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बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराए जाने के आयोग के फैसले पर गरमाई सियासत, जानें किसने क्‍या कहा

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में आठ चरणों में चुनाव कराने पर सियासत गरमा गई है। तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाया है। वहीं भाजपा ने निर्वाचन आयोग के निर्णय का स्वागत किया है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 11:38 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 07:07 AM (IST)
बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराए जाने के आयोग के फैसले पर गरमाई सियासत, जानें किसने क्‍या कहा
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में आठ चरणों में चुनाव कराने पर सियासत गरमा गई है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराने पर सियासत गरमा गई है। तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाया है। वहीं भाजपा ने निर्वाचन आयोग के निर्णय का स्वागत किया। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सवाल किया कि पश्चिम बंगाल में इतने चरणों में चुनाव क्यों हो रहे हैं जबकि बाकी राज्यों में एक चरण में चुनाव होने जा रहा हैं। वहीं भाजपा ने कहा है कि शांतिपूर्ण चुनावों के लिए असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करने की जरूरत है।

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ममता बनर्जी ने उठाया सवाल

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव कार्यक्रमों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सवाल उठ रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में इतने चरणों में चुनाव क्यों हो रहे हैं जबकि बाकी राज्यों में यह एक चरण में होने जा रहा है। यदि चुनाव आयोग लोगों से न्याय नहीं करेगा तो लोग कहां जाएंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सुझावों के मुताबिक तारीखों की घोषणा की गई है।

चुनाव को खींचने का कारण बताया जाए : येचुरी 

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पोल पैनल से आग्रह किया कि बंगाल के चुनावों को एक महीने ज्‍यादा बढ़ाने का कारण बताया जाए। बंगाल में भाजपा को हराने के लिए तृणमूल कांग्रेस की सरकार को हराना जरूरी है क्‍योंकि उसने भाजपा को राज्य में दाखिल होने का मौका दिया है। टीएमसी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर भाजपा को फायदा पहुंचा रही है। 

डी राजा बोले- बताई जाए ठोस वजह 

सीपीआई के महासचिव डी राजा ने कहा कि चुनाव आयोग को बंगाल में आठ चरणों में चुनावों की घोषणा करने की ठोस वजह बताना चाहिए। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि एक तरफ भाजपा सरकार 'वन नेशन वन इलेक्शन' की रट लगाती है वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराए जाने की घोषणा की है जो नारेबाजी की आभासी दुनिया और जमीन पर अमल में बड़ा अंतर दिखाता है।

भाकपा माले ने कसा तंज

वहीं भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि चेन्नई में पांच दिनों का टेस्ट मैच अहमदाबाद में दो दिनों का रह गया और तमिलनाडु में एक दिन में होने वाला चुनाव पश्चिम बंगाल में आठ चरणों तक खिंच गया। क्या कोई इस नंबर गेम के बारे में बता सकता है।

पृथ्वीराज चव्हाण बोले- कोई योजना है क्‍या

कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि क्या कोई कुटिल योजना है। यदि केरल- 140, तमिलनाडु-234 और पुडुचेरी- 30 (कुल 404 सीटों) पर चुनाव एक चरण में कराए जा सकते हैं तो असम-126 और पश्चिम बंगाल- 294 (कुल 420 सीट) के लिए सात-आठ चरणों की क्या जरूरत है।

तारिक अनवर ने कहा- जानबूझ कर किया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि मेरा मानना है कि यह जानबूझ कर किया गया है। चुनाव आयोग ने भाजपा की मदद की है। भाजपा को लगता है कि उनको इससे मदद मिलेगी तो ऐसा नहीं है। मैं बंगाल के लोगों को जानता हूं। वे आंदोलनकारी प्रकृति के हैं... बंगाल बंगाल है।

बाबुल सुप्रियो ने किया स्‍वागत

बंगाल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने निर्वाचन आयोग के कदम का स्‍वागत करते हुए कहा कि राज्य में बदलाव का समय आ गया है। असम के वरिष्ठ मंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा ने भी निर्वाचन आयोग की ओर से घोषित किए गए कार्यक्रमों का स्वागत किया। असम में 27 मार्च से तीन चरणों में चुनाव होंगे।

विजयवर्गीय ने किया स्‍वागत

इसके बाद भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराए जाने का स्वागत किया। उन्‍होंने कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराए जाने के लिए यह बेहद जरूरी था। पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए असामाजिक तत्वों पर लगाम कसनी होगी। राज्य के हर जिले में निष्पक्ष अधिकारियों की तैनाती करनी होगी ताकि मतदान में कोई बाधा नहीं आए।

यह है चुनावों की तिथियां

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के लिए विधानसभा चुनावों की तिथियों का एलान किया। आयोग के मुताबिक मतदान 27 मार्च से शुरू होकर 29 अप्रैल तक चलेगा जबकि मतगणना दो मई को होगी। पश्चिम बंगाल में चुनाव आठ चरणों में संपन्‍न होंगे। आयोग के मुताबिक वोटिंग 27 मार्च, एक अप्रैल, छह अप्रैल, दस अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को होगी। असम में तीन चरणों में मतदान 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को होगा। केरल और तमिलनाडु में चुनाव एक चरण में छह अप्रैल को होंगे।


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