आरएसएस-भाजपा का चुनावी मंथन, दो सत्रों में दिए चुनावी मंत्र
आरएसएस-भाजपा की समन्वय बैठक में यूपी चुनाव 2017 के लिए सात घंटे तक मंथन किया। इस दौरान नोटबंदी मसले पर नफा-नुकसान का गणित लगाया गया।
बुलंदशहर (जेएनएन)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ-भाजपा की समन्वय बैठक में यूपी महासमर 2017 के लिए मंथन किया। सात घंटे तक चुनावी मंथन में विजयश्री के लिए रणनीति पर चर्चा हुई। इस दौरान नोटबंदी के मसले पर भी नफा-नुकसान का गणित लगाया गया। आरएसएस के सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल व दत्रातेय के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, उप्र प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल, प्रदेश संगठन मंत्री हरीश के अलावा 210 विधानसभाओं के 218 पदाधिकारियों की सुबह 9 बजे से समन्वय बैठक शुरू हुई।
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बैठक का शुभारंभ डॉ. कृष्ण गोपाल के उद्बोधन से हुआ। समापन सत्र में दूसरे सह सरकार्यवाह दत्रातेय ने अपने विचार रखे। सात घंटे तक चली बैठक में उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई। बैठक में विधानसभाओं में तैनात किए गए संगठन के पदाधिकारियों को चुनावी मंत्र दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में नोटबंदी का मुद्दा भी उठा। हालांकि सभी पदाधिकारियों ने इसके सकारात्मक पहलू को ही रखा। कुछ ही लोगों ने इससे आने वाली समस्या की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया। वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद 50 दिन का समय मांगा है। जनता को यह संदेश देने की जरूरत है कि जल्द ही सबकुछ ठीक हो जाएगा। बैठक में मेरठ प्रांत प्रचारक धनीराम, ब्रज प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश, प्रदेश उपाध्यक्ष की हैसियत से सांसद राजवीर सिंह, विधायक सुरेश राणा, अशोक कटारिया, अश्वनी त्यागी सहित कई बड़े पदाधिकारी मौजूद रहे। समन्वय बैठक में जिले के पदाधिकारियों को प्रवेश नहीं दिया गया।
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