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उत्तराखंडः सरलता ही बनी पंत की सबसे बड़ी कमजोरी

मुख्यमंत्री पद के दूसरे प्रमुख दावेदार प्रकाश पंत का सरल व शांत व्यक्तित्व ही मुख्यमंत्री चयन में उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन कर उभरा। इससे वह अंतिम दौर में होड़ से बाहर हो गए।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 18 Mar 2017 10:34 AM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2017 10:36 AM (IST)
उत्तराखंडः सरलता ही बनी पंत की सबसे बड़ी कमजोरी
उत्तराखंडः सरलता ही बनी पंत की सबसे बड़ी कमजोरी

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: मुख्यमंत्री पद के दूसरे प्रमुख दावेदार प्रकाश पंत का सरल व शांत व्यक्तित्व ही मुख्यमंत्री चयन में उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन कर उभरा। अच्छा संसदीय ज्ञान व व्यवहार कुशल होने के बावजूद भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को उनमें मुख्यमंत्री बनने के गुण नजर नहीं आए। इतना ही नहीं, प्रकाश पंत के साथ किसी बड़े नेता के न होने के चलते वे अंतिम दौर में होड़ से बाहर हो गए। 

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पिथौरागढ़ से विधायक चुने गए प्रकाश पंत अंतरिम सरकार में विधानसभा अध्यक्ष बने थे। वर्ष 2007 में भाजपा के सत्ता में आने पर उन्हें वित्त व पर्यटन मंत्री का दायित्व सौंपा गया। वर्ष 2012 में वे चुनाव हार गए थे। इस बार वे दोबारा पिथौरागढ़ से विधायक चुने गए हैं। 

भाजपा को बहुमत मिलने के बाद अचानक ही उनका नाम तेजी से चला। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उन्हें दिल्ली बुलाए जाने के साथ ही उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जाने लगा। दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व ने उनसे प्रदेश के विषय में लंबी बातचीत की हालांकि उन्हें किसी प्रकार का आश्वासन नहीं दिया गया। 

बावजूद इसके राजधानी देहरादून आने के बाद वे काफी आश्वस्त नजर आ रहे थे। इसके बाद घटनाक्रम तेजी से बदला। सूत्रों की मानें तो नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट के ब्राह्मण नेता और प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण केंद्रीय नेतृत्व के सामने क्षेत्रीय संतुलन को साधने में संकट होने लगा था।

इतना ही नहीं, केंद्रीय नेतृत्व को उनका शांत मिजाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से खासा इतर नजर आया। केंद्रीय नेतृत्व एक ऐसा चेहरा ढूंढना चाह रहा था जो दबंग हो और शासन में अधिकारियों के साथ ही अपने मंत्रियों पर नियंत्रण रख सके। 

प्रकाश पंत की छवि इससे कहीं मेल नहीं खा रही थी। जानकारों की मानें तो सोशल इंजीनियङ्क्षरग और उनकी नरम छवि ही मुख्यमंत्री पद और उनके बीच सबसे बड़ा रोड़ा बनकर सामने आई है।


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