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लोकसभा चुनाव 2019 : झुर्रियों से झांकता लोकतंत्र का पर्व, वृद्धाआश्रम तक चुनावी उफान

वो भी सियासत चुनाव पर अपनी दखल रखतीं हैं जी हां हम बात कर रहे हैं दुर्गाकुंड स्थित वृद्धाश्रम में रह रहीं माताओं की।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 10:44 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 10:58 AM (IST)
लोकसभा चुनाव 2019 : झुर्रियों से झांकता लोकतंत्र का पर्व, वृद्धाआश्रम तक चुनावी उफान
लोकसभा चुनाव 2019 : झुर्रियों से झांकता लोकतंत्र का पर्व, वृद्धाआश्रम तक चुनावी उफान

वाराणसी [वंदना सिंह]। शहर के एक कोने में नितांत अकेला, मुरझाया सा एक अमला है जिससे अपनों ने ही नाता तोड़ दिया। उन्हें गुमनामी में जीने पर मजबूर कर दिया। मगर इन लोगों को भले अपनों ने ठुकराया मगर देश में इस वक्त हो रही चुनावी हलचल ने उनके मन को भी झकझोर रखा है। देश की राजनीति में आए उफान ने उन तक भी दस्तक दी है। वो भी सियासत, चुनाव पर अपनी दखल रखतीं हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं दुर्गाकुंड स्थित वृद्धाश्रम में रह रहीं माताओं की। 

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देश के अलग-अलग हिस्सों से आईं तो कुछ बनारस की भी महिलाएं यहां रहती हैं। इनमें से कुछ माताओं के वोटर कार्ड भी बनें हैं कुछ के नहीं। मगर देश में सरकार को लेकर वो भी अपनी बात रखना चाहती हैं। आश्रम में रह रही हर माता का अपना दर्द है जिसे वो एक दूसरे से साझा करती हैं। चेहरे की झुर्रियों में मानों दिल का दर्द, जीवन का सच और अकेलेपन की कराह छिपी हो। 

खैर दोपहर में पेड़ की छांव में एक दूसरे से बातचीत करके मन हलका करती हैं। चूंकि चुनावी बयार में उनके मन में भी कई सवाल आए तो आपस में चुनावी चर्चा हो गई। शांति मां ने कहा कोई ऐसा प्रधानमंत्री बने जो हमारे बारे में भी सोचे। इस तरह आश्रम में जिंदगी काट रही महिलाओं तक आए और उनके लिए कुछ ऐसी व्यवस्था करे जिसमें माताएं भी व्यस्त रह सकें। माना अब गृहस्थी से उनका कोई वास्ता नहीं लेकिन अपने हुनर से वह जानी जाएं। दूसरी मां ननकी ने कहा सच, ईमानदारी, आस्था जिस नेता में हो उसे जनता चुने।

चुनावी चर्चा में उफान पर थी इसी बीच सबकी बात सुनते हुए तपाक से कमला मां ने कहा जो पानी, बिजली, शिक्षा दे उसे चुनो। जो मां का सम्मान करे उसे चुनो। हमारा तो वक्त निकल चुका है आने वाली पीढ़ी का भला हो ऐसी सरकार और ऐसा नेता चुनना है। देश को टुकड़ों, जाति में न तोड़कर एक सूत्र में बांधे ऐसे नेता को चुनना है। इस बीच महिलाओं ने देश के पहले चुनाव से लेकर पिछले चुनाव तक पर चर्चा की।


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