त्रिपुरा में चुनाव को लेकर सियासत हुई तेज, माणिक सरकार ने BJP पर लगाया गंभीर आरोप
60 सदस्यों वाली त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए भाजपा और आईपीएफटी ने हाथ मिलाया है।
हेजमरा, एएनआइ। त्रिपुरा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने भाजपा और आरएसएस पर राज्य में विभाजनकारी राजनीति खेलने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। साथ ही इंडिजीनियस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन को लेकर भी निशाना साधा है।
गौरतलब है कि 60 सदस्यों वाली त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए भाजपा और आईपीएफटी ने हाथ मिलाया है। भाजपा 51 और आईपीएफटी नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। आईपीएफटी एक जनजातीय पार्टी है।
त्रिपुरा सिमना निर्वाचन क्षेत्र के हेजमरा में एक पार्टी रैली को संबोधित करते हुए माणिक सरकार ने कहा कि भाजपा और आरएसएस जैसी विभाजनकारी ताकतों ने आईपीएफटी के साथ गठबंधन कर राज्य को बांटने की नई रणनीति अपनाई है, जो त्रिपुरा में एक अलग राज्य के लिए आवाज उठा रहे हैं।
माणिक सरकार ने आरोप लगाया कि राज्य में चुनाव से पहले वे धर्म, जाति और पंथ के आधार पर लोगों में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, लोगों की समस्याएं सुलझाने में अपनी असफलता को छिपाने के लिए भाजपा, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद पूरे देश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। वे धर्म, जाति और पंथ के नाम पर आग के साथ खेल रहे हैं। यहां वे शांति को भंग करने और त्रिपुरा को इतिहास के पन्ने से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि हम राज्य को एक मॉडल के तौर पर पेश करने में जुटे हुए हैं।
आपको बता दें कि चुनाव से पहले भाजपा को एक बड़ा झटका भी लगा है। पार्टी की त्रिपुरा इकाई के पूर्व अध्यक्ष रोनाजॉय कुमार देव ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। रोनाजॉय 2001 से पांच साल तक त्रिपुरा भाजपा के अध्यक्ष रहे थे।
प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बिप्लब कुमार देव को भेजे त्यागपत्र में उन्होंने लिखा, 'चूंकि पार्टी ने विधानसभा चुनाव में बागबासा विधानसभा सीट (उत्तरी त्रिपुरा) से मुझे उम्मीदवार नहीं बनाने का निर्णय लिया है. इसलिए मैंने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला लिया है।' उन्होंने अपना त्यागपत्र 27 जनवरी को लिखा था, लेकिन मीडिया को यह शनिवार को जारी किया गया।
हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को त्रिपुरा की जनता से कहा कि उन्होंने राज्य में वामपंथी पार्टियों को कई बार मौका दिया है, इसलिए राज्य में वास्तविक और सभी वर्गो के समग्र विकास के लिए इस बार भाजपा को भी मौका दें। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के बाहरी इलाके बर्जाला में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राजनाथ ने ये अपील की।