Lok sabha Election 2019 : पूर्वांचल में नोटा के सोटा से चित हो चुके हैं 133 चुनावी लड़ाके
ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) में नोटा (नन आफ एबब यानी इसमें से कोई प्रत्याशी नहीं) ने 2013 में लागू होने के बाद से लगातार अपना प्रभाव बढ़ाया है।
By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 10:07 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 10:07 PM (IST)
वाराणसी [अशोक सिंह]। ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) में नोटा (नन आफ एबब यानी इसमें से कोई प्रत्याशी नहीं) ने 2013 में लागू होने के बाद से लगातार अपना प्रभाव बढ़ाया है। इसी का परिणाम रहा कि अभी हाल ही में हुए पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपना विशेष प्रभाव दिखाया। तीन राज्यों में जीत हार का अंतर बहुत कम होने की वजह से नोटा का विशेष रोल रहा। ऐसा नहीं है कि नोटा का प्रभाव केवल इन्ही चुनावों में रहा। लोकसभा चुनाव 2014 में भी अपना प्रभाव दिखाया था। पूर्वी उत्तर प्रदेश की 12 लोकसभा सीट पर मैदान में उतरे 234 प्रत्याशियों में से 133 प्रत्याशी ऐसे थे जिन्हें अपने क्षेत्र में नोटा से कम मत मिले।
क्षेत्र की सीटों में राबट्र्सगंज सुरक्षित संसदीय सीट तो ऐसी थी जहां 18 हजार 489 मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया। यहां 14 में नौ प्रत्याशी नोटा से कम मत प्राप्त किए। वाराणसी संसदीय सीट पर तो कुल 42 में से 29 प्रत्याशियों ने नोटा से कम मत प्राप्त किया जबकि यहां मात्र 2051 लोगों ने नोटा का विकल्प चयन किया था।
दलों के प्रत्याशियों को भी धूल चटाया : नोटा ने 2014 के चुनाव में कुछ बड़े दल जो अपने को राष्ट्रीय राजनीति के फलक पर प्रस्तुत कर रहे थे उन्हें भी धूल चटाने में अपना रोल अदा किया। भदोही में नोटा को एनसीपी व कौएद से अधिक मत मिले। यहीं से गठित प्रगतिशील मानव समाज पार्टी भी पीछे रही। इसी तरह जौनपुर से सुभासपा, पीस पार्टी, शिवसेना, रावटर्सगंज से आप, कम्यूनिस्ट पार्टी, कौमी एकता दल, मीरजापुर से शिवसेना, आप, सीपीआइएमएल, लोकदल, चंदौली से सीपीआइएमएल, घोसी से आप, आजमगढ़ से आप और तृणमूल कांग्रेस जैसे दल नोटा के सामने नहीं टिक सके।
नोटा का इतिहास : एक जनहित याचिका की सुनवाई के क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में चुनाव आयोग को नोटा का बटन ईवीएम में उपलब्ध कराने का आदेश दिया। इसी के तहत 2013 में होने वाले विधानसभा चुनावों में नोटा बटन का पहली बार प्रयोग किया गया। उसके बाद से नोटा अपना प्रभाव बढ़ाता जा रहा है।
निर्वाचन पर नहीं पड़ता प्रभाव : सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नोटा पर पड़े मतों की गिनती तो की जाती है लेकिन इसे रद मतों की श्रेणी में रखा जाता है। इसका चुनाव परिणाम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। नोटा पर अगर सर्वाधिक मत पाने वाले प्रत्याशी से भी अधिक मत पड़ जाते हैं तो भी चुनाव परिणाम रद नहीं किया जाएगा।
भाजपा को एमपी, राजस्थान में सत्ता से कर दिया बाहर : नोटा लागू होने के बाद से कई चुनाव में प्रयोग किया गया लेकिन पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को मध्य प्रदेश और राजस्थान में सत्ता से अलग रखने में विशेष रोल अदा किया। चुनाव पूर्व ही नोटा बटन दबाने के लिए अभियान छेड़ा गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब प्रचार किया। कई क्षेत्रों में तो लोगों ने पोस्टर लगा दिए कि ''उनके यहां चुनाव प्रचार के लिए न आएं क्योंकि उनका वोट नोटा पर जाएगा।'' राजस्थान व मध्य प्रदेश में कांग्रेस की वापसी में नोटा का विशेष रोल रहा। राजस्थान में भाजपा को 38.8, कांग्रेस को 39.37 और नोटा को 1.3 प्रतिशत वोट पड़े। छत्तीसगढ़ में तो सर्वाधिक 2.1 प्रतिशत वोट नोटा पर पड़े। मध्य प्रदेश में नोटा पर 6 लाख 51 हजार वोट पड़ा। यह वो आंकड़ा है जो कई नेताओं और सियासी सफर रोक दिया। कुछ सीटों पर जितने वोट से प्रत्याशी जीता उससे अधिक वोट नोटा पर पड़े। 10 सीटें भाजपा नोटा के कारण हार गई। परिणाम स्वरूप कांग्रेस को 114 और भाजपा को 109 विधानसभा सीटें मिलीं।
मुद्दों के विरोध का बना माध्यम : नोटा बटन का मतलब होता है कि नन आफ एबब मतलब इन प्रत्याशियों में से कोई नहीं। इसके बावजूद इसका प्रयोग बदलाव के दौर में है। यह पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। चुनाव के पहले सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के संबंध में आदेश जिसे केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर बदल दिया। परिणामस्वरूप एक बड़ा वर्ग भाजपा सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया। इसे लेकर नोटा दबाने की अपील की गई। बलिया में तो किन्नरों ने साई मंदिर में पूजा कर नोटा आंदोलन की शुरुआत करने का आहवान किया।
लोस क्षेत्र |
नोटा मत |
नोटा से कम मत पाने वाले वाले
|
बलिया | 6670 | 09 |
गाजीपुर | 5611 | 09 |
जौनपुर | 2595 | 06 |
मछलीशहर | 8448 | 09 |
राबटर्सगंज | 18489 | 09 |
चंदौली | 3168 | 08 |
वाराणसी | 2051 | 29 |
आजमगढ़ | 5660 | 13 |
मीरजापुर | 4539 | 13 |
भदोही | 8966 | 09 |
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