सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म आरोपी से पूछा- 'पीड़िता से करेगा शादी?' तो भड़कीं तापसी पन्नू, एक्ट्रेस बोलीं-'एकदम घटिया'
तापसी पन्नू बॉलीवुड की उन अभिनेत्री में से एक हैं जो फिल्मों के अलावा सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बोलने की वजह से भी सुर्खियों में रहती हैं। वह कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जानी जाती हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। तापसी पन्नू बॉलीवुड की उन अभिनेत्री में से एक हैं जो फिल्मों के अलावा सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बोलने की वजह से भी सुर्खियों में रहती हैं। वह कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जानी जाती हैं। तापसी पन्नू इस बार सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करने की वजह से चर्चा में हैं। उन्होंने एक जज की टिप्पणी को घटिया बताया है।
दरअसल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक दुष्कर्म मामले की सुनवाई की। सरकारी विभाग में काम करने वाले शादीशुदा शख्स पर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के आरोप हैं। इस मामले में आरोपी ने सु्प्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज ने आरोपी से पूछा कि क्या वह पीड़िता से शादी करने को तैयार है ? यह बात बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू को पसंद नहीं आई और उन्होंने जज की इस टिप्पणी की आलोचना की है।
अभिनेत्री ने जज की टिप्पणी की आलोचना करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'क्या किसी ने लड़की से यह सवाल पूछा? कि क्या वह दुष्कर्म करने वाले शख्स से शादी करना चाहती है या नहीं? क्या यह सवाल है? यही हल है या सजा? एकदम घटिया।' सोशल मीडिया पर तापसी पन्नू का यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा। अभिनेत्री के फैंस और कई सोशल मीडिया यूजर्स उनके ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
Did someone ask the girl this question ? If she wants to marry her rapist !!!??? Is that a question !!!??? This is the solution or a punishment ? Plain simple DISGUST ! https://t.co/oZABouXLUP" rel="nofollow— taapsee pannu (@taapsee) March 1, 2021
गौरतलब है कि दुष्कर्म आरोपित से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या वह पीड़िता से विवाह करना चाहता है। लेकिन जब कोर्ट को बताया गया कि वह पहले शादीशुदा है तो शीर्ष अदालत ने संबंधित अदालत में नियमित जमानत अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उसे चार सप्ताह के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण भी दे दिया। महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी में टेक्नीशियन के पद पर तैनात आरोपित ने बांबे हाई कोर्ट द्वारा अपनी जमानत खारिज किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस जस्टिस एसए बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रह्मण्यन की पीठ ने उससे सवाल किया कि क्या वह पीडि़ता से शादी करना चाहता है। यदि वह शादी को राजी हो तो पीठ उसकी अर्जी पर विचार करे नहीं तो उसे जेल जाना होगा। पीठ ने यह भी कहा कि हम शादी के लिए बाध्य नहीं कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता एक नियमित बेंच में जाने के लिए स्वतंत्र है।
सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच में सीजेआई बोबड़े के अलावा जस्टिस ए एस बोपन्ना, वी रामासुब्रमण्यन भी शामिल थे। बेंच ने याचिकाकर्ता को 4 हफ्ते तक गिरफ्तारी से राहत भी दी है। आपको बता दें कि 2019 में आरोपी के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म का मामला और पॉक्सो एक्ट के तहते केस दर्ज किया गया था। 23 साल के सुभाष चवण पर साल 2014-15 में एक 16 साल की लड़की से दुष्कर्म का आरोप है।