उत्तराखंड इलेक्शनः 864 टेबलों पर 11000 कर्मी करेंगे मतगणना
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में लंबे इंतजार के बात आखिरकार वह वक्त पास आ गया, जब प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर भाग्य आजमाने उतरे 637 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: लंबे इंतजार के बात आखिरकार वह वक्त पास आ गया, जब प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर भाग्य आजमाने उतरे 637 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा।
11 मार्च को देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम सामने आएंगे। उत्तराखंड में मतगणना के लिए 15 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर करीब 11 हजार कर्मी मतगणना कार्य में लगेंगे। यह संख्या सुरक्षा कर्मियों से अलग है। मतगणना के लिए कुल 864 टेबल होंगी। राज्य की निर्वाचन मशीनरी ने मतगणना के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में देश के चार अन्य राज्यों के साथ 11 मार्च को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। मतगणना अंतिम परिणाम आने तक जारी रहेगी। राज्य में 69 सीटों पर 15 फरवरी को मतदान हुआ था, जबकि एक सीट पर नौ मार्च को मतदान हुआ।
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सभी 70 सीटों के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे। राज्य की 70 सीटों पर 62 महिला व दो थर्ड जेंडर प्रत्याशियों समेत कुल 637 प्रत्याशी मैदान में हैं।
राज्य में कुल 10854 मतदेय स्थलों पर मतदान किया गया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की मानें तो सभी मतगणना केंद्रों पर सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। मतगणना के लिए हरिद्वार और चंपावत में दो-दो और अन्य जनपदों में एक-एक मतगणना केंद्र बनाया गया है।
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विधानसभावार मतगणना के लिए सबसे अधिक 14 और न्यूनतम आठ टेबल लगाई गई हैं। सबसे अधिक 22 राउंड में मतगणना कर्णप्रयाग सीट पर होगी, जबकि करीब आधा दर्जन सीटों पर 10-10 राउंड में ही मतगणना निपट जाएगी।
सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तु दास ने जानकारी दी कि एक बार आरओ द्वारा परिणाम की घोषणा होने के बाद दोबारा मतगणना की अपील स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण और पारदर्शी मतगणना के लिए आयोग के निर्देशों के पालन के लिए मतगणना केंद्रों पर मतगणना एजेंटों और मतगणना कर्मियों को अलग रखने और ईवीएम की सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग की गई है और कंटीले तारों का घेरा बनाया गया है।
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इसके साथ ही सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए मतगणना केंद्रों पर पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। स्ट्रांग रूम से मतगणना हॉल तक बैरिकेडिंग ऐसी बनाई गई है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम संबंधित मतगणना टेबल तक आसानी से पहुंच पाएगी।
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साथ ही ईवीएम ले जाने वाले कर्मियों की पहचान के लिए उन्हें रंगीन बैज देने की व्यवस्था भी की गई है। तमाम तैयारियों का जायजा आयोग के पर्यवेक्षक ले चुके हैं और संतोष जता चुके हैं।
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