Move to Jagran APP

यूपी विधानसभा चुनावः चौथे चरण में रजवाड़ों संग गठबंधन की परख

यूं तो चौथे चरण में 680 उम्मीदवार हैं पर निगाहें प्रदेश सरकार में मंत्री रघुराज प्रताप सिंह, शिवाकांत ओझा, मनोज पांडेय व विधानसभा में नेता विपक्ष गयाचरण दिनकर जैसे दिग्गजों पर है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 08:35 AM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 09:24 AM (IST)
यूपी विधानसभा चुनावः चौथे चरण में रजवाड़ों संग गठबंधन की परख
यूपी विधानसभा चुनावः चौथे चरण में रजवाड़ों संग गठबंधन की परख

लखनऊ [अवनीश त्यागी] । इस चरण का मतदान इसलिए खास है क्योंकि इसमें सपा-कांग्रेस और भाजपा अपना दल के गठबंधन की परख होगी। इसके अलावा सोनिया गांधी की रायबरेली पर भी निगाह होगी, जहां कांग्रेस अपने अस्तित्व के सवाल से रूबरू है। कई दिग्गजों के राजनीतिक वारिस भी इस इम्तिहान में शामिल हैं। राजघरानों और सियासी दिग्गजों के साथ गठबंधन धर्म की परख भी होगी। गुरुवार को 12 जिलों की 53 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। चुनावी जंग में यूं तो 680 उम्मीदवार डटे हैं परंतु निगाहें प्रदेश सरकार में मंत्री रघुराज प्रताप सिंह, शिवाकांत ओझा, मनोज पांडेय व विधानसभा में नेता विपक्ष गयाचरण दिनकर जैसे दिग्गजों की सीटों पर लगी है। वहीं पर्दे के पीछे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी, बसपा से बगावत कर भाजपा में आए पूर्व नेता विरोधीदल स्वामी प्रसाद मौर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रयाद मौर्य एवं केंद्रीय मंत्री उमा भारती की साख भी दांव पर लगी है। दो बड़े गठबंधन कांग्रेस-सपा व भाजपा-अपना दल भी कसौटी कसे जाएंगे।

loksabha election banner

यह भी पढ़ें- यूपी विधानसभा चुनावः घर से निकलें और लहलहा दें वोटों की फसल

प्रतापगढ़ जिले में कुंडा क्षेत्र से छठवीं बार विधायक बनने चुनाव मैदान में उतरे रघुराज प्रताप सिंह निर्दलीय हैं परंतु उन्हें सपा-कांग्रेस गठबंधन का समर्थन मिल रहा है। कुंडा सीट से अधिक रोचक मुकाबला रायबरेली जिले में ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र में है। सपा में नए ब्राह्मïण चेहरे के तौर पर तैयार किए गए कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय को गठबंधन में शामिल सहयोगी कांग्रेस के अलावा भाजपा और बसपा से टक्कर मिल रही है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कर्ष मौर्य भाजपा उम्मीवार के तौर पर उतरे हैं। रायबरेली सदर सीट को लेकर सबकी उत्कंठा है। यहां बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह की पुत्री अदिति सिंह अपनी सियासी पारी को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में शुरू कर रही है। विदेश से मैनेजमेंट शिक्षा पाकर अपने पिता की सियासी विरासत को संभालने की उम्मीद से उतरी अदिति सिंह को भाजपा- बसपा से चुनौती मिल रही है।

यह भी पढ़ें- UP Election 2017: 12 जिलों की 53 सीटों पर मतदान शुरू, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

इलाहाबाद पश्चिम सीट से चुनाव लड़ रही बसपा विधायक पूजा पाल अपनी जीत के सिलसिले को बनाए रखती है अथवा नहीं। बाहुबली अतीक अहमद को हराकर चर्चा में रही पूजा इस बार कड़े मुकाबले में फंसी है। मेजा सीट पर भाजपा उम्मीदवार नीलम करवरिया लड़ रही हैं। नीलम बाहुबली उदयभान करवरिया की पत्नी है। मायावती सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे वरिष्ठ बसपा नेता इंद्रजीत सरोज मंझनपुर में फंसे है तो बगावत करके समाजवादी उम्मीदवार बने पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल के लिए इम्तिहान की घड़ी है।

यह भी पढ़ें- यूपी चुनाव 2017, चौथा चरण: जानिए, किस पार्टी ने कितने 'करोड़पति' उतारे मैदान में...

प्रचार से दूर परन्तु दांव पर साख : ऐसा पहली बार है कि रायबरेली में चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नहीं पहुंची। पुश्तैनी सियासी गढ़ में कांग्रेस को बचाए रखने के लिए प्रियंका व राहुल गांधी ने भी मात्र दो सभाएं की। गांधी परिवार की साख अपने गढ़ में दांव पर है तो पांच बार विधायक निर्वाचित हुए अखिलेश सिंह की प्रतिष्ठा अदिति को चुनाव जिताने से जुड़ी है। इसी तरह रामपुर खास सीट पर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी के सामने भी अपनी बेटी आराधना मिश्रा को दूसरी बार भी विधायक बनवाने की चुनौती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सपा सांसद रेवतीरमण सिंह को अपने बेटे उज्जवल रमण सिंह को लगातार दूसरी हार बचाने की परीक्षा देनी होगी। वहीं बसपा में बगावत का झंडा बुलंद करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को अपने पुत्र उत्कर्ष मौर्य की जीत के लिए ही नहीं भाजपा के लिए भी कुछ कर दिखाने का मौका होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को भी अपने क्षेत्र में अपना प्रभाव सिद्ध करना होगा। वहीं बुंदेलखंड में केंद्रीय मंत्री उमा भारती की लोकप्रियता का आकलन होगा।

यह भी पढ़ें- UP polling: कांग्रेसी गढ़ रायबरेली, इलाहाबाद और बुंदेलखंड में मतदान

गठबंधन धर्म की परख : चौथे चरण में सपा कांग्रेस के अलावा भाजपा व अपना दल-एस गठबंधन की असल परीक्षा होगी क्योंकि चुनावी गठजोड़ यहां कई क्षेत्रों में फ्रेंडली फाइट में तब्दील है। गत विधान सभा चुनाव में इस चरण की 53 सीटों में 24 समाजवादी पार्टी, 15 बहुजन समाज पार्टी, छह कांग्रेस व पांच भारतीय जनता पार्टी को मिली थीं। पीस पार्टी के खाते में एक व दो निर्दल विजयी हुए थे। देखना है कि इस बार गठजोड़ में वोटों का समीकरण क्या गुल खिलाएगा?

यह भी पढ़ें- यूपी चुनाव LIVE : महोबा व रायबरेली में फायरिंग, कई जख्मी

प्रचार में मर्यादाएं लांघी : चुनावी जीत को सुनिश्चित करने की होड़ में सभी पार्टियों ने पूरी ताकत झोंकने के साथ साथ मर्यादा भी तोड़ी। सोनिया गांधी भले ही प्रचार के लिए नहीं उतरी परंतु प्रियंका ने माहौल बनाने के लिए दो सभाओं में शिरकत की। रोड शो के जरिए वोटरों को लुभाने के लिए भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के अलावा अखिलेश और राहुल गांधी भी सड़क पर उतरे। जन सभाएं करने में कोई पार्टी पीछे नहीं रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन चुनावी सभाएं कीं और राजनाथ सिंह ने प्रचार के अंतिम दिन आधा दर्जन रैलियां की। बसपा प्रमुख मायावती ने आधा दर्जन और राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने लगातार दौरे किए। कुल 680 उम्मीदवारों में से 28 फीसद करोड़पति व 17 फीसद के खिलाफ अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

यह भी पढ़ें- यूपी विधानसभा चुनाव: चौथे चरण में सिर्फ 9 फीसद महिलाओं को टिकट

यह भी पढ़ें- यूपी इलेक्शन: चौथे चरण में इतने आपराधिक छवि वाले नेता लड़ रहे चुनाव

यह भी पढ़ें- UP Assembly Election: बुंदेलखंड की तिजोरी हथियाने को चुनावी सियासत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.