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विधानसभा चुनाव: किशोर बोले, गलत ढंग से जमा पैसा स्वीकार नहीं

उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान मुआवजा राशि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनावी खाते में जमा होने का खुलासा होने के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 10 Mar 2017 12:42 PM (IST)Updated: Sat, 11 Mar 2017 04:00 AM (IST)
विधानसभा चुनाव: किशोर बोले, गलत ढंग से जमा पैसा स्वीकार नहीं
विधानसभा चुनाव: किशोर बोले, गलत ढंग से जमा पैसा स्वीकार नहीं
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: ऊधमसिंह नगर जिले में एनएच-74 मुआवजा घोटाले के बाद अब उक्त मुआवजा राशि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनावी खाते में जमा होने का खुलासा होने के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है। इस मामले में पार्टी बचाव की मुद्रा में आ गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पार्टी को दिए गए चंदे पर सवाल उठे तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। गलत तरीके से पैसा जमा कराने का तथ्य सामने आया तो पार्टी उस पैसे को स्वीकार नहीं करेगी। खाते में जमा पैसे का ब्योरा लिया जा रहा है।
उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव में ऊधमसिंह नगर जिले में मुआवजा घपले की आंच कांग्रेस को भी झुलसाती नजर आ रही है। जनवरी माह में चुनाव के लिए खोले गए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के खाते का जिम्मा दो प्रदेश सचिवों सुरेंद्र रांगड़ और कमल सिंह रावत को सौंपा गया। इस खाते में ऊधमसिंह नगर जिले में एनएच-74 की मुआवजा राशि भी बतौर चंदा जमा कराए जाने की बात सामने आने के बाद पार्टी खुद को असहज स्थिति में पा रही है। 
खाते के संचालन का जिन पदाधिकारियों पर रहा, उनमें एक कमल सिंह रावत मुख्यमंत्री के वरिष्ठ निजी सचिव रह चुके हैं। बकौल किशोर उपाध्याय, वर्तमान में कमल रावत मुख्यमंत्री के वरिष्ठ निजी सचिव पद पर नहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उक्त खाते में किसी व्यक्ति ने गलत तरीके से पैसा जमा कराया तो इसके लिए संबंधित व्यक्ति ही दोषी होगा। 
आयकर जमा कराए बगैर धनराशि जमा कराने का मामला सामने आया तो इसके लिए आयकर विभाग के स्तर से ही संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसका पार्टी से लेना-देना नहीं है। पार्टी किसी भी तरह से गलत ढंग से जमा पैसे को स्वीकार नहीं करेगी। 
उन्होंने कहा कि उक्त खाता मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनकी सहमति से सिर्फ चुनाव संचालन के लिए खोला गया। चुनाव संबंधी गतिविधियां बंद होने पर खाता भी बंद कर दिया जाएगा। 
खाते की जिम्मेदारी पार्टी कोषाध्यक्ष को नहीं दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश संगठन के पास कोषाध्यक्ष नहीं है, सह कोषाध्यक्ष हैं। चुनाव खाते के संचालन को अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने दो पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी। खाते में जमा धनराशि का ब्योरा लिया जा रहा है। अपने चुनाव में व्यस्तता के चलते इस बारे में पहले से जानकारी जुटाई नहीं जा सकी है। 
खाते में किसी भी तरह की अनियमितता से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि खाते का बाकायदा ऑडिट होगा। एआइसीसी के माध्यम से इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को दी गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले में किसी भी जांच को तैयार है। लेकिन, इसके बाद चुनाव में बेतहाशा खर्च को लेकर भाजपा की जांच भी की जानी चाहिए।

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