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उत्तराखंड में मंत्री पद पाने को जोड़तोड़ में जुटे भाजपा विधायक

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में मिले प्रचंड बहुमत के बाद भाजपा में मुख्यमंत्री पद के साथ ही मंत्री पद के दावेदारों की भी लंबी फेहरिस्त है। इसके लिए विधायक जोड़तोड़ में जुट गए।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 15 Mar 2017 11:13 AM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2017 02:11 AM (IST)
उत्तराखंड में मंत्री पद पाने को जोड़तोड़ में जुटे भाजपा विधायक
उत्तराखंड में मंत्री पद पाने को जोड़तोड़ में जुटे भाजपा विधायक

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत के बाद भाजपा में मुख्यमंत्री पद के साथ ही मंत्री पद के दावेदारों की भी लंबी फेहरिस्त है। 56 विधायकों में से डेढ़ दर्जन से ज्यादा विधायक मंत्री पद के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं। सबके पास अपनी दावेदारी को लेकर अलग-अलग आधार भी हैं। 

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राज्य में मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल के सदस्यों की अधिकतम संख्या 12 ही हो सकती है। ऐसे में तमाम दावेदार अपने हक में माहौल तैयार करने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। तमाम विधायक और दावेदार इसके लिए दिल्ली में टिके हुए हैं।

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में राज्य में भारी बहुमत के साथ चुनाव जीतने के बाद भाजपा की सरकार को अस्तित्व में आने की औपचारिकता पूरी होनी बाकी हैं, लेकिन इससे पहले भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री और मंत्री पदों पर नाम तय करने की है।

भाजपा के 56 विधायकों में से डेढ़ दर्जन से अधिक मंत्री पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। मंत्री पद के दावेदारों की बात करें तो सीएम की दौड़ में शामिल विधायक त्रिवेंद्र रावत, प्रकाश पंत और सतपाल महाराज तो दावेदार हैं ही। वरिष्ठता और पूर्व मंत्री के रूप में अनुभव इनके दावों को मजबूत करता है।

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इसी कड़ी में आठवीं बार जीते हरबंस कपूर वरिष्ठता के आधार पर दावेदार हैं। विधायक और पूर्व मंत्री मदन कौशिक भी वरिष्ठता के आधार पर दावेदार हैं। उन्होंने में राज्य में सर्वाधिक मत प्राप्त किए हैं और दूसरे सबसे बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। 

पूर्व मंत्री बंशीधर भगत, बलवंत सिंह भौर्याल, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष व मंत्री यशपाल आर्य भी वरिष्ठता के आधार पर दावेदार हैं। इसके साथ ही एससी सीट से कांग्र्रेस के राजकुमार को हराने वाले पूर्व मंत्री खजानदास की दावेदारी भी मंत्री पद के लिए है। 

कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए वरिष्ठ नेता डॉ. हरक सिंह रावत और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल भी मंत्री पद पाने की दौड़ में शामिल हैं। इनके अलावा नरेंद्रनगर से जीते विधायक सुबोध उनियाल कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के खास हैं और उनके कोटे से मंत्री बनने का दावा है। 

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवप्रभात को हराकर विधानसभा पहुंचे भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान वरिष्ठता के आधार पर दावेदार हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत को बड़े अंतर से हराने वाले स्वामी यतीश्वरानंद और चौथी बार विधायक बने कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन भी मंत्री पद पर दावेदारी कर रहे हैं। 

भाजपा के वरिष्ठ नेता हरभजन चीमा भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं। महिला चेहरों की बात करें तो युवा, आरक्षित सीट से विजेता और महिला नेता रेखा आर्य की दावेदारी भी मंत्री पद के लिए है। तमाम दावेदार अपने-अपने स्तर से लामबंदी करने में जुटे हैं। 

सूत्रों की मानें तो सभी अपने हक में माहौल बनाने के लिए अभी से जुट गए हैं। पर्यवेक्षकों के आने से पहले ही तमाम दावेदारों ने दिल्ली दौड़ भी शुरू कर दी है। हालांकि, इसमें कितनी सफलता मिलती है यह तो सरकार के अस्तित्व में आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। वहीं, माना जा रहा है कि तमाम मंत्रियों के नाम दिल्ली के स्तर से ही तय होंगे। ऐसे में दिल्ली में भी डेरा डाला गया है।

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