उम्मीद है कि जल्द ही हम इस संकट से बाहर निकलेंगे। मैं अपनों को गले लगाना चाहती हूं और ट्रैवल करना चाहती हूं।

साउथ के साथ हिंदी फिल्मों में काम कर रही हैं। दोनों इंडस्ट्री में संतुलन रख पाना कितना मुश्किल रहा है?

- मुश्किल नहीं, मगर चुनौतीपूर्ण रहा है। उन चुनौतियों का सामना करने में मुझे आनंद आता है। मुझे अपने काम से बेहद प्यार है। मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हूं। मुझे अलग-अलग सिनेमा में लोगों ने स्वीकार किया है। मुझे उनका प्यार मिलता है। मुझे हमेशा से पैन इंडिया में काम करना था। बहुत लोगों को यह मौका नहीं मिलता है। मुझे मिला है तो कभी शिकायत नहीं करूंगी।

‘वी’ ओटीटी पर रिलीज होने वाली पहली तमिल फिल्म है। कलाकार खुद को हमेशा बड़े पर्दे पर देखने की चाहत रखते हैं। इस तरह के नए अनुभव पर आपका क्या विचार है?

- मैं थिएटर में फिल्म देखने का अनुभव मिस नहीं कर रही। लॉकडाउन में ओटीटी पर फिल्म को रिलीज करने का विकल्प बेहतर रहा। दर्शक भी इससे खुश हैं। दर्शक ही हमारे सरताज हैं। अगर वे खुश हैं तो हम भी खुश रह सकते हैं। बहरहाल, हमने पूरी कास्ट के साथ इस फिल्म को देखा।

‘पद्मावत’ के बाद जॉन अब्राहम के साथ एक पीरियड फिल्म कर रही हैं। इस दोहराव की कोई खास वजह?

- जॉनर कोई भी हो, स्क्रिप्ट कलाकारों के काम को आसान कर देती है। खैर, यह प्रेम कहानी है। प्यार की मौजूदगी यूनिवर्सल होती है। भले ही दौर देश विभाजन का हो, अलाउद्दीन के जमाने का या वर्तमान का, प्यार की अनुभूति एकसमान रहती है, बस प्यार दिखाने के तरीके अलग होते हैं। हमने इस फिल्म की शूटिंग मुंबई में शुरू की है। देश विभाजन पर वैसे भी हमने काफी पढ़ा और सुना है, मगर यह मुख्य रूप से प्रेम कहानी है। उस दौर में रमने के लिए सेट, कॉस्ट्यूम, गानों और भाषा ने काफी मदद की।

आप नीना गुप्ता का युवा किरदार निभा रही हैं?

- इस बारे में मैं अभी कुछ नहीं बता सकती। उस पर बात करना अभी जल्दबाजी होगी। बहरहाल फिल्म में नीना गुप्ता, सोनी राजदान जैसे कलाकार हैं। वह अपने काम को लेकर बहुत उत्साहित रहते हैं। उन्होंने खुद को कैसे उभारा है, ये सब चीजें सीखने वाली हैं। इनके अलावा तब्बू मैम और मनीषा कोईराला के काम से मैं बहुत प्रेरित रही हूं। वे अभी भी शानदार काम कर रही हैं।

मणिरत्नम, संजय लीला भंसाली जैसे बड़े निर्देशकों के साथ काम के अनुभव कैसे बयां करेंगी?

- जिन लोगों का मैं सम्मान करती हूं उनके साथ काम करना पसंद करती हूं। दरअसल वे मुझे प्रेरित करते हैं। वे मुझे किरदार के तौर पर नई चुनौती देते हैं। मैं सेट पर स्पंज के जैसे आती हूं। मैं वहां चीजों को देखती और सीखने का प्रयास करती हूं। सेट पर मैं वैनिटी वैन में नहीं जाती हूं। वहां होने वाली गतिविधियों को देखती हूं। आर्ट डिपार्टमेंट सहित सारे विभागों के काम देखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि अच्छी फिल्म बेहतरीन टीम से बनती है। निर्देशक हमारे शिप का कप्तान होता है। आपको अच्छे निर्देशक और कोस्टार से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

फिल्म ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ में आपको किस अवतार में देखेंगे?

- यह फिल्म भी रिलीज के लिए तैयार है। यह तीन लड़कियों की कहानी है। यह थ्रिलर है तो किरदार के किसी भी हिस्से को जाहिर करना फिल्म की कहानी पर असर डाल सकता है। इसकी रिलीज का मुझे भी इंतजार है।

बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में अब परफॉर्मेंस के आधार पर अवॉर्ड मिलेंगे। इस बारे में आपकी क्या राय है?

- यह बेहतरीन आइडिया है। मुझे यकीन है कि अगर उन्होंने ऐसा निर्णय लिया है तो सोच समझकर ही लिया होगा।

न्यू नॉर्मल में मास्क लगाना अनिवार्य है। ऐसे में एयरपोर्ट लुक को लेकर पैपराजी का दबाव होगा?

- हमारे पैपराजी भी बहुत मेहनत करते हैं। मैं कभी नहीं कहूंगी कि वे परेशान करते हैं। जहां तक एयरपोर्ट लुक की बात है तो मैं प्रेशर नहीं लेती। मेरा मानना है कि मैं जैसी हूं लोग वैसे ही मुझे देखें।

आप हैदराबाद के शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं। इंडस्ट्री में आने के बाद कुछ खास चीजों से परहेज का दबाव रहा?

- यह रॉयल फैमिली की बात नहीं है। मेरा मानना है कि आप सम्मान, ईमानदारी और मर्यादा खरीद नहीं सकते। ये आपको कमानी पड़ती है। मैं अपने अभिनय का काम पूरी ईमानदारी से करती हूं। इसका मेरे परिवार से कोई वास्ता नहीं है, मगर जिस तरह से मेरी परवरिश हुई है, उससे उनका ताल्लुक है।  


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