UP Election 2017: यूपी ने देश बदल दिया अब प्रदेश बदलने की बारी : प्रभु
प्रबुद्धजनों से संवाद करने आए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने आज कानपुर में उम्मीदों की ट्रेन सरपट दौड़ाई। संवाद में पूछे गए सवालों पर आगे अच्छा करने का भरोसा दिलाते रहे।
कानपुर (जेएनएन)। चुनाव से ऐन पहले प्रबुद्धजनों से संवाद करने आए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने आज कानपुर में उम्मीदों की ट्रेन सरपट दौड़ाई। संवाद में पूछे गए सवालों पर आगे अच्छा करने का भरोसा दिलाते रहे। हां, योजनाओं की मांग उठने पर साफ कहा कि चुनाव घोषित हो चुके हैं, इसलिए अब कोई घोषणा नहीं कर सकते।यहां ब्रह्मानंद कॉलेज में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग से परिवर्तन संवाद में शिक्षक, अधिवक्ता, चिकित्सक और व्यापारी वर्ग के प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब देने के साथ ही उन्होंने नोटबंदी सहित अन्य योजनाओं को लेकर सरकार की मंशा का बखान किया।
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प्रभु ने कहा कि उप्र में पिछले कई सालों से क्षमता के अनुरूप विकास नहीं हुआ। चुनाव आता है तो सोचने का मौका मिलता है कि क्या होना चाहिए। इसीलिए संवाद जरूरी होता है। अधिवक्ता, शिक्षक, डॉक्टर और व्यापारी यही सोचते हैं कि हम इतनी मेहनत करते हैं, लेकिन देश नहीं बढ़ता। ये चिंता पूरे देश की थी, इसलिए 2014 में उप्र ने देश में परिवर्तन किया। अब उप्र में परिवर्तन की बारी है। कालेधन से सब परेशान थे, इसलिए प्रधानमंत्री ने इसके खिलाफ जंग शुरू की। हम जो प्रयास करते हैं, वह राज्य की वजह से पूरे नहीं हो पा रहे। अब केंद्र और उप्र में भाजपा की सरकार बनाने की जरूरत है।
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वाह प्रभु! सवाल भी आपके, जवाब भी आपके
चुनाव का वक्त और जनता के जेहन में कई सवाल। जनता की क्या उम्मीदें हैं और उप्र को लेकर भाजपा की क्या मंशा क्या है? यही स्पष्ट करने के लिए परिवर्तन संवाद कार्यक्रम की रूपरेखा भाजपा ने तय की। प्रबुद्ध जनों से संवाद करने को रेलमंत्री सुरेश प्रभु आए भी, लेकिन संवाद कतई नहीं। न जाने पार्टी संगठन किन स्थितियों से आशंकित था कि प्रश्न और प्रश्नकर्ता पहले ही तय कर रखे थे, वो भी महज चार। कुछ से पहले ही पूछ लिया था कि क्या सवाल पूछेंगे। हां, इसमें भी पहले चारों ने बारी-बारी से सवाल पूछ लिए और बाद में एक साथ प्रभु ने जवाब दिए।