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अलग मिज़ाज और तेवर वाला 'देओल', पर्दे के इस पार भी दिखता है 'अभय' अंदाज़

बॉक्स ऑफ़िस के नज़रिए से अभय का करियर बहुत कामयाब नहीं रहा है, मगर उनकी गिनती मौजूदा दौर के बेहतरीन अभिनेताओं में की जाती है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Thu, 15 Mar 2018 01:19 PM (IST)Updated: Fri, 16 Mar 2018 07:46 AM (IST)
अलग मिज़ाज और तेवर वाला 'देओल', पर्दे के इस पार भी दिखता है 'अभय' अंदाज़
अलग मिज़ाज और तेवर वाला 'देओल', पर्दे के इस पार भी दिखता है 'अभय' अंदाज़

मुंबई। अभय देओल का संबंध बॉलीवुड के मशहूर देओल परिवार से है। 15 मार्च 1976 को जन्मे अभय 42 साल के हो गये हैं। अभय, धर्मेंद्र के छोटे भाई अजीत सिंह देओल के बेटे हैं। उनकी मां का नाम ऊषा देओल है। अजीत भी एक्टर थे और सत्तर के दशक में कुछ फ़िल्मों में वो छोटे-छोटे किरदारों में नज़र आते थे। अभय अपने एक्टिंग करियर का श्रेय अपने पिता को नहीं देते। 

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एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वो स्कूल के दिनों से ही थिएटर कर रहे हैं, इसलिए एक्टर बने हैं। बॉक्स ऑफ़िस के नज़रिए से अभय का करियर बहुत कामयाब नहीं रहा है, मगर उनकी गिनती मौजूदा दौर के बेहतरीन अभिनेताओं में की जाती है। अभय को ऐसा एक्टर माना जाता है, जो मुश्किल किरदारों को निभाने में सक्षम है। कहने को वो धर्मेंद्र के भतीजे और सनी देओल के चचेरे भाई हैं, मगर अभय की फ़िल्मों का चयन पारिवारिक परंपरा के बिल्कुल विपरीत रहती है। वो अपने ताऊ जी और भाई के तरह मैचो-मैन नहीं बनते। कहानी और किरदारों में यथार्थ की गहराई होती है तो अदाकारी में नाटकीयता का तड़का कम रहता है। 

 

अभय ने 2005 में इम्तियाज़ अली की फ़िल्म सोचा ना था हिंदी सिनेमा में बतौर अभिनेता काम करना शुरू किया था। पहली फ़िल्म से ही उन्होंने जता दिया कि अदाकारी उनके ख़ून में हैं। 2008 में दिबाकर बैनर्जी की फ़िल्म ओए लकी लकी ओए को क्रिटिक्स ने पसंद किया, मगर मुंबई अटैक्स के ठीक एक दिन बाद रिलीज़ होने की वजह से ज़्यादा दर्शक नहीं मिले। अभय देओल के करियर की पहली बड़ी कामयाबी अनुराग कश्यप की 2009 की फ़िल्म देव. डी है।

 

देवदास के इस आधुनिक रूपांतरण में अभय ने ना सिर्फ़ शानदार अभिनय किया, बल्कि किरदार के लिए शारीरिक रूप से भी ख़ुद को काफ़ी बदला। 2011 में अभय ज़ोया अख़्तर की फ़िल्म ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा के लिए रितिक रोशन और फ़रहान अख़्तर के साथ टीम अप हुए। ये फ़िल्म सक्सेसफुल रही। इसमें उनके साथ एक बार कल्कि केकला पर्दे पर नज़र आयीं, जिन्होंने देव.डी से ही डेब्यू किया था।

2013 में अभय आनंद एल राय की फ़िल्म रांझणा में सोनम कपूर के किरदार के अपोज़िट नज़र आए। हालांकि इस फ़िल्म में लीड रोल धनुष ने निभाया था। 2014 में अभय प्रोडक्शन के क्षेत्र में उतरे और अपनी वन वाय टू का निर्माण किया। फ़िल्म में उनकी रियल लाइफ़ गर्लफ्रेंड प्रीति देसाई ने फीमेल लीड रोल निभाया। मगर म्यूज़िक कंपनी से विवाद हो जाने की वजह से फ़िल्म का प्रमोशन नहीं हो सका और फ्लॉप रही।

 

अभय आख़िरी बार 2016 में हैप्पी भाग जाएगी में नज़र आये थे। मुदस्सर अज़ीज़ निर्देशित इस फ़िल्म में डायना पेंटी, अली फ़ज़ल और जिम्मी शेरगिल मुख्य भूमिकाओं में थे। अभय इस वक़्त नानू की जानू, फील्ड ऑफ़िसर और एक तमिल फ़िल्म की शूटिंग कर रहे हैं। अभय अपने नाम के अनुरूप निडर भी हैं और अक्सर मुद्दों पर बिना किसी लाग-लपेट के अपनी बात रखते हैं। भले ही इसके एवज में उन्हें नुक़सान उठाना पड़े। कुछ साल पहले अभय ने भ्रामक विज्ञापनों में काम करने वाले अपने समकालीन कलाकारों को फेसबुक पोस्ट के ज़रिए आड़े हाथों लिया था। 


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