उत्तर प्रदेश चुनाव 2017: सपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर भाजपा में शामिल
भारतीय जनता पार्टी आज विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी में है, इसी बीच उन्नाव से विधायक तथा उनकी पत्नी भी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगी।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के चंद रोज पहले भी नेताओं का दलबदल जारी है। इसमें सबसे अधिक झटके सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को लग रहे हैं।
समाजवादी के राष्ट्रीय महासचिव रहे बुलंदशहर के अशोक प्रधान के फिर से भारतीय जनता पार्टी में वापसी के बाद समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी महेंद्र अरिदमन सिंह के साथ ही उनकी पत्नी पक्षालिका सिंह ने दो दिन पहले भाजपा का दामन थामा है। भारतीय जनता पार्टी आज विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी में है, इसी बीच उन्नाव से विधायक तथा उनकी पत्नी भी आज दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
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उन्नाव के भगवंतनगर से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के साथ उनकी जिला पंचायत अध्यक्ष पत्नी संगीता आज दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इनके साथ ही बहुजन समाज पार्टी से पूर्व सांसद आरके पटेल तथा बिठूर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी और ग्रामीण कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अभिजीत सिंह सांगा, वीके सिंह व सुनील सिंह पटेल ने आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
आगरा के बाह से विधायक राजा भदावर महेंद्र अरिदमन सिह के भाजपा में शामिल होने के बाद अब कुंडा से बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के भाजपा में शामिल होने की चर्चा चरम पर है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से संबंध बहुत मधुर न होने के कारण निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह 'राजा भैया' भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हमेशा से ही निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले रघुराज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन देते हैं। इनके साथ ही सपा के करीब एक दर्जन विधायक भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
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समाजवादी पार्टी के करीब एक दर्जन विधायक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के संपर्क में हैं। विधायक सपा की कलह से तंग आकर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। जिसके तहत सभी विधायक भाजपा यूपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के संपर्क में लगातार बने हुए हैं। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के करीब दर्जन विधायकों के साथ रघुराज प्रताप सिंह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से भेंट भी कर चुके हैं। अमित शाह प्रधानमंत्री मोदी की अनुमति मिलते ही जल्द से जल्द इन विधायकों को भाजपा में शामिल कर सकते हैं।
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अपने ही झगड़े का शिकार हो रही है सपा
समाजवादी पार्टी में मची आंतरिक कलह ने अब पार्टी को ही नुक्सान पहुंचाना शुरू कर दिया है। एक ओर जहाँ पार्टी में हर विषय के लिए दो धड़ बन गए हैं। वहीं इस विवाद के चलते सपा का चुनाव चिन्ह भी जब्त होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में सपा के विश्वसनीय सिपाहसलारों ने अपने भविष्य के लिए अन्य दलों का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी आंतरिक कलह के चलते विधानसभा चुनाव की दौड़ में फिलहाल सबसे पीछे नजर आ रही है। इतना ही नहीं पार्टी के विधायकों और नेताओं को भी परिवार की लड़ाई में पार्टी का जहाज डूबता नजर आ रहा है।
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