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    ग्रैमी-नॉमिनेटेड Acyuta Gopi को भगवान श्री कृष्ण से मिली नई जिंदगी, 'चल मन वृंदावन' टूर के लिए भारत आईं गायिका

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 02:03 PM (IST)

    Acyuta Gopi भगवान कृष्ण की भक्त और ग्रैमी नॉमिनेटेड कीर्तन सिंगर अफ्रीकी मूल की अच्युत गोपी देवी इन दिनों मुंबई में हैं। अक्टूबर से वह ‘चल मन वृंदावन’ दौरे के तहत हैदराबाद बेंगलुरु जयपुर इंदौर लखनऊ कोलकाता दिल्ली अहमदाबाद पुणे में भक्ति का संदेश फैलाएंगी। उन्होंने कहा कि भारत आना हर बार उन्हें अपने घर आने जैसा लगता है।

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    चल मन वृंदावन टूर के लिए भारत आई अच्युता

    स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। ग्रैमी-नॉमिटेडेट आर्टिस्ट और कीर्तन सिंगर अफ्रीकी मूल की अच्युत गोपी देवी न्यूयॉर्क में रहती हैं। राधानाथ स्वामी महाराज की इस शिष्या का जन्म ऐसे परिवार में हुआ जो इस्कान न्यूयॉर्क में श्री श्री राधा गोविंद की सेवा के लिए समर्पित था। साल 2009 में पहली बार भारत यात्रा पर आईं अच्युत उसके बाद कई बार यहां आ चुकी हैं। अपने अनुभव शेयर करते हुए वे कहती हैं, ‘यहां आने पर हर बार यही लगता है कि अपने घर आई हूं। यहां आने का अनुभव शानदार होता है’।

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    कृष्ण ने दिया जीवन

    भगवान कृष्ण के प्रति अपने लगाव को लेकर अच्युत कहती हैं, ‘मेरे माता-पिता ने 1974 में कृष्ण भगवान की भक्ति शुरू की थी। वह इस्कान के जरिए कृष्ण भगवान के बारे में जान पाए थे। वह जीवन से जुड़े कई सवालों के जवाब जानना चाहते थे। श्रीमद्भगवद्गीता ने उनके सभी सवालों के जवाब दिए थे। मैं प्रीमैच्योर बच्ची थी। मेरा वजन आधे पौंड से भी कम था। मैं वेंटिलेटर पर थी। मां रोज भगवद् पुराण पढ़ती और पिता हरे कृष्णा का जाप करते थे। दोनों प्रार्थना करते थे कि कोई चमत्कार हो जाए। फिर वे मुझे न्यू यार्क में श्रीराधा गोविंद जी मंदिर ले गए।

    फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया

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    कैसे नाम के साथ जुड़ा गोपी

    उन्होंने मुझे भगवान कृष्ण के सामने रखा और कहा कि अगर आप चाहेंगे तो सब संभव होगा। वाकई कुछ चमत्कार हुआ जिसकी वजह से आज मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि जन्म के समय से ही मेरा जीवन कृष्ण भगवान को समर्पित हो गया था। डॉक्यूमेंट्स में मेरा नाम अच्युत प्रिया है। फिर मेरे आध्यात्मिक गुरु ने मेरा नाम अच्युत गोपी कर दिया। यह इस बात की याद दिलाने के लिए था कि मैं गोपी की तरह कृष्ण की सेवा में हूं।’

    फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया

    कृष्ण के साथ सबकुछ शेयर करिए

    बचपन से कृष्ण भगवान के साथ हुए जुड़ाव के बारे में अच्युत गोपी बताती हैं, ‘मेरा हर दिन चुनौतीपूर्ण होता था। तब मैं अपनी हर अच्छी- बुरी बात कृष्ण भगवान के साथ शेयर करती थी। मैं हमेशा उनसे कहती थी कि आप ही मेरे सब कुछ हैं। आप मुझे बताइए कि मुझे अपने जीवन में क्या करना है। जब भी कोई मुझसे पूछता है कि उनका कृष्ण से कैसे जुड़ाव हो तो मैं यही कहती हूं कि कृष्ण के साथ सब शेयर करिए। पुराण हों या लीलाएं, कृष्ण ने अपनी चीजों को हमारे साथ शेयर ही तो किया है।’

    रोज करती हैं श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ

    श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करने को लेकर अच्युत बताती हैं, ‘दिन में जितना संभव हो मैं उतना पाठ करती हूं। श्रीमद्भगवद्गीता मेरे फोन, आइपैड हर जगह है। जब कभी अच्छा महसूस नहीं करती हूं तो भी श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ने या सुनने लगती हूं।’ अच्युत के कीर्तन में उनके समुदाय के लोग हैं। इस बाबत वह बताती हैं, ‘इनमें ज्यादातर मेरे परिवार से हैं। हमारी परवरिश इसी माहौल में हुई है'।

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